Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
तो म्यूनिख ‘मोदी-मोदी’ से गूंज उठा...... - श्रीनारद मीडिया

तो म्यूनिख ‘मोदी-मोदी’ से गूंज उठा……

तो म्यूनिख ‘मोदी-मोदी’ से गूंज उठा……..

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

जर्मनी के म्यूनिख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीयों को संबोधित किया. उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों को बताया कि देश कितना बदल गया है. मोदी ने जब देश की उपलब्धियों का बखान करना शुरू किया, अपने देशवासियों की ताकत के बारे में बताना शुरू किया, तो म्यूनिख ‘मोदी-मोदी’ से गूंज उठा. पीएम मोदी ने यहां लोकतंत्र और लोकतंत्र के उस काले अध्याय इमरजेंसी का भी जिक्र किया.

ड्रोन से मैपिंग के बाद लोगों को दिये जा रहे प्रॉपर्टी सर्टिफिकेट

इस अवसर पर पीएम मोदी ने म्यूनिख में मौजूद हजारों भारतीयों को बताया कि आज भारत में जिस तरह से ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग हो रहा है, आप उसे जानकर हैरान रह जायेंगे. अब खेतों में खाद का छिड़काव ड्रोन से हो रहा है. स्वामित्व योजना के तहत देश के लाखों गांवों में जमीन और घरों की मैपिंग का काम ड्रोन ही कर रहे हैं. इस अभियान के द्वारा करोड़ों नागरिकों को प्रॉपर्टी सर्टिफिकेट दिये जा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के समय, राहत एवं बचाव के समय भी ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भारत में लगातार बढ़ रहा है.

बदल चुकी है भारत की सोच

उन्होंने कहा कि आज का भारत ‘होता है, चलता है, ऐसे ही चलेगा’ की मानसिकता से बाहर निकल चुका है. आज के भारत की पहचान है- करना है, करना ही है और समय पर करना है. इस संकल्प के साथ हिंदुस्तान चल रहा है. भारत अब तत्पर है, तैयार है, अधीर है. भारत अधीर है प्रगति के लिए, विकास के लिए. भारत अधीर है अपने सपनों को संकल्प से सिद्धि तक पहुंचाने के लिए अधीर है.

भारत को अपने सामर्थ्य पर भरोसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत आज अपने सामर्थ्य में भरोसा करता है. अपने आप में भरोसा करता है. इसलिए आज हम पुराने रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं और नये लक्ष्य हासिल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने वर्ष 2016 में तय किया था कि 2030 तक हमारी कुल बिजली उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत नन फॉसिल फ्यूल से होगा. अभी 2030 से हम 8 साल दूर हैं, लेकिन भारत ये लक्ष्य हासिल कर चुका है.

भारत के 95 फीसदी वयस्क ले चुके हैं वैक्सीन की एक डोज

उन्होंने कहा कि हमने पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेंडिंग का टार्गेट रखा था. ये लक्ष्य भी देश ने डेडलाइन से 5 महीने पहले ही हासिल कर लिया. भारत में कोविड वैक्सीनेशन की स्पीड और स्केल से आप परिचित हैं. आज भारत में 90 प्रतिशत वयस्कों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है. 95 फीसदी वयस्क कम से कम एक डोज ले चुके हैं.

मेड इन इंडिया वैक्सीन ने करोड़ों लोगों की जान बचायी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये वही भारत है, जिसके बारे में कुछ लोग कह रहे थे कि सवा अरब आबादी को वैक्सीन लगाने में 10-15 साल लग जायेंगे. आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, तो भारत में वैक्सीन डोज का आंकड़ा 196 करोड़ को पार कर चुका है. मेड इन इंडिया वैक्सीन ने भारत के साथ ही दुनिया के करोड़ों लोगों की कोरोना से जान बचायी है.

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको सिस्टम

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे याद है, वर्ष 2015 में जब मैं जर्मनी आया था, तो स्टार्टअप इंडिया अभियान एक आइडिया के स्तर पर था. तब स्टार्टअप वर्ल्ड में भारत का कोई नामो निशान नहीं था. आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको सिस्टम है. एक समय था, जब भारत साधारण से साधारण स्मार्टफोन भी बाहर से मंगाता था. आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरर है. आज भारत में बने मोबाइल दुनिया भर में जा रहे हैं.

हमारी बायोटेक इकॉनमोमी आज 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की

प्रधानमंत्री ने कहा कि 7-8 साल पहले जब मैं आप जैसे साथियों से चर्चा करता था, तो हमारी बायोटेक इकॉनोमी 10 मिलियन डॉलर यानी 75 हजार करोड़ रुपये की हुआ करती थी. आज ये 8 गुणा बढ़कर 80 बिलियन डॉलर यानी 6 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुकी है. साथियों, मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी भारत के लोगों का हौसला ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है.

निर्यात में नयी ऊंचाईयों को छुआ

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल हमने अब तक का सबसे ज्यादा निर्यात किया है. यह इस बात का सबूत है कि एक ओर हमारे निर्माता नये अवसरों के लिए तैयार हो चुके हैं, तो दूसरी ओर दुनिया भी हमारी ओर उम्मीद और विश्वास से देख रही है. बीते ही वर्ष भारत ने 111 बिलियन डॉलर यानी 8 लाख 30 हजार करोड़ रुपये के इंजीनियरिंग गुड्स का एक्सपोर्ट किया है.

