वैदिक सरस्वती नदी का पुनर्जीवन

वैदिक सरस्वती नदी का पुनर्जीवन

श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा

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विषय सरस्वती नदी को लेकर राजस्थान सरकार की पहल पर एक मीटिंग सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के साथ बिरला विज्ञान अनुसंधान संस्थान जयपुर में हुई जिसमें राजस्थान गवर्मेंट के इरीगेशन मंत्री सुरेश रावत शामिल हुए और सरस्वती बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धूमन सिंह किरमच व बिरला विज्ञान अनुसंधान संस्थान जयपुर के सुदूर संवेदन विभाग प्रमुख डॉ. महावीर पूनिया और वर्चुअल जुड़ने वाले अधिकारी इसरो के रिटायर्ड डायरेक्टर डॉ. जे. आर. शर्मा और डॉ. बी. के. भद्रा भी उपस्थित रहे।

सरस्वती नदी को लेकर राजस्थान सरकार की पहल पर एक मीटिंग सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के साथ बिड़ला इंस्टीट्यूट जयपुर में हुई जिसमें राजस्थान गवर्मेंट के इरीगेशन मंत्री सुरेश रावत शामिल हुए और सरस्वती बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धूमन सिंह किरमच व बिरला विज्ञान अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. महावीर पूनिया व वर्चुअल जुड़ने वाले अधिकारी इसरो के रिटायर्ड मुख्य सामान्य प्रबंधक डॉ. जे. आर. शर्मा और डॉ. बी. के. भद्रा डॉ. सुल्तान सिंह प्रोफ़ेसर एच. एस. शर्मा डॉ. एस. सी. धीमन पूर्व अध्यक्ष सी जी डब्ल्यू बी व विभिन्न वैज्ञानिक शामिल हुए

जिसमें सरस्वती नदी को हरियाणा के तर्ज़ पर राजस्थान में बहाने को लेकर एक प्लान इरीगेशन राजस्थान निष्ठा के साथ बना रहा है। इसका प्रपोज़ल सरस्वती बोर्ड हरियाणा के द्वारा रखा गया जिसमें प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश सिंह रावत ने इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की बात कही और इस प्रोजेक्ट को प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल के समक्ष रखने के लिए कहा।

सरस्वती नदी इस क्षेत्र में युगों युगों से बहती थी और अब इस नदी को धरातल पर लाने का काम हरियाणा के साथ राजस्थान सरकार ने शुरू किया है। अभी तक राजस्थान में पुष्कर झील गुजरात का सिद्धपुर बड़ा क्षेत्र सरस्वती के पैलियो चैनल पर आता है। यह हरियाणा से हनुमानगढ़ अनूपगढ़ से होते हुए कच्छ का रण में गिरती थी।

इसके ऊपर भी दोनों सरकारें मिलकर काम करना चाहती है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी भी इस प्रोजेक्ट में काम करने के के लिए आदेश कर चुके हैं और राजस्थान सरकार की इच्छा शक्ति इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा सकती है और राजस्थान के सूखे क्षेत्र को हरा भरा बनाने में बहुत बड़ा काम कर सकती है।

आज इस बैठक में मुख्य मुख्य बिंदुओं पर चर्चा हुई जिस तरह से झेलम, रावी ब्यास सतलुज का पानी हरियाणा पंजाब राजस्थान की नदियों को दिया जा सकता है उसी तर्ज़ पर राजस्थान में इस नदी प्रोजेक्ट में काम करने के लिए इरिगेशन डिपार्टमेंट के मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग भुवन भास्कर अग्रवाल भी शामिल हुए उन्होंने इस प्रपोज़ल को आगे बढ़ाने के लिए बात कही इस अवसर पर उनके साथ इस संस्थान के कार्यकारी निदेशक प्रोफ़ेसर पी. घोष इस संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. महावीर पूनिया प्रमुख सुदूर संवेदन विभाग भी उपस्थित रहे।

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