बिहार में   10 दिनों में 8 विदेशी गिरफ्तार, कहीं साजिश तो नहीं

बिहार में   10 दिनों में 8 विदेशी गिरफ्तार, कहीं साजिश तो नहीं

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श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

पटना :पहलगाम घटना के बाद भारत-पाकिस्तान तनातनी में बॉर्डर पर सख्ती देखी गई. हालांकि अभी दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीजफायर है. लेकिन पूरे देश में अभी भी उसको लेकर अलर्ट जारी है. जबसे युद्ध के हालात बने तब से देश के बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है. बिहार में भी बॉर्डर इलाके में चौकसी बढ़ाई गई है. इस जांच के क्रम में कई अवैध बंगलादेशी, पाकिस्तानी, चीनी नागरिकों को पकड़ा गया है बिहार के बॉर्डर इलाके पर निगरानी :दरअसल, पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना के द्वारा की गई कार्रवाई के बाद देश के कई हिस्सों में विदेशी घुसपैठ की गिरफ्तारी की खबर सामने आई. बिहार में 10 दिनों के अंदर कुल 8 विदेशी नागरिकों की गिरफ्तारी हुई है जिसमें 5 चीन के और दो बांग्लादेश के एक कनाडा का हैं. जबकि दो नेपाल के लोगों को हिरासत में लिया गया है.मोतिहारी से चीनी नागरिक गिरफ्तार 7 मई को मोतिहारी में चार चीनी नागरिकों को SSB के जवानों ने बिना भारतीय दस्तावेज के हिरासत में लिया. इन चारों लोगों के साथ नेपाल की दो महिलाएं भी साथ थी.

 

मोतिहारी के मैत्री पुल के पास एसएसबी के जवानों ने इन लोगों को घूमते हुए देखा. जब उन लोगों से पूछताछ की और भारतीय दस्तावेज मांगे तो पता चला कि यह लोग नेपाल के रास्ते भारत घूमने के लिए आए थे. इन लोगों के पास चाइनीस पासपोर्ट था लेकिन भारत का वीजा नहीं था. बिना भारतीय दस्तावेज के घूमते हुए इन लोगों को गिरफ्तार किया गया.किशनगंज से जासूस गिरफ्तार 10 मई को किशनगंज से बांग्लादेशी जासूस अशरफुल आलम को बीएसएफ के जवानों ने हिरासत में लिया. बिहार पश्चिम बंगाल बॉर्डर के किशनगंज स्थित दिनाजपुर के पास स्थित बीएसएफ की छावनी के पास से अशरफुल आलम को गिरफ्तार किया गया. संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के आधार पर इसकी गिरफ्तारी हुई.

 

बीएसएफ से पूछताछ में इसने अपने आप को बांग्लादेश का जासूस बताया. जांच के क्रम में इसके पास से देश से जुड़े हुए कई दस्तावेज और कंप्यूटर डिवाइस भी बरामद हुए.गया से बांग्लादेशी बौद्ध भिक्षु गिरफ्तार 14 मई की रात बोधगया में एक बौद्ध भिक्षु को गिरफ्तार किया गया जो बांग्लादेशी है. वह पिछले 1 महीने से बोधगया के स्लीपिंग बुद्ध टेंपल में बौद्ध भिक्षु बनकर रह रहा था. पूछताछ के क्रम में पता चला कि वह एक बांग्लादेशी है उसका नाम पवन कांति बरुआ है. पवन कांति बरुआ बांग्लादेश के कटखाली का रहने वाला है. इसके पास से अरुणाचल प्रदेश के पते पर बना हुआ फर्जी आधार कार्ड बरामद हुआ. जब पूरी जांच हुई तो इसके पास ना वीजा था और ना ही बांग्लादेश का पासपोर्ट.

 

प्रफुल्ल चकमा के नाम से बनाया गया उसका आधार कार्ड भी फर्जी निकला. मधुबनी से चीनी नागरिक की गिरफ्तारी इंडो-नेपाल सीमा पर गश्त काफी तेज कर दी गई है. आने-जाने वाले लोगों की गहनता से जांच की जा रही है. इसी क्रम में इंडो नेपाल सीमा पर तीन विदेशी नागरिकों को एसएसबी के जवानों ने हिरासत में लिया है. तीनों को लदनिया थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है.बिहार घुसपैठियों के लिए सुरक्षित क्यों ? : बिहार पुलिस सेवा के रिटायर्ड डीएसपी राजकुमार कर्ण ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि भारत और नेपाल की सीमा अधिकांश जगहों पर खुली हुई है. वैसे भारत और नेपाल के बॉर्डर पर SSB का चेक पोस्ट लगाया गया है. लेकिन अधिकांश जगहों पर सीमा खुली हुई है. यही कारण है कि स्थानीय लोगों को पता है कि किन इलाकों में जांच नहीं होती है उसी रास्ते से विदेशी आसानी से भारत में प्रवेश कर जाते हैं.यही हाल बांग्लादेश के बॉर्डर पर भी है.

 

बांग्लादेश बॉर्डर खासकर किशनगंज और सीमांचल के इलाकों में स्थानीय लोगों की मदद से भी बांग्लादेश के लोग आसानी से भारत में प्रवेश कर जाते हैं. यही कारण है कि बांग्लादेश के नागरिक हो या चीन के ये लोग आसानी से भारत में प्रवेश कर जाते हैं.”- राजकुमार कर्ण, रिटायर्ड डीएसपी, बिहार पुलिस विदेशी घुसपैठ पर जानकारों की राय :वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि बांग्लादेश से जुड़ा हुआ सीमांचल एवं भारत नेपाल बॉर्डर खुली हुई सीमा है. हालांकि इंडो नेपाल बॉर्डर पर SSB की तैनाती की गई है.

 

वहीं बांग्लादेश का बॉर्डर सीमांचल खासकर अररिया एवं किशनगंज से जुड़ी हुई है. इन इलाकों में SSB एवं बीएसएफ की तैनाती की गई है लेकिन इन दोनों इलाकों में बॉर्डर खुली हुई है. यही कारण है कि गांव के रास्ते बाहर के लोग आसानी से बिहार में प्रवेश कर जाते हैं. इन इलाकों में पहले भी विदेशी घुसपैठियों की गिरफ्तारी होती रही है. भारत नेपाल एवं बांग्लादेश के बीच एक तो खुली हुई सीमा है दूसरा की बॉर्डर इलाके के सटे हुए गांव के लोगों की भी भूमिका इसमें रहती है. यह स्थानीय लोग एक स्लीपर सेल की तरह इन लोगों की मदद के लिए काम करते हैं. बीते दिनों देखने को मिला है कि इसी इलाके से कई बड़े आतंकी की गिरफ्तारी हो चुकी है.

 

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