कॉटन और हैंडलूम का निर्यात 55 प्रतिशत बढ़ा

भारत के कॉटन और हैंडलूम के निर्यात में भी 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. भारत में निर्माण क्षेत्र को बढ़ाने के लिए सरकार ने करीब 2 लाख करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव स्कीम भी शुरू की है. अगले साल हम अपने एक्सपोर्ट टार्गेट को और बढ़ा सकते हैं. इसमें आप काफी मदद कर सकते हैं.

साल-दर साल नये रिकॉर्ड बना रहा विदेशी निवेश का इनफ्लो

हमारा एफडीआई इनफ्लो भी साल दर साल नये रिकॉर्ड बना रहा है. जब किसी देश के नागरिक सबका प्रयास की भावना के साथ जनभागीदारी की भावना के साथ राष्ट्रीय संकल्पों को सिद्ध करने में जुट जाते हैं, तो उन्हें दुनिया की बड़ी-बड़ी शक्तियों का भी समर्थन मिलने लग जाता है.

दुनिया भारत के साथ काम करना चाहती है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया की बड़ी शक्तियां आज भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती है. अपने देशवासियों की संकल्प शक्ति से आज भारत प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ रहा है. हमारे लोगों के संकल्पों से, उनकी भागीदारी से भारत के प्रयास आज जनआंदोलन बन रहे हैं. यही मुझे देश के भविष्य के लिए आश्वस्त करता है.

भारत के किसान अपना रहे हैं ऑर्गेनिक फार्मिंग

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में ऑर्गेनिक फार्मिंग जैसे शब्द चर्चा का विषय बने हुए हैं, लेकिन भारत के किसान खुद आगे आकर इसे जमीन पर उतार रहे हैं. इसी तरह क्लाइमेट चेंज आज भारत में केवल सरकारी नीति का मुद्दा नहीं है. भारत का युवा इलेक्ट्रिक वाहन और ऐसी ही दूसरी प्रो क्लाइमेट टेक्नोलॉजी में निवेश कर रहा है. 2014 तक भारत में खुले में शौच एक बड़ी समस्या थी, लेकिन हमने देश में 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाये. आज स्वच्छता भारत में एक जीवन शैली बन रही है. भारत के लोग, भारत के युवा देश को स्वच्छ रखना चाहते हैं.

25 साल बाद कहां जाना है, उसका रोड मैप तैयार है

प्रधानमंत्री ने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. भारत आज अभूतपूर्व संभावनाओं से भरा है. भारत एक मजबूत और निर्णायक सरकार के नेतृत्व में नये सपने भी देख रहा है, नये संकल्प भी ले रहा है और संकल्पों को सिद्धि में बदलने में भी जुटा है. उन्होंने कहा कि 5 साल बाद हमें कहां पहुंचना है, यह भी तय है. और आने वाले 25 साल के लिए जब देश आजादी की शताब्दी मनायेगा, उस 25 साल की आत्मनिर्भरता का रोड मैप भी तैयार है.

विश्व को हम दे रहे हैं समाधान

प्रधानमंत्री मोदी ने म्यूनिख में कहा कि अब वो दिन चले गये, जब दुनिया में कुछ होता था तो हम रोना रोते थे. भारत आज वैश्विक चुनौतियों का रोना रोने वाला देश नहीं है. भारत आज आगे बढ़कर चुनौतियों का समाधान दे रहा है. सीडीआरआई फंड के जरिये हम आपदा से लड़ने में सक्षम बनाना चाहते हैं दुनिया को. ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ का सपना हमने दुनिया के सामने रखा है. इसके लाभ भारत ने पिछले 8 सालों में खुद अनुभव किये हैं. ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर जिस स्केल पर भारत काम कर रहा है, उसमें भी मानवता का ही हित है. भारत में डब्ल्यूएचओ सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसीन स्थापित होने से प्राचीन चिकित्सा पद्धति का ग्लोबल सेंटर बन रहा है.

योग की ताकत को दुनिया ने पहचाना

प्रधानमंत्री ने कहा कि योग की ताकत से तो आप भीलभांति परिचित ही हैं. पूरी दुनिया को नाक पकड़वा दिया है. नयी विरासत बनाने की सबसे बड़ी ताकत हमारे नौजवान हैं. भारत के युवाओं को सशक्त करने केलिए इक्कीसवीं सदी की पहली शिक्षा नीति लेकर आये हैं. जर्मनी में रहने वाले सभी लोग जानते हैं कि मातृभाषा में डॉक्टरी, इंजीनियरिंग पढ़ने का कितना लाभ होता है. अब यही लाभ भारत के युवाओं को भी मिलेगा.

सरकारी व्यवस्था में होते हैं एक-दो राजदूत, मेरे तो करोड़ों राष्ट्रदूत हैं

नयी शिक्षा नीति में रिसर्च के लिए ग्लोबल पार्टनरशिप पर भी फोकस है. जर्मनी के संस्थानों के लिए भी इसमें बहुत सारे अवसर बन रहे हैं. बीते दशकों में आपने अपने मेहनत से, अपने काम से भारत की सशक्त छवि यहां बनायी है. आजादी के अमृतकाल में आपसे अपेक्षाएं और बढ़ गयीं हैं. आप इंडिया की सक्सेस स्टोरी भी हैं और भारत की सफलताओं के ब्रांड एंबेसडर भी हैं. इसलिए, मैं आप सब साथियों को विश्व भर में फैले भारतीयों से कहता हूं कि आप राष्ट्रदूत हैं. उन्होंने कहा कि सरकारी व्यवस्था में एक-दो राजदूत होते हैं. मेरे तो करोड़ों राष्ट्रदूत हैं.

Leave a Reply

error: Content is protected !!