अद्भुत-अविश्वसनीय-अकल्पनीय महाकुंभ 2025

अद्भुत-अविश्वसनीय-अकल्पनीय महाकुंभ 2025

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

1001467106
1001467106
previous arrow
next arrow
1001467106
1001467106
previous arrow
next arrow

 जीवनदायिनी गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है । इस माह 11 से 17 जनवरी के बीच मात्र सात दिनों के अंदर अब तक सात करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगा ली है। सरकार का अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा लोग आने वाले हैं। महाकुंभ की शुरुआत में ही सात करोड़ स्नानार्थियों की संख्या इसी ओर इशारा कर रही है।

 

ठंड के बावजूद उत्‍साह भरपूर

कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं-स्नानार्थियों के उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है। प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं। पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र में भक्तों का तांता आ रहा। देश के विभिन्न प्रांतों से आए स्नानार्थियों, श्रद्धालुओं और विश्व के अनेक देशों से आए श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया। पूरे देश की विविध संस्कृतियों की झलक महाकुंभ नगर में देखने को मिल रही है।

 

  • 11 जनवरी को लगभग 45 लाख लोगों ने स्नान किया तो वहीं 12 जनवरी को 65 लाख लोगों के स्नान करने का कीर्तिमान स्थापित हुआ। इस तरह महाकुंभ से दो दिन पहले ही एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान का रिकार्ड दर्ज कर लिया।

  • वहीं महाकुंभ के पहले दिन पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर 1.70 करोड़ लोगों ने स्नान कर कीर्तिमान बनाया।
  • अगले दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति अमृत स्नान के अवसर पर 3.50 करोड़ लोगों ने संगम में श्रद्धा के साथ डुबकी लगाई। इस तरह महाकुंभ के पहले दो दिनों में 5.20 करोड़ से ज्यादा लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई।

  • इसके अलावा 15 जनवरी को महाकुंभ के तीसरे दिन 40 लाख लोगों ने स्नान किया।
  • 16 जनवरी को ही 30 लाख से ज्यादा लोगों ने संगम में पवित्र स्नान कर पुण्य फल की प्राप्ति की। शाम छह बजे तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया। इसमें 10 लाख कल्पवासियों के साथ देश-विदेश से आए श्रद्धालु एवं साधु-संत शामिल रहे। संगम और गंगा नदी के अन्य घाटाें पर आस्था की डुबकी लगाने वालों का तांता लगा है। महाकुंभ का पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति पर हो चुका है, डुबकी लगाने वालों की भीड़ अब भी उत्साह में है।

 

  • शुक्रवार 17 जनवरी को 29 लाख 10 हजार लोगों ने स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। इसमें 10 लाख कल्पवासी रहे। संगम, रामघाट, वीआइपी घाट, सेक्टर 17, 18, 19 के गंगा घाटों व अन्य स्थान पर आस्था की डुबकी सुबह से शाम तक लगती रही। दोपहर में मौसम साफ रहा इसलिए संगम पर और भी ज्यादा भीड़ जुटी। मेला प्रशासन से मिली सूचना के अनुसार 10 लाख कल्पवासियों, 19 लाख 10 हजार अन्य श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इससे महाकुंभ की शुरुआत से अब तक स्नान करने वालों का आंकड़ा सात करोड़ को पार कर गया है।

महाकुंभ दे रहा एकता का संदेश

यह महाकुंभ पूरी दुनिया को एकता, समरसता और मानवता का बड़ा संदेश दे रहा है। एक साथ लोग स्नान कर रहे हैं, जिसमें न तो जाति का बंधन है और न ही संप्रदाय तथा न ही छुआछूत है। इसके अलावा यहां अन्नक्षेत्र में चल रहे भंडारों में अमीर न गरीब, सभी एक ही पंगत में भोजन प्रसाद ग्रहण करते हैं। यहां भी जाति-धर्म का कोई अंतर नहीं है।

आस्था के साथ अर्थव्यवस्था भी

महाकुंभ आस्था के साथ प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ कर रहा है। प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहा है। महाकुंभ आने वाले दूसरे राज्यों व विदेश के श्रद्धालु तथा पर्यटक अयोध्या, वाराणसी, नैमिषारण्य, चित्रकूट, विंध्याचल व मथुरा भी जा रहे हैं। इससे टूर एंड ट्रेवेल्स, होटल व रेस्टोरेंट सेक्टर के साथ रेलवे व परिवहन निगम को लाभ हो रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!