सीवान की जॉली चतुर्वेदी ने अंतराष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में पाया स्वर्ण पदक

सीवान की जॉली चतुर्वेदी ने अंतराष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में पाया स्वर्ण पदक

भारत सरकार के लघु और माध्यम उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित हुआ  है अंतराष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2024-2025

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स्वर्ण पदक प्राप्‍त करने पर पुरस्कार में मिलेगी 50,000 की धनराशि और लैपटॉप

श्रीनारद मीडिया, डा0 गणेश दत पाठक, सेंट्रल डेस्‍क:

बिहार का सीवान मेधा की धरती माना जाता रहा है  । यहां की प्रतिभाओं ने अपनी उपलब्धियों से समय समय पर सिवान को गौरांवित किया है। इसी कड़ी में एक नया नाम जुड़ा है सरसर की मूल निवासी जॉली चतुर्वेदी का। जॉली ने भारत सरकार के लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा आयोजित अंतराष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2024-2025 में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। अब उसे इनाम के तौर पर 50,000 रुपए और लैपटॉप मिलेंगे। जॉली का अनुक्रमांक ITSE1750072 है। उसने पीपीटीजेएम सरस्वती शिशु मंदिर, बिहार शरीफ से परीक्षा के लिए नामांकन किया था। उसकी इस उपलब्धि पर गृह जिले सीवान में हर्ष का माहौल है।

 

मालूम हो कि जॉली चतुर्वेदी मूल रूप से सीवान के सरसर की निवासी है। उनके दादा जी डॉक्टर देवेंद्र चौबे सरसर ग्राम में निवास करते हैं। जबकि पिता लव चतुर्वेदी टॉवर मेंटेनेंस इंजीनियर है और माता कविता चतुर्वेदी इंटर कॉलेज, बिहारशरीफ में प्राध्यापिका हैं। जॉली चतुर्वेदी वर्तमान में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा संचालित पूज्य तपस्वी श्री जगजीवन जी महाराज सरस्वती विद्या मंदिर, हसनपुर, राजगीर की वर्ग नवम की छात्रा है।

जॉली चतुर्वेदी की इस उपलब्धि पर विद्या भारती के दक्षिण बिहार के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा , उत्तर बिहार के प्रदेश सचिव रामलाल सिंह, क्षेत्र प्रचार प्रसार प्रमुख नवीन सिंह परमार और पूज्य तपस्वी श्री जगजीवन जी महाराज सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य अनंत कुमार सिन्हा सहित अन्य आचार्यगण ने हर्ष जताया है। शिक्षाविद् डॉक्टर गणेश दत्त पाठक ने बताया कि जॉली चतुर्वेदी की उपलब्धि अन्य बच्चों को प्रेरित करेगी और जॉली की प्रतिभा को स्वयं विश्व स्तर पर मान्यता मिलेगी, उसके आत्मविश्वास का संवर्धन भी करेगी, जो उसके उज्जवल भविष्य का मजबूत आधार भी बनेगा।

गौरतलब है कि प्रतिवर्ष भारत सरकार के लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा अंतराष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा का आयोजन किया जाता है। यह एक वैश्विक स्तर की प्रतियोगिता है, जिसका उद्देश्य छात्रों की प्रतिभा और क्षमताओं को पहचानना और प्रोत्साहित करना है। यह परीक्षा विभिन्न विषयों और क्षेत्रों में छात्रों की योग्यता का मूल्यांकन करती है, जैसे कि गणित, विज्ञान, भाषा, और तर्कशक्ति।

अंतराष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा के मुख्य उद्देश्य प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान करना, प्रतिभा का विकास और बच्चों के आत्मविश्वास का संवर्धन होता है। अंतराष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में भाग लेने के कई लाभ भी होते हैं। परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलती है। ऐसे छात्रों को विभिन्न शैक्षिक अवसरों के लिए चुना जा सकता है, जैसे कि छात्रवृत्ति और विशेष कार्यक्रम। परीक्षा में भाग लेने से छात्रों को अपने कौशलों को विकसित करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाता है। अंतराष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा एक महत्वपूर्ण मंच है, जो छात्रों को अपनी प्रतिभा और क्षमताओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। यह परीक्षा न केवल प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान करती है, बल्कि उन्हें अपने कौशलों को विकसित करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भी प्रेरित करती है।

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