एआईपीओसी में कल्याण ने किया विधान मंडलों की गुणवत्ता बढ़ाने का आह्वान

एआईपीओसी में कल्याण ने किया विधान मंडलों की गुणवत्ता बढ़ाने का आह्वान

संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली में लाना होगा निखार

1001467106
1001467106
previous arrow
next arrow
1001467106
1001467106
previous arrow
next arrow

बिहार के पटना में 85 वें एआईपीओ सम्मेलन को हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने संबोधित किया

श्रीनारद मीडिया वैध पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा


हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने पीठासीन अधिकारियों के 85 वें अखिल भारतीय सम्मेलन (एआईपीओसी) में विधान मंडलों की गुणवत्ता बढ़ाने का आह्वान किया है। कल्याण ने कहा कि विधान मंडलों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हमें माननीय सदस्यों की कार्यशैली में निखार लाना होगा और इसके लिए नियमित रूप से योजनाबद्ध ढंग से प्रयास करने होंगे।

एआईपीओ सम्मेलन मंगलवार को बिहार की राजधानी पटना में संपन्न हुआ। सम्मेलन में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्य सभा के उप-सभापति हरिवंश समेत देश भर के सभी विधान मंडलों के पीठासीन अधिकारी मौजूद रहे। समापन समारोह को बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने संबोधित किया। इस दौरान हरियाणा विधान सभा के उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने भी विधायी प्रक्रियाओं पर अपने विचार साझा किए।

सम्मेलन के दौरान हरविन्द्र कल्याण ने ‘संविधान की 75 वीं वर्षगाठ : संवैधानिक मूल्यों को सशक्त बनाए रखने में संसद एवं राज्य विधान मंडलों का योगदान’ विषय पर विस्तार से विचार रखे। उन्होंने कहा कि हमारा देश तेजी से नई ऊंचाइयों को छू रहा है। हम सभी को आज इस पवित्र मंच से संकल्प लेना चाहिए कि हमारे संविधान निर्माताओं ने जिस प्रकार परिश्रम और तप से अपना सर्वश्रेष्ठ देश को दिया है, उसी प्रकार हमें भी देश हित को प्रथम वरीयता पर रख कर कार्य करना चाहिए।

हरविन्द्र कल्याण ने विधायी कामकाज के अनुभवों को साझा किया। इस दौरान उन्होंने संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के शब्दों को दोहराते हुए कहा वे लोग सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें इस संविधान को चलाने का दायित्व मिला है। उन्होंने कहा कि हम सब को प्रतिबद्धता के साथ सफलतापूर्वक इस जिम्मेदारी को निभाना चाहिए। उन्होंने आह्वान किया कि हमें महिलाओं और युवा वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी।

उन्होंने कहा कि कोई भी बड़ा कार्य जनभागीदारी से ही सिरे चढ़ सकता है। इसलिए हमें विधायी संस्थाओं को मजबूत करते हुए यह भी तय करना होगा कि विधान मंडलों की कार्यप्रणाली ऐसी होनी चाहिए कि इससे अधिक से अधिक लोगों का कल्याण निहित रहे। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने लोकतंत्र के तीनों प्रमुख अंगों के कार्य और शक्तियां स्पष्ट रूप से परिभाषित की हैं। उन्होंने कहा था कि विधान-मंडलों को कोई भी विधि बनाने की स्वतंत्रता होगी; कार्यपालिका को कोई भी विनिश्चय करने की स्वतंत्रता होगी, तथा उच्चतम न्यायालय को विधि का कोई भी विवेचन करने की स्वतंत्रता होगी।

कल्याण ने कहा कि प्रभावी लोकतंत्र के विधान मंडलों की सफलता अति आवश्यक है। विधान मंडलों की सफलता माननीय सदस्यों की कार्यशैली और उनकी योग्यता पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधान सभा की ओर से अपने सदस्यों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए 15 वीं विधान सभा का पहला सत्र शुरू होने से ठीक पहले 12 नवंबर को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इसके साथ ही उन्होंने घोषणा कि हरियाणा विधान सभा की ओर से आगामी 5 और 6 फरवरी को प्रदेश के विधायकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीती 8 और 9 जनवरी को हरियाणा विधान सभा के कर्मचारियों के लिए भी दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के प्रभावी और सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

कल्याण ने कहा कि हरियाणा ने पिछले 10 वर्षों में अभूतपूर्व विकास किया है। प्रदेश में अधिकतर सेवाएं ऑनलाइन हो चुकी हैं। सभी गांवों को 24 घंटे बिजली मिलने लगी है। प्रत्येक वर्ग को आधुनिक तकनीकों के माध्यम से लाभ पहुंचाया जा रहा है। किसानों की प्रत्येक फसल का ऑनलाइन माध्यम से पंजीकरण किया जाता है, ताकि किसी भी नुकसान आदि की स्थित में उन्हें समुचित लाभ दिया जा सके। सरकार ने प्रदेश के युवाओं के भविष्य की विशेष रूप से चिंता की है। मेरिट के आधार पर नौकरियों दी जाती हैं। पिछले 10 वर्षों में अनेक ऐसे कार्य हुए हैं, जो हमारे संविधान निर्मार्ताओं के सपनों को साकार कर रहे हैं।

इस दौरान हरियाणा विधान सभा के उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने कहा कि इन सम्मेलनों में पारित प्रस्तावों और विचार-विमर्श ने हमारे लोकतंत्र को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे सदन जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा के मंच बने रहें, जहां विधायी प्रक्रियाएं सुचारु रूप से संचालित हों और जनप्रतिनिधि अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा और मर्यादा के साथ करें।

इस दौरान उन्होंने संसद और विधानसभाओं में व्यवधानों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता भी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जनप्रतिनिधि जनता की इच्छाओं और आकांक्षाओं का आदर करें और अपने व्यवहार से अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करें।

एआईपीओ सम्मेलन में हरियाणा विधान सभा की ओर से सचिव डॉ. सतीश कुमार, विस अध्यक्ष के सलाहकार राम नारायण यादव, अध्यक्ष के सचिव गौरव गोयल, अवर सचिव नवीन भारद्वाज भी भाग ले रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!