वायु सेना का 93वां स्थापना दिवस मनाया गया

वायु सेना का 93वां स्थापना दिवस मनाया गया

1932 में आज ही के दिन हुई थी भारतीय वायुसेना का स्थापना

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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 हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर बुधवार को सक्षम, सशक्त आत्मनिर्भर थीम पर वायु सेना का 93वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर में वीरगाथा लिखने वाले वायु योद्धाओं को स्थापना दिवस समर्पित किया। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि एयर चीफ स्टाफ के तौर पर यहां होना मेरे लिए सम्मान की बात है।

मुझे गर्व है कि मैं आज ऐसी वायु सेना का हिस्सा हूं, जो तकनीक और क्षमता में संसार की अग्रिम वायु सेनाओं में से एक है। एक ऐसी वायु सेना, जिसने हर संकट में आगे बढ़कर चुनौतियों का सामना किया और जिसका हर वायु योद्धा देश की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान करने को तैयार है। हमारे वायु वीरों ने हर युग में इतिहास रचा है।

वर्ष 1947 में कश्मीर की रक्षा, 1965 में आकाश से प्रहार, 1971 में एक नए राष्ट्र की रचना, 1999 में कारगिल में अदम्य साहस, 2019 में बालाकोट में आतंकियों का नाश और इस वर्ष ऑपरेशन सिंदूर में मात्र चार दिनों में शत्रु पर विजय, भारतीय वायु सेना ने हर मुकाम पर सामर्थ्य और वीरता का उदाहरण पेश करते हुए तिरंगे की आन और शान की हिफाजत की है।

स्वदेशी हथियारों के दम पर पाकिस्तान के मंसूबों को धराशायी किया। ऑपरेशन सिंदूर इस बात का उदाहरण कि कैसे समर्पण, नियमित अभ्यास, सावधानी पूर्वक, योजनाबद्ध तरीके से कुछ दिनों में ही बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है। एयर चीफ मार्शल ने कहा कि जहां हमारे पराक्रम ने देश की सीमाओं को सुरक्षित रखा है और दुश्मनों को उनकी जगह दिखाई है।

वहीं, सेना के हौसले और कौशल ने लोगों में विश्वास बढ़ाया है। हम न केवल आसमान के रक्षक हैं बल्कि राष्ट्र्र के अरमानों के संरक्षक भी हैं। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि देश में आपदा के समय वायु योद्धाओं ने आगे बढ़कर काम किया।

असम, सिक्कम, हिमाचल प्रदेश में आपदा के समय राहत काम में वायु योद्धा जुटे। इसके अलावा अन्य देशों संकट के समय में भारतीयों को निकालने से लेकर म्यांमार, लाओस, वियतनाम और केन्या जैसे देशों में आपदा के समय सहयोग किया।

परेड में कदमताल के साथ दिखा भारतीय सेना का शौर्य

वायुसेना के 93वें स्थापना दिवस पर चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख दिनेश कुमार त्रिपाठी के साथ पूर्व वायु सेना प्रमुख अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद रहे। इसके बाद वायु शक्ति की जोशीली धुन के साथ वायु सैनिकों ने परेड निकाली।

परेड कमांडर ग्रुप कैप्टन चेतन प्रदीप देशपांडे ने तीनों सेनाओं के बैंड के साथ परेड को कराया। एयर चीफ मार्शल स्थापना दिवस में विंटेज 1967 फोर्ड सैलून कार से पहुंचे। उन्होंने परेड का निरीक्षण किया।

वायु योद्धाओं ने परेड के दौरान एयर चीफ मार्शल को सलामी दी। जोश से भरे माहौल में तालियों की गड़गड़ाहट से सैनिक परिवारों ने परेड का खड़े होकर उत्साह बढ़ाया। इसके बाद अद्वैत टोली ने रायफल से हैरतअंगेज करतब कर अपनी शक्ति का परिचय दिया।

97 वायु योद्धाओं को मिले पुरस्कार

कार्यक्रम के दौरान एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने 97 वायु सैनिकों को वीरता के लिए युद्ध सेवा मेडल देकर सम्मानित किया। इसमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शामिल रहे वायु योद्धा भी शामिल रहे।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जान गंवाने वाले सार्जेट सुरेंद्र कुमार की पत्नी सीमा मोगा को गैलेंट्री अवार्ड दिया गया। इसके बाद अन्य वायु सैनिक और उनके परिवार के सदस्यों को पदक दिए गए।

97 वायु-योद्धा एयरफोर्स-डे पर हुए सम्मानित

इसके अलावा एएन-32 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की यूनिट और 7 बेस डिपो को भी प्रशस्ति-पत्र दिया गया. यूनिट को प्रशस्ति पत्र के अलावा, इस साल कुल 97 वायु-योद्धाओं को भी उत्कृष्ट कार्यों के लिए एयरफोर्स डे पर सम्मानित किया गया, जिसमें 02 मरणोपरांत शामिल थे.

पूरे तीन साल बाद, वायुसेना दिवस समारोह राजधानी दिल्ली में लौटा है. साल 2022 में वायुसेना दिवस को चंडीगढ़ में मनाया गया था तो 2023 में प्रयागराज और पिछले वर्ष (2024) में चेन्नई में. हालांकि, इस साल वायुसेना दिवस के मौके पर फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर की फ्लाई पास्ट को हिंडन पर आयोजित नहीं किया गया है. 9 नबम्बर को गुवाहटी (असम) में ब्रह्मपुत्र नदी की एयर-स्पेस में फ्लाई पास्ट का आयोजन किया जाएगा.

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