भारत अवश्य हमला करेगा, आप दो महीनों का राशन जमा कर लें-पाक सरकार

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PoK में होटल और गेस्टहाउस में सेना… मदरसों को किया गया बंद

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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पहलगाम आतंकी हमले  के बाद पाकिस्तान के खिलाफ मोदी सरकार कड़ी कार्रवाई कर रही है। शहबाज सरकार को डर है कि भारत PoK  (गुलाम कश्मीर) में सैन्य कार्रवाई कर सकता है। हाल ही में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह दावा किया था कि उसके पास विश्वसनीय सबूत है कि भारत जल्द ही हम पर हमला कर सकता है।

दो महीने के लिए खाद्य आपूर्ति का भंडारण कर लें: अनवर उल हक

इसी बीच गुलाम कश्मीर के प्रधानमंत्री चौधरी अनवर उल हक ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया, बॉर्डर (LoC) से सटे 13 निर्वाचन क्षेत्रों में दो महीने के लिए खाद्य आपूर्ति का भंडारण करने के निर्देश जारी किए गए हैं।”

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय सरकार ने 13 निर्वाचन क्षेत्रों में “खाद्य, दवाइयां और अन्य सभी बुनियादी आवश्यकताओं” की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक अरब रुपए (3.5 मिलियन डॉलर) का इमरजेंसी कोष भी बनाया है।

पीएम मोदी ने दी सेना को खुली छूट

गुलाम कश्मीर (POK) के प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में सड़कों के रखरखाव के लिए सरकारी और निजी मशीनरी भी तैनात की जा रही है। बता दें कि कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री मोदी ने हाई लेवल मीटिंग में भारतीय सेना को आतंकियों पर कार्रवाई करने के लिए खुली छूट दी है। सैन्य तनाव बढ़ने की आशंका के चलते गुलाम कश्मीर में अधिकारियों ने गुरुवार को 10 दिनों के लिए 1,000 से मदरसों को बंद कर दिया।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया है। इस बीच पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में भी हड़कंप मचा हुआ है और वहां के प्रधानमंत्री चौधरी अनवर-उल-हक ने संकेत दिए हैं कि यदि हालात बिगड़ते हैं तो क्षेत्र में आपातकाल लागू किया जा सकता है।
पर्यटकों के प्रवेश पर लगी रोक
भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका के बीच सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर नीलम घाटी और नियंत्रण रेखा (LOC) के निकटवर्ती संवेदनशील इलाकों में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही धार्मिक मदरसों को 10 दिनों के लिए बंद करने का आदेश भी दिया गया है।

