शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को झटका लगा,क्यों?

शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को झटका लगा,क्यों?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
01
previous arrow
next arrow
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
01
previous arrow
next arrow

ममता बनर्जी सरकार को आज शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सरकारी स्कूलों में 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद करने के कोलकाता HC के फैसले को बरकरार रखा है।
कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया सही नहीं थी। बता दें कि कोलकाता हाई कोर्ट ने 2016 का पूरा जॉब पैनल ही रद कर दिया था।दरअसल, आरोप लगाया गया था कि भर्ती के लिए लोगों से 5 से लेकर 15 लाख रुपए तक वसूले गए थे। कलकत्ता हाई कोर्ट ने भर्ती में अनियमितताएं पाई।

भर्ती घोटाले की जांच करते रहेगी सीबीआई: कोर्ट

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने सीबीआई को भर्ती घोटाले की जांच जारी रखने का भी आदेश दिया।
कोर्ट ने पाया कि 23 लाख उत्तर पुस्तिकाओं में से किसका मूल्यांकन किया गया था, इस पर कोई स्पष्टता नहीं थी । वहीं, परीक्षा से जुड़े सभी उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन का भी आदेश दिया।

दिव्यांग कैंडिडेट की नौकरी नहीं जाएगी:कोर्ट

CJI संजीव खन्ना ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा,”जो लोग अब तक नौकरी कर रहे थे, उन्हें वेतन लौटाने की जरूरत नहीं, लेकिन इस आदेश के बाद नौकरी खत्म है। मामले की सीबीआई जांच के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर 4 अप्रैल को सुनवाई होगी।एक दिव्यांग कैंडिडेट को मानवीय आधार पर राहत दे रहे हैं।”
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुरुवार को बंगाल में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,755 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य घोषित किए जाने के बाद भाजपा की प्रदेश इकाई ने इसके लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ सुकांत मजूमदार ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, बंगाल में शिक्षक भर्ती में इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की पूरी जिम्मेदारी राज्य की विफल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की है। उच्चतम न्यायालय के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ममता बनर्जी के शासन में कैसे बंगाल में शिक्षित बेरोजगार युवाओं की योग्यता को पैसे के बदले बेचा गया।

मुख्यमंत्री तत्काल इस्तीफा दें: सुकांत मजूमदार

मजूमदार ने कहा, मैं नाकाम मुख्यमंत्री से इस भ्रष्टाचार की पूरी जिम्मेदारी लेने और उनके तत्काल इस्तीफे की मांग करता हूं। अब और माफी नहीं।इस पर ममता बनर्जी ने पूछा कि क्या भाजपा चाहती है कि बंगाल की शिक्षा प्रणाली ध्वस्त हो जाए? ममता ने कहा कि बंगाल के तो पूर्व शिक्षा मंत्री जेल में हैं, भाजपा बताए कि मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले में भाजपा के कितने नेता गिरफ्तार हुए?

दूसरी ओर, मजूमदार ने एक वीडियो संदेश में, उन योग्य उम्मीदवारों के प्रति सहानुभूति भी व्यक्त की, जिन्होंने अपने कौशल और योग्यता का उपयोग करके नौकरी पाई, लेकिन ममता बनर्जी सरकार द्वारा पूरी भर्ती प्रक्रिया के भ्रष्ट संचालन के कारण पीड़ित बन गए। मजूमदार ने कहा कि भ्रष्ट ममता बनर्जी सरकार को राज्य के लोगों, विशेष रूप से योग्य शिक्षकों के परिवारों को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
मालूम हो कि शीर्ष अदालत ने गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए बंगाल में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,755 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य घोषित कर दिया और उनकी चयन प्रक्रिया को त्रुटिपूर्ण करार दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!