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केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने उड़ीसा के पुरी समुंद्र तट पर स्वच्छता अभियान के लिए लोगों को प्रेरित किया. - श्रीनारद मीडिया

केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने उड़ीसा के पुरी समुंद्र तट पर स्वच्छता अभियान के लिए लोगों को प्रेरित किया.

केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने उड़ीसा के पुरी समुंद्र तट पर स्वच्छता अभियान के लिए लोगों को प्रेरित किया.

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स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में मंत्रालय द्वारा आयोजित समुंद्र तट पर स्वच्छता अभियान कार्यक्रम में सम्मिलित हुए.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क


केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि वातावरण को स्वच्छ रखना, यह हम सब का नैतिक कर्तव्य है। भारत की प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति में नदी एवं समुंदर का विशेष महत्व है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जल, थल एवं नव को स्वच्छ सुंदर बनाने का जो संकल्प लिया है। इन 7 सालों में उसके मूर्त रूप देखने को मिल रहा है। यह देश के लिए ‘गर्व की बात है। 10 समुंद्री तट को ब्लू फ्लैग दिया गया है।

श्री अश्विनी चौबे गुरुवार (7अक्टूबर2021)को उड़ीसा के गोल्डन बीच पर आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित सागर तट पर स्वच्छता अभियान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत के तटीय क्षेत्रों के ‘सतत विकास’ के क्रम में एक अत्यधिक प्रशंसित एवं प्रमुख कार्यक्रम बीच एनवायर्नमेंट एंड एस्‍थेटिक्‍स मैनेजमेंट सर्विसेज (बीईएएमएस) शुरू किया है। इसका मुख्‍य उद्देश्य संसाधनों के समग्र प्रबंधन के जरिये प्राचीन तटीय एवं समुद्री पारिस्थितिक तंत्र का संरक्षण करना है।

बीईएएमएस कार्यक्रम का उद्देश्य तटीय समुद्र में प्रदूषण को कम करना, समुद्र तटीय वस्‍तुओं के सतत विकास को बढ़ावा देना, तटीय पारिस्थितिक तंत्र एवं प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना और स्थानीय अधिकारियों एवं हितधारकों को समुद्र तट पर जाने वालों के लिए साफ-सफाई, स्वच्छता, एवं सुरक्षा के उच्च मानकों को तटीय पर्यावरण एवं विनियमों के अनुसार बनाए रखने के लिए सख्‍ती से निर्देशित करना है।

उन्होंने कहा कि जागरूकता का ही असर है कि पिछले 3 वर्षों में समुद्री कचरे में 85 प्रतिशत और समुद्री प्लास्टिक में 78 प्रतिशत की कमी आई है। 750 टन समुद्री कूड़े का जिम्मेदारीपूर्वक वैज्ञानिक तरीके से निपटान हुआ है। समुद्र तट पर जाने वाले 1,25,000 लोगों को समुद्र तटों पर जिम्मेदार व्यवहार के लिए शिक्षित किया गया है। पर्यटकों की संख्या में लगभग 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जिससे आर्थिक विकास को बल मिला। मंत्रालय अपने आईसीजेडएम पहल के तहत अगले 5 वर्षों में 100 अन्‍य समुद्र तटों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

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