Raghunathpur: कलश स्थापना के लिए आदर्श मंच समिति के द्वारा निकाली गई कलश यात्रा

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आदर्श ग्राम नरहन में होती है माता की भव्य पूजा व पूर्णमासी के दिन निकलता है प्रसिद्ध विराट जुलूस

श्रीनारद मीडिया, प्रकाश चन्द्र द्विवेदी, रघुनाथपुर, सीवान (बिहार)

सीवान जिले के रघुनाथपुर प्रखंड के आदर्श ग्राम नरहन में गुरुवार को नवरात्रि के प्रथम दिन आदर्श मंच समिति द्वारा कलश स्थापना के लिए सरजू नदी से जलभराव को लेकर कलश यात्रा निकाली गई। इस कलश यात्रा में शामिल सभी लोग कलश को सिर पर रखकर माता का स्मरण करते हुए भक्ति मय वातावरण में भक्ति-संगीत के साथ नृत्य करते हुए सरजू नदी से जल भर कर कलश स्थापना स्थल तक लाए। कलश यात्रा को लोग सड़कों और अपने घरों की छतों पर खड़े होकर देखते हुए नवरात्र में होने वाली पूजा व उसके बाद निकलने वाले विराट जुलूस की सफलता के लिए माता से कामना कर रहे थे।

नवरात्रि एक हिंदू पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है नौ रातें । इन नौ रातों और दस तीनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती हैं। दसवां दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। जो पौष, चैत्र, आषाढ व अश्विन प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियों- महालक्ष्मी, महासरस्वती और दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं। नव दुर्गा के रूप में नवरात्र के इन 9 दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है जिसमें

प्रथम शैलपुत्री–जिसका अर्थ होता है पहाड़ों की पुत्री, द्वितीय ब्रह्मचारिणी–जिसका अर्थ होता है ब्रह्मचारिणी, तृतीय चंद्रघंटा–चांद की तरह चमकने वाली, चतुर्थ कुष्मांडा–पूरा जगत उनके पैरों, पंचम स्कंदमाता–कार्तिक स्वामी की माता, षष्ठी कात्यायनी–कात्यायन आश्रम में जन्मि, सप्तमी कालरात्रि–काल का नाश करने वाली, अष्टमी महागौरी–सफेद रंग वाली मां, नवमी सिद्धिदात्री–सर्व सिद्धि देने वाली।

शक्ति की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र, नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल से मनाया जा रहा है। सर्वप्रथम श्री रामचंद्र जी ने इस शारदीय नवरात्रि पूजा का प्रारंभ समुद्र तट पर किया था और उसके बाद दसवें दिन लंका विजय के लिए प्रस्थान किया और विजय प्राप्त की। तब से असत्य पर सत्य, अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व दशहरा मनाया जाने लगा।

आदर्श मंच समिति के सदस्यों ने बताया कि दशहरा को शांतिपूर्ण ढंग से व कोरोना को लेकर सरकार के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक मनाया जाएगा।

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