केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन और भत्तों में बढ़ोत्तरी की है

केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन और भत्तों में बढ़ोत्तरी की है

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन और भत्तों में बढ़ोत्तरी की है। इसके साथ ही पूर्व सांसदों के पेंशन में भी बढ़ोत्तरी हुई है। सबसे खास बात है कि यह बढ़ोत्तरी 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी रहेगी। वेतन और भत्तों में इजाफा के बाद सांसदों को अब 1,24,000 रुपये मिलेंगे। इससे पहले सांसदों को 1 लाख रुपये मिलते थे।वहीं, अब सांसदों का दैनिक भत्ता बढ़ाकर दो हजार से ढाई हजार कर दिया गया है। पूर्व सांसदों की पेंशन को 25 हजार से बढ़ाकर 31 हजार कर दिया गया है। बता दें कि ये बढ़ोत्तरी सांसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेशन अधिनियम, 1954 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत की गई है।

अधिसूचना में क्या कहा गया?

संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी राजपत्र अधिसूचना में कहा गया कि पांच साल से अधिक की सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दिया गया है। संसद के चल रहे बजट सत्र के बीच सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन की घोषणा की गई है।

मौजूदा और पूर्व सांसदों को दिए जाने वाले वेतन और भत्ते में पहले का संशोधन अप्रैल 2018 में घोषित किया गया था। 2018 में संशोधन में एक सांसद के लिए घोषित आधार वेतन 1,00,000 रुपये प्रति माह था। इस राशि को निर्धारित करने का उद्देश्य उनके वेतन को मुद्रास्फीति की दरों और जीवन यापन की बढ़ती लागत के अनुरूप लाना था।वहीं, 2018 के संशोधन के अनुसार, सांसदों को अपने कार्यालयों को अद्यतन रखने और अपने संबंधित जिलों में मतदाताओं के साथ बातचीत करने की लागत का भुगतान करने के लिए निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में 70,000 रुपये का भत्ता मिलता है।

मिलती हैं ये भी सुविधाएं

जानकारी दें कि सांसदों को कार्यालय भत्ता के रूप में 60,000 रुपये प्रतिमाह और संसदीय सत्रों के दौरान 2,000 रुपये दैनिक भत्ता मिलता है। अब इन भत्तों में भी बढ़ोत्तरी की जानी है। इसके अलावा सांसदों को फोन और इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए सालाना भत्ता भी मिलता है। सांसद अपने और परिवार के साथ साल भर में कुल 34 फ्री उड़ान भर सकते हैं। इसके साथ ही व्यक्तिगत उपयोग के लिए किसी भी समय प्रथम श्रेणी की ट्रेन यात्रा कर सकते हैं।

मुफ्त बिजली का भी प्रावधान

इतना ही नहीं सांसदों को सालाना 50,000 यूनिट मुफ्त बिजली और 4,000 किलोलीटर पानी का लाभ भी मिलता है। सरकार उनके आवास और ठहरने की व्यवस्था भी करती है।

अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान सांसदों को नई दिल्ली में किराए-मुक्त आवास प्रदान किया जाता है। उन्हें उनकी वरिष्ठता के आधार पर छात्रावास के कमरे, अपार्टमेंट या बंगले मिल सकते हैं। जो व्यक्ति आधिकारिक आवास का उपयोग नहीं करना चाहते हैं, वे मासिक आवास भत्ता प्राप्त करने के पात्र हैं।

यह परिवर्तन संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम 1954 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत किया गया है और यह आयकर अधिनियम, 1961 में उल्लिखित कोस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स पर आधारित है. यह कदम कर्नाटक सरकार द्वारा मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के वेतन में 100 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी देने के कुछ दिनों बाद उठाया गया है.

कितनी बढ़ी सैलरी?
सरकार द्वारा जारी किए गए नोटुफिकेशन के मुताबिक संसद के सदस्यों का मासिक वेतन 1 लाख से बढ़ाकर 1 लाख 24 हजार रुपये कर दिया गया है. वहीं, दैनिक भत्ता 2000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है, जबकि मासिक पेंशन 25000 रुपये से बढ़ाकर 31000 रुपये कर दी गई है. इसके अलावा पूर्व सदस्यों के लिए अतिरिक्त पेंशन भी 2000 रुपये से बढ़कर 2500 रुपये की गई है.

कर्नाटक सरकार ने विधायकों की सैलरी बढ़ाई
बता दें कि हाल ही में कर्नाटक सरकार ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के वेतन में 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी. वेतन वृद्धि के बारे में निर्णय दो संशोधन विधेयकों के माध्यम से दिया गया था – कर्नाटक मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक 2025 और कर्नाटक विधानमंडल सदस्यों के वेतन, पेंशन और भत्ते (संशोधन) विधेयक 2025.

इस निर्णय का बचाव करते हुए कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बढ़ते खर्चों को एक प्रमुख फैक्टर बताया. उन्होंने कहा कि इसका औचित्य यह है कि अन्य लोगों के साथ-साथ उनका खर्च भी बढ़ रहा है. एक आम आदमी भी पीड़ित है, और विधायक भी पीड़ित हैं. इसलिए, विधायकों और अन्य लोगों की सिफारिशें आई हैं और इसीलिए मुख्यमंत्री ने यह निर्णय लिया है.

केंद्रीय कर्मचारियों 8वें वेतन का इंतजार
बता दें कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्माचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के लिए इस साल की शुरुआत में 8वां वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी. हालांकि, अभी तक इसके पैनल के लिए अध्यक्ष और दो अन्य सदस्यों की नाम की घोषणा बाकी है. फिलहाल कर्मचारी पैनल के गठन का इंतेजार कर रहे हैं.

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