अब पंचायत और ग्राम स्तर पर टीबी के मरीजों की लाइन-लिस्ट तैयार करेंगे सीएचओ

अब पंचायत और ग्राम स्तर पर टीबी के मरीजों की लाइन-लिस्ट तैयार करेंगे सीएचओ
• टीबी उन्मूलन में आशा कार्यकर्ताओं के साथ सीएचओं को मिली जिम्मेदारी
• सीबीनेट और ट्रूनेट जैसी आधुनिक मशीन से मरीजों की होगी जांच
• गर्भवती महिलाओं, कुपोषित बच्चों और बुजुर्गों की नियमित टीबी स्क्रींनिंग

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):

1001467106
1001467106
previous arrow
next arrow
1001467106
1001467106
previous arrow
next arrow

टीबी उन्मूलन की लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। अब टीबी उन्मूलन में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर तैनात सीएचओं की भूमिका तय की गयी है। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने पत्र जारी कर सभी सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है।

जिसमें निर्देश दिया गया है कि टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर और आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। हर पंचायत और ग्राम स्तर पर टीबी रोगियों की लाइनलिस्ट तैयार की जाएगी।सीएचओ हर पंद्रह दिन पर आशा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर नए रोगियों की पहचान और इलाज की स्थिति की समीक्षा करेंगे। मरीजों के संपर्क में आने वालों की स्क्रींनिंग कर, आवश्यक होने पर उन्हें एक्स-रे और सीबी-नेट जांच के लिए भेजा जाएगा।

आधुनिक मशीन से टीबी के रोगियों की जांच:
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि सीबी-नेट और ट्रूनेट जैसी अत्याधुनिक टीबी जांच मशीनों का अधिकतम उपयोग किया जाएगा। इसके तहत सीएचओ और आशा कार्यकर्ताओं को टीबी रोगियों की पहचान, संपर्क में आए लोगों की स्क्रींनिंग, और उन्हें उन्नत जांच के लिए भेजने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सभी सीएचओ विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे टीबी उन्मूलन में प्रभावी भूमिका निभा सकें। सरकार की मंशा एचडब्ल्यूसी स्तर पर मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं को वृहद करना है। जिसके लिए टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में सीएचओ की भूमिका तय की गई है। सीएचओ न केवल टीबी के मरीजों की पहचान कर उनकी जांच कराएंगे, बल्कि इलाज शुरू होने के साथ उनका नियमित फॉलोअप करते हुए उचित परामर्श भी देंगे। जिससे मरीजों में जागरूकता आएगी।

सरकार की पहल से टीबी उन्मूलन को मिलेगी गति:
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद ने कहा कि गर्भवती महिलाओं, कुपोषित बच्चों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों की नियमित टीबी स्क्रींनिंग अनिवार्य रूप से कराई जाएगी। इस डेटा को पोर्टल पर नियमित रूप से अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं। टीबी उन्मूलन की दिशा में सरकार का यह कदम जमीनी स्तर पर बदलाव लाने में मदद करेगा।

कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर और आशा कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका से टीबी मरीजों की जल्द पहचान और उचित इलाज सुनिश्चित किया जा सकेगा। टीबी मरीजों को उचित पोषण के लिए उनके खाते में निक्षण पोषण की राशि भी दी जा रही है। नियमित तौर पर टीबी पर लोगों के बीच जागरूकता,टीबी मरीजों की पहचान के साथ टीबी से जल्द संक्रमित होने वाले लोगों की पहचान की जा रही है। विभाग अधिक से अधिक निक्षय मित्र के जरिए टीबी मरीजों को पोषण सहायता प्रदान कराने पर जोर भी दे रहा है ।

यह भी पढ़े

विद्यार्थियों के साथ आईएएस बनने के अनुभवों को उपायुक्त नेहा सिंह ने किया सांझा

इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के तत्वधान में अमनौर पोस्ट ऑफिस के नाबार्ड स्पॉन्सर्ड एक दिवसीय वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन किया

सहारा कॉम्प्रिहेंसिव विद्यालय के छात्रों ने अपने माता – पिता और विद्यालय का किया नाम रोशन

देश को समृद्घ और खुशहाल बनाने के लिए युवा पीढ़ी का रहेगा अहम योगदान : सुभाष सुधा

बिखर रहे चूल्हे सभी, सिमटे आँगन रोज,नई सदी ये कर रही,जाने कैसी खोज : प्रियंका सौरभ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!