राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन पहुंच गई हैं

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन पहुंच गई हैं

27 साल बाद किसी भारतीय राष्ट्रपति का पहला पुर्तगाल दौरा

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन पहुंच गई हैं। यह यात्रा पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो दे सूज़ा के निमंत्रण पर हो रही है। यह द्रौपदी मुर्मू की पहली यूरोपीय यात्रा है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों की ओर इशारा करती है।राष्ट्रपति मुर्मू का लिस्बन एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। पुर्तगाल के वरिष्ठ अधिकारियों और भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.

किसी भारतीय राष्ट्रपति का 27 साल बाद पुर्तगाल और 29 साल बाद स्लोवाकिया का दौरा है। राष्ट्रपति पुर्तगाल यात्रा पर ऐसे समय में हैं, जब दोनों देशों के संबंधों और राजनयिक साझेदारी के 50 साल पूरे हो रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार रात (स्थानीय समयानुसार) पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन पहुंचीं। यह पुर्तगाल और स्लोवाकिया की उनकी 7 से 10 अप्रैल तक की चार दिन की राजकीय यात्रा की शुरुआत है। मुर्मू यह दौरा पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर कर रही हैं। यह यात्रा 27 साल बाद हो रही है। इससे पहले 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति के. आर. नारायणन ने पुर्तगाल की राजकीय यात्रा की थी।

भारत-पुर्तगाल राजनयिक संबंधों के पचास साल
विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने कहा, यह यात्रा भारत के इन दोनों अहम यूरोपीय साझेदारों के साथ बहुआयामी सहयोग को और विस्तार देगी। उन्होंने इसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक यात्रा बताया। पुर्तगाल यात्रा के बारे में जानकारी साझा करते हुए सचिव तन्मय लाल ने कहा कि राष्ट्रपति की यात्रा ऐतिहासिक बन जाती है क्योंकि भारत और पुर्तगाल इस समय अपने राजनयिक संबंधों के 50 साल पूरे कर रहे हैं। यह यात्रा ‘दोनों देशों की दोस्ती और साझेदारी को आगे बढ़ाएगी।’

उन्होंने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति की पुर्तगाल की पिछली यात्रा को 27 साल हो चुके हैं, इसलिए यह यात्रा बहुत प्रतीकात्मक और ऐतिहासिक है। राष्ट्रपति पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर वहां जा रही हैं।’ सचिव लाल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और पुर्तगाल के बीच उच्च स्तरीय दौरे लगातार हुए हैं, जो दोनों देशों के बीच मजबूत और सक्रिय संबंधों को दर्शाते हैं।

 

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