पाक एक और कुलभूषण जाधव जैसा मामला बनाने तैयार था,कैसे?

पाक एक और कुलभूषण जाधव जैसा मामला बनाने तैयार था,कैसे?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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पाकिस्तान की कोशिश एक और कुलभूषण जाधव जैसा मामला तैयार करने की थी। भारत के विदेश मंत्रालय में कार्यरत एक अधिकारी की पहचान भी कर ली गई। उसके तमाम फोटोग्राफ भी जुटाते हुए उसके ईरान से लेकर चीन व हांगकांग और बलूचिस्तान से लिंक स्थापित करते हुए सूचना भी पाकिस्तान की मीडिया को दे दिया गया।

राजनीतिक दलों की शख्सियतों ने भी इस संबंध में पोस्ट की

पाकिस्तान के कुछ राजनीतिक दलों की शख्सियतों ने भी इस संबंध में पोस्ट की। लेकिन गलती बस यह हो गई कि जिस व्यक्ति अजीत जॉन जोशुआ को भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करते हुए बताया गया वह अभी बेंगलुरु स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (पीआरओ) में अधिकारी हैं और जिस दिन यह खबर लिखी जा रही है उस दिन भी वह दूर-दराज के इलाके में पासपोर्ट बनाने के लिए शुरू की गई “मोबाइल पासपोर्ट सेवा वैन” का संचालन कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों की तरफ से सोशल मीडिया साइट एक्स पर अजीत जॉन जोशुआ के फोटो के साथ लिखे गये पोस्ट को फेक बताया है।

पाकिस्तान के कई बड़े पत्रकारों ने किए दावे

पाकिस्तान के कई बड़े पत्रकारों ने वहां की खुफिया एजेंसी की तरफ से हासिल सूचनाओं के आधार पर जोशुआ के फोटो को पोस्ट किया है। इसमें यह लिखा गया है कि पहले रॉ के एजेंटे अब बतौर राजदूत दूसरे देशों में काम करते हैं। वह बीजिंग और हांगकांग जैसे प्रमुख शहरों में अपनी सेवा दे चुके हैं। वह बलूच आतंकियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं और उन्हें फंड भी उपलब्ध करा रहे हैं ताकि वह पाकिस्तान के भीतर आतंकी हमले कर सके।

ईरान में कार्यरत भारतीय रॉ अधिकारी बताया

जोशुआ के फोटो के साथ उन्हें ईरान में कार्यरत भारतीय रॉ अधिकारी के तौर पर चिन्हित करने का एक पोस्ट बलूचिस्तान सरकार के मंत्री जान अचकजई ने भी किया है। सूत्रों का कहना है कि बलूचिस्तान में बिगड़ते हालात को संभालने में असफल रही पाकिस्तानी एजेंसियां वहीं काम कर रही हैं जो पहले से करती आई हैं यानी सारी गड़बडि़यों की जिम्मेदारी भारत के सर पर डालना।

भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी जोशुआ के कई फोटो सोशल मीडिया पर डालने वाली पाकिस्तान की एक तेजतर्रार महिला पत्रकार ने उनका तार बलूचिस्तान में लापता लोगों के मामले से की है। सादिया खान नाम की इस पत्रकार ने लिखा है कि, “इन बलूची आतंकवादियों को अंतरराष्ट्रीय मीडिया में लापता लोगों कहा जाता है।”

बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना कर रही अत्याचार

यह सारी सूचनाएं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से मिलने का दावा भी किया गया है। बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना की तरफ से गायब किये गये लोगों के परिजनों की तरफ से विरोध प्रदर्शन ना सिर्फ बढ़ता जा रहा है बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी उसे काफी कवरेज मिलने लगी है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल (ब्रिटेन) की रिपोर्ट बताती है कि बलूचिस्तान में वर्ष 2011 से वर्ष 2024 के बीच 2752 लोग लापता हुए हैं और इनके परिजनों का आरोप है कि पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने उनका अगवा किया हुआ है।

कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने पकड़ लिया था

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में भारतीय नौ सेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सेना ने ईरान से गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया था। उन पर भारत की तरफ से पाकिस्तान में आतंक फैलाने का आरोप लगया है। भारत जाधव के खिलाफ एक मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जीत चुका है। लेकिन अभी भी वह पाकिस्तान के जेल में है।

कुलभूषण जाधव कौन हैं?

कुलभूषण जाधव एक भारतीय नागरिक हैं, जिन्हें पाकिस्तान में मौत की सज़ा सुनाई जा रही है। उन पर भारत की खुफिया एजेंसी के इशारे पर पाकिस्तान के खिलाफ़ जासूसी और विध्वंसकारी गतिविधियाँ करने का आरोप है। भारत ने इन आरोपों से इनकार किया है।
पाकिस्तान का दावा है कि पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी को 3 मार्च, 2016 को बलूचिस्तान में गिरफ़्तार किया गया था। हालाँकि, भारतीय पक्ष का कहना है कि उन्हें ईरान से अगवा किया गया था, जहाँ वे नौसेना से “समय से पहले सेवानिवृत्ति” के बाद बंदरगाह शहर चाबहार में व्यवसाय चला रहे थे।
भारत द्वारा अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के बाद पाकिस्तान ने फांसी पर रोक लगा दी थी।

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