महिला श्रद्धालुओं की बस ब्रह्मसरोवर स्नान के लिए कुरुक्षेत्र रवाना
रोगी की सेवा में जो प्रेम, सहानुभूति और धैर्य नर्स दिखाती हैं, वह चिकित्सा प्रक्रिया का अभिन्न अंग : प्रो. करतार सिंह धीमान
श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा
नगर निगम के वार्ड 13 से नवनिर्वाचित पार्षद, हिसार प्रोपर्टीज डीलर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान, अग्रवाल सेवा समिति अर्बन स्टेट-2 के प्रवक्ता व अनेकों संस्थाओं से जुड़े समाजसेवी सजंय डालमिया व उनकी टीम ने बजुर्ग महिला श्रद्धालुओं की एक बस को ब्रह्मसरोवर स्नान के लिए कