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पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा के तहत कठोर अनुशासन का कर रहे हैं,क्यों? - श्रीनारद मीडिया

पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा के तहत कठोर अनुशासन का कर रहे हैं,क्यों?

पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा के तहत कठोर अनुशासन का कर रहे हैं,क्यों?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम लला की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के तहत विभिन्न अनुष्ठानों और कठोर अनुशासन का पालन शुरू कर दिया है। अपने नियमित कामकाज और दौरों के बीच वह जमीन पर सो रहे हैं और फलाहार कर रहे हैं। गेस्ट हाउस के कर्मचारियों के अनुसार पीएम मोदी केरल दौरे के दौरान कोच्चि के सरकारी गेस्ट हाउस में मंगलवार की रात जमीन पर सोए और फल खाए।

कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए केरल और उत्तर भारतीय व्यंजन भी बनाया था, लेकिन मंगलवार की रात को वह जब गेस्ट हाउस पहुंचे तो उन्होंने पहले तो नारियल पानी पिया और फिर रात्रिभोज में केवल फल खाए। गेस्ट हाउस ने पीएम मोदी के सोने के लिए भी किंग साइज बेड की व्यवस्था की थी। लेकिन वह बिस्तर के बजाय जमीन पर योगा मैट बिछाकर सोए।

सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान में लेंगे भाग

अगले दिन वह सुबह साढ़े चार बजे उठ गए और एक गिलास गर्म पानी पीने के बाद योग किया। वह हर सुबह अपना योगासन करना नहीं भूलते हैं। बताया जाता है कि अयोध्या में सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान में भाग लेने के लिए उन्होंने अपनी दिनचर्या को कुछ नियमों से बांध लिया है।अगले दिन जब वह गेस्ट हाउस से जाने लगे तो उन्होंने स्टाफ की प्रशंसा कर आभार जताया। मोदी केरल में मंगलवार और बुधवार को रहे थे। पहले उन्होंने यहां एक रोड शो किया और फिर अगले दिन अभिनेता सुरेश गोपी की बेटी की शादी में शामिल हुए और त्रिचूर के राम मंदिर में भगवान के दर्शन किए।

कल और परसों पीएम मोदी जाएंगे तमिलनाडु के कई मंदिरों में

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 और 21 जनवरी को तमिलनाडु के कुछ प्रमुख मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करेंगे। 22 जनवरी को अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान से पहले वह देश के विभिन्न मंदिरों में जाकर पूजा-पाठ कर रहे हैं। पीएमओ के अनुसार वह 20 जनवरी को तमिलनाडु में त्रिचुरापल्ली स्थित श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर के दर्शन सुबह करीब 11 बजे करेंगे।

वह मंदिर में कम्ब रामायण के श्लोकों का पाठ करेंगे। उसके बाद वह रामेश्वरम में दोपहर दो बजे श्री रामनाथस्वामी मंदिर भगवान के दर्शन और पूजा करेंगे। वह यहां भजन संध्या में भी शामिल होंगे। 21 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी धनुषकोडि स्थित कोथंदरामास्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। वह पास स्थित अरुचल मुनाई भी जाएंगे जहां राम सेतु बना हुआ है। यहीं पर विभीषण पहली बार भगवान राम से मिले थे।

’22 के बाद श्रद्धालुओं के साथ जाएं मंदिर’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कैबिनेट सहयोगियों से रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन दिवाली की तरह अपने घरों पर दिये जलाने और गरीबों को भोजन कराने को कहा है। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने गुरुवार को यह उद्गार कैबिनेट बैठक में व्यक्त किए। उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से यह भी कहा कि 22 जनवरी के बाद वह अपने राज्यों से श्रद्धालुओं के साथ मंदिर जाएं। उल्लेखनीय है कि भाजपा के नेतृत्व वाले राजग का मानना है कि मंदिर के लिए की जानेवाली अपील से आगामी अप्रैल-मई में संभावित लोकसभा चुनावों में सहायता हो सकती है। भाजपा ने पहले ही देश भर के अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद अयोध्या जाने की अपील की है।

केंद्र सरकार ने रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 22 जनवरी को पूरे देश में सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों, केंद्रीय संस्थानों और केंद्रीय औद्योगिक प्रतिष्ठानों को दोपहर 2.30 बजे तक आधे दिन के लिए बंद रखने की घोषणा की है। साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, बीमा कंपनियां, वित्तीय संस्थान और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भी आधे दिन बंद रहेंगे। इनके कर्मचारी भी उत्सव में भाग ले सकें, इसलिए यह निर्णय लिया गया है।

दूरदर्शन पर होगा सीधा प्रसारण

ध्यान रहे कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का दूरदर्शन से सीधा प्रसारण होगा। देश के सभी मंदिरों में भी उस वक्त भक्तों का जमावड़ा होने की उम्मीद जताई जा रही है। रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को समर्पित छह विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किए। साथ ही विश्व के अलग-अलग देशों में प्रभु श्रीराम से जुड़े जो डाक टिकट पहले जारी हुए हैं, उनका भी एक एलबम जारी किया।

इस दौरान भारत और विदेश में प्रभु राम के सभी भक्तों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने महर्षि वाल्मीकि के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि जब तक पृथ्वी पर पर्वत हैं, नदियां हैं, तब तक रामायण की कथा, श्रीराम का व्यक्तित्व लोक समूह में प्रचारित होता रहेगा। स्मारक डाक टिकट जारी करते हुए प्रधानमंत्री ने वीडियो संदेश में कहा कि पत्र या महत्वपूर्ण दस्तावेज भेजने के लिए लिफाफे पर ये टिकट चिपकाए जाते हैं, लेकिन वे एक अन्य उद्देश्य भी पूरा करते हैं।

टिकट सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं

डाक टिकट ऐतिहासिक घटनाओं को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने के माध्यम के रूप में भी काम करते हैं। जब भी आप किसी को डाक टिकट के साथ कोई पत्र या वस्तु भेजते हैं तो आप उन्हें इतिहास का एक टुकड़ा भी भेज रहे होते हैं। ये टिकट सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि इतिहास की किताबों, कलाकृतियों और ऐतिहासिक स्थलों का सबसे छोटा रूप हैं।

उन्होंने कहा कि ये स्मारक टिकट हमारी युवा पीढ़ी को प्रभु राम और उनके जीवन के बारे में जानने में भी मदद करेंगे। इन टिकटों पर कलात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से प्रभु राम के प्रति भक्ति व्यक्त की गई है और लोकप्रिय चौपाई ‘मंगल भवन अमंगल हारी’ के उल्लेख के साथ राष्ट्र के विकास की कामना की गई है। इन टिकटों पर सूर्यवंशी राम के प्रतीक सूर्य की छवि है, जो देश में नए प्रकाश का संदेश भी देता है। इनमें पुण्य नदी सरयू का चित्र भी है, जो राम के आशीर्वाद से देश को सदैव गतिमान रहने का संकेत देती है।

विदेशों में भी डाक टिकट हुए जारी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कंबोडिया, कनाडा, चेक गणराज्य, फिजी, इंडोनेशिया, श्रीलंका, न्यूजीलैंड, थाईलैंड, गुयाना, सिंगापुर उन कई देशों में से हैं, जिन्होंने भगवान राम के जीवन की घटनाओं पर बहुत रुचि के साथ डाक टिकट जारी किए हैं।

भगवान श्रीराम और माता जानकी की कहानियों के बारे में संपूर्ण जानकारी वाला जारी किया गया नया एलबम हमें उनके जीवन के बारे में जानकारी देगा। यह हमें बताएगा कि भगवान राम किस तरह भारत से बाहर भी उतने ही महान आदर्श हैं और कैसे विश्व की तमाम सभ्यताओं पर प्रभु राम का कितना गहरा प्रभाव रहा है।

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