पीओके के प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि भारत की आक्रमकता की स्थिति में भोजन, दवाएं और अन्य जरूरी चीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। आपातकालीन फंड में एक अरब रुपये ट्रांसफर कर दिए गए हैं और होटल, गेस्टहाउस तथा शादी हॉल के संचालकों ने अपनी संपत्तियां सेना को देने की पेशकश की है।
मदरसे किए गए बंद
अधिकारियों ने नीलम घाटी और एलओसी के आसपास के संवेदनशील इलाकों में स्थित मदरसों को 10 दिनों के लिए बंद करने का फैसला किया है। ऐसी आशंका है कि भारत इन संस्थानों को आतंकी प्रशिक्षण केंद्र बताकर निशाना बना सकता है।
कानून मंत्री मियां अब्दुल वाहिद ने कहा, “हम एक ऐसे चालाक, क्रूर और षड्यंत्रकारी दुश्मन से निपट रहे हैं, जिसके किसी भी नीच हरकत से इनकार नहीं किया जा सकता है।”
हवाई सेवाओं पर प्रतिबंध
कराची और लाहौर के हवाई क्षेत्रों में पूरे महीने के दौरान हर दिन 8 घंटे (सुबह 8 से शाम 4 बजे तक) उड़ानें बंद रखने की घोषणा की गई है। गिलगित-बाल्टिस्तान में भी उड़ानों पर असर पड़ रहा है।
पीओके के प्रधानमंत्री ने विधानसभा में कहा कि हम हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय सेना द्वारा गोलीबारी की जा रही है, जिससे नुकसान भी हुआ है। एक आपात बैठक में होटल संघों ने सेना के साथ एकजुटता व्यक्त की और जरूरत पड़ने पर अपने प्रतिष्ठानों को सौंपने की बात कही।
पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले से उपजे हालात में सीमांत वासियों ने भी भारतीय सेना की मदद करने के लिए कमर कस ली है। अगर पाकिस्तान सीमा पर हालात को और बिगाड़ता तो सीमांतवासी उसके मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए सैनिकों के साथ मिलकर सामना करेंगे। सीमा पर बसने वाले लोगों में खासी संख्या में पूर्व सैनिक व सुरक्षाबलों के सेवानिवृत्त कर्मी बसते हैं।
उन्हें सीमा की सुरक्षा करने का खासा अनुभव है। पाकिस्तान की ओर से पैदा किए जा रहे हालात में उन्होंने सेना को सहयोग देने के लिए हाथ बढ़ाना भी शुरू कर दिया है।सीमा से सटे इलाके में ग्रामीण कड़ी सर्तकता बरत रहे सैनिकों से भी घुलने मिलने लगे हैं। जरूरत पड़ी तो उनके खाने, पीने का बंदोबस्त भी किया जाएगा।

‘पाकिस्तान ने देश को ललकारा है’

चिनाब के किनारे स्थित परगवाल गांव के राम स्वरूप शर्मा का कहना है कि देश के विभाजन के बाद से पाकिस्तान ने कई बार सीमांत वासियों का हौसला आजमाया है। हर बार वे सेना के साथ दीवार बनकर खड़े हुए हैं। अब भी हम तैयार हैं। अगर पाकिस्तान फिर कोई बड़ी शरारत करता है तो उसे मुंह की खानी पड़ेगी। सीमांत वासियों के पास दुश्मन का सामना करने के लिए अनुभव की कोई कमी नहीं है।
हम में से काफी ऐसे हैं जिन्होंने सेना, सुरक्षाबलों में रहते हुए युद्ध लड़ने के साथ पाकिस्तान के आतंकवाद का भी सामना किया है। अब भी पाकिस्तान ने पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला कर देश को ललकारा है।

‘सेना के साथ लड़ेंगे दुश्मन से’

वहीं, बट्टल इलाके के सुरेश शर्मा का कहना है कि हमेशा हमारी रक्षा करने वाली सेना को सहयोग देना हमारा फर्ज है। जरूरत पड़ने पर हम भी देश के लिए बंदूक उठा सकते हैं। जिस दिन से पहलगाम में टूरिस्ट पर हमला हुआ था, उस दिन हमारे गांव में लोग बहुत दुखी थे।

उन्होंने बताया कि हम भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दुश्मन का मुकाबला करने के लिए खड़े हैं। हमने सरकार द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को बचाने के लिए बनाए गए बंकरों की साफ सफाई भी कर ली है। अगर युद्ध के हालात बनते हैं हमारे गांव की महिलाएं सेना के लिए खाने पीने का बंदोबस्त करेंगी। हमारे गांव के नौजवान, पूर्व सैनिक सेना के साथ मिलकर काम करेंगे।
प्लांवाला के पंचतूत के रविंदर सिंह का कहना है सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों ने कई बार युद्ध वाले हालात देखे हैं। हमने खाने पीने का सामान एकत्र कर लिया है। सीमांत वासियों को अपनी सेना पर पूरा यकीन है। पाकिस्तान से युद्ध की स्थिति में हमारी सेना उनके इलाके में घुसकर ताकत दिखाएगी। ऐसे में सेना को सहयोग देने के लिए हम भी फ्रंट पर रहना चाहते हैं।

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