यूपी के ये मंत्री जो भाजपा में नहीं, पर सरकार में शामिल हुये.

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सरकार के 39 मंत्री करोड़पति, 20 पर गंभीर आपराधिक मुकदमे.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचंड जीत के बाद राज्य में दूसरी बार बनी योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 के मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को शपथ ले ली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में योगी ने अपने मंत्रिपरिषद के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। योगी आदित्यनाथ के इस 53 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में भाजपा ने सहयोगी दलों का भी मान रखा है।

राजधानी लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में शुक्रवार को योगी सरकार 2.0 का ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह हुआ। प्रदेश की राजनीति में 37 वर्ष बाद भाजपा ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी का रिकार्ड बनाया तो पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा शपथ लेने का इतिहास योगी ने रच दिया।

योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 की इस टीम को तैयार करने में भाजपा ने सहयोगी दलों का भी मान रखा है। अपना दल (एस) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

इसकी के साथ भाजपा ने दूसरे दल से आए राकेश सचान, दिनेश प्रताप सिंह को मंत्री पद दिया है। जितिन प्रसाद का कैबिनेट मंत्री का पद बरकरार है तो पिछली सरकार में विधानसभा उपाध्यक्ष बनाए गए नितिन अग्रवाल अब राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार होंगे।

भाजपा संगठन को भी विधानसभा चुनाव में मेहनत से किए गए काम का इनाम दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया तो चुनाव प्रबंधन संभालने वाले प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर और पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र कश्यप को अपने वर्ग में काम करने का उपहार मिला है। दोनों का स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्यमंत्री बनाया गया है।

योगी सरकार के 20 मंत्रियों के विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। मंत्रिपरिषद में शामिल 45 सदस्यों के शपथपत्रों के विश्लेषण में यह तस्वीर सामने आई है। जिन 45 मंत्रियों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया है, उनमें 39 (87 प्रतिशत) मंत्री करोड़पति हैं। मंत्रियों की औसत संपत्ति नौ करोड़ रुपये है।

एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्मस (एडीआर) और उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच के अनुसार मंत्री जितिन प्रसाद व संजय निषाद के शपथपथ स्पष्ट न होने तथा जेपीएस राठौर, नरेंद्र कश्यप, दिनेश प्रताप सिंह, दयाशंकर मिश्र दयालु, जसवंत सैनी दानिश आजाद अंसारी का विवरण उपलब्ध न होने की वजह से उन्हें विश्लेषण में शामिल नहीं किया गया है। शेष 45 मंत्रियों के विश्लेषण में सामने आया है कि 22 (49 प्रतिशत) ऐसे मंत्री हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि इनमें 20 (44 प्रतिशत) ऐसे हैं, जिन्होंने अपने विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये हैं।

मंत्रिपरिषद में शामिल जिन सदस्यों के विरुद्ध आपराधिक मामले घोषित हैं, उनमें नंद गोपाल गुप्ता नंदी, दया शंकर सिंह, मयंकेश्वर शरण सिंह, केशव प्रसाद मौर्य, भूपेंद्र चौधरी, राकेश सचान, कपिल देव अग्रवाल, रविंद्र जायसवाल, योगेन्द्र उपाध्याय, मनोहर लाल, डा.सोमेन्द्र सिंह तोमर, गिरीश चंद्र यादव, संजय सिंह गंगवार, दिनेश खटीक, अनिल राजभर, ब्रजेश सिंह, सतीश चंद्र शर्मा, सुरेश राही, प्रतिभा शुक्ला, विजयलक्ष्मी गौतम, रमेश सिंह व धर्मपाल सिंह के नाम शामिल हैं।

मंत्रियों की शैक्षिक योग्यता के विश्लेषण में सामने आया है कि नौ (20 प्रतिशत) मंत्री ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता आठवीं से 12वीं के बीच घोषित की है। 36 (80 प्रतिशत) मंत्रियों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक व उससे अधिक घोषित की है। इसके अलावा 20 (44 प्रतिशत) मंत्री ऐसे हैं, जिनकी आयु 30 से 50 वर्ष के मध्य है। जबकि 25 (56 प्रतिशत) मंत्रियों की आयु 51 से 70 वर्ष की बीच है।

 

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