ईद और होली के मद्देनजर एकता मंच का किया गया आयोजन
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
सिवान के पचरूखी ब्लॉक स्थित अपर प्रायमरी मक़तब बरहनी के हाते में एम जे के शहीद अब्दुल हमीद ट्रस्ट के तत्वाधान में रमजानुल मुबारक के अवसर पर ईद और होली के मद्देनजर एकता मंच का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मशहूर हिन्दी साहित्य के प्रचण्ड विद्वान अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉ हारून शैलेन्द्र ने किया और मंच का संचालन मशहूर होमियोपैथीक चिकित्सक सह शायर डॉ अली असगर सिवानी ने किया।
सीनेट सदस्य जे पी विश्व विद्यालय छपरा प्रोफेसर अल्हाज महमूद आलम मुख्य अतिथि तथा भटवलिया पंचायत के मुखिया अनिल कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासिन थे । सभा में समाजसेवी श्री निवास यादव जिला अध्यक्ष विकासशील इंसान पार्टी , मैनुद्दीन पूर्व मुखिया, बादशाह आलम मोहम्मद हसनैन, मो मुर्तुजा, लड्डू, रुकसाना खातून, सफदर अली, मुन्नी खातून, उर्मिला कुमारी, सुनीता आदि अनेकों समाजसेवी उपस्थित थे साथ ही साथ ग्रामीण पुरुष महिला, नौजवान बच्चे बूढ़े अनेकों सभा में प्रसन्न दिखे, उपस्थि अतिथियों द्वारा होली ईद पर प्रेम भाईचारा शांति सौहार्द कायम रखने पर अनेकों विचार विमर्श किए गए।
देश भक्ति के पाठ के साथ वीर शहीद अब्दुल हमीद के जीवनी पर भी प्रकाश डाले गए, उक्त अवसर पर ईद और होली के मौके से गाँव के सभी समुदाय के अनेकों बच्चों के बीच वस्त्र का वितरण किया गया ताकि कोई वर्ग नए कपड़े के बिना होली ईद के मौके से उदास न रहें।
वस्त्र वितरण करते हुए डॉक्टर हारून शैलेन्द्र ने कहा ये आज के बच्चे ही कल का हिन्दुस्तान हैं, उ न्हें प्रोत्साहित करते हुए डॉक्टर हारून ने कहा कि बच्चों खूब मन लगा कर पढ़ो, आज गांव के मक़तब में हो कल को शहर में स्कूल और कॉलेज में जाओगे विद्वान हो जाओगे विद्वान हो कर देश का कंधार बनोगे, मक़तब ब्राहनी के शिक्षकों से आह्वान किया कि आप इन्हें दिल से ईमानदारी के साथ शिक्षा दान करने का काम करेंगें।
प्रोफेसर महमूद हसन ने शहीद अब्दुल हमीद के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें देश के प्रति समर्पित होना चाहिए, उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि आप अपने बच्चों को खूब पढ़ाने का संकल्प लें, प्रति दिन बच्चों को मक़तब भेजें, गांवों में प्रतिभा छुपा होता है अक्सर ग्रामीण क्षेत्र से बच्चे कामयाब होते दिखे हैं।
डॉ अली असगर सिवानी ने कहा कि कुछ कार्य जीवन में ऐसे कर गुजरने की चेष्टा होनी चाहिए कि दुनिया याद करे, कुछ कार्य ऐसे होते हैं जिसको सदके जारिया के श्रेणी में रखा जाता है जैसे कुआं खुदवाना अथवा पीने का पानी का श्रोत बनाना, स्कूल या कॉलेज खोलना, गरीबों के कल्याण के लिए आवश्यक कदम उठाना जैसे उन्हें राशन कपड़ा प्रदान करना आदि अनेकों प्रकार का कार्य करते रहना चाहिए ये सब पुण्य का कार्य होता है, हमे अपने यथा शक्ति दान कार्य अथवा कल्याणकारी कार्य करते रहना चाहिए आगे डॉ अली असगर सिवानी ने ईद पर और होली के त्यौहार पर अनेकों प्रेम भाईचारा की बातों को अपने शायरी के माध्यम से लोगों को मोहित कर बहाबही लुटा, एक गीत, मोहे बीच बजरिया होली में
न छेड़ो सांवरिया होली में
मोहे लाज लगें हैं कैसे कहूं
रंग बदले चुनरिया होली में, सुना कर डॉ असगर ने माहोल को रंगा रंग कर दिया।
समाज सेवी संगठन एम जे के शहीद अब्दुल हमीद ट्रस्ट के सचिव अल्हाज अब्दुल हमीद ने उपस्थित अतिथियों का धन्य बाद अर्पित करते हुए, बच्चों के उज्जवल भविष्य के दुवाओं के साथ वस्त्र वितरण करते हुए कहा कि बच्चों को मक़तब के प्रति आकर्षित करने हेतु स्कूल ड्रेस ही वितरण करने का फैसला लिया गया जिससे त्योहार के दौरान बच्चों को नया वस्त्र भी प्राप्त हो गया और विद्यालय जाने का लालसा की जागृति भी पैदा होगी,
बच्चों के अनेकों रोजेदार अभिभावक गण भी उपस्थित थे सभी ने सत्कार्य को सराहा और हृदय से दुआएं दी, बच्चे कपड़ा पा कर काफी प्रसन्न थे मक़तब के सभी शिक्षकों ने भी आए हुए अतिथि गण का पुरजोर स्वागत किया और वितरण कार्य में सहयोग किया, आखिर में बालकों को सत् वा आशीर वचन कहा। इस तरह एकता मंच का समापन फूल पंखुड़ी से होली खेल कर हुआ।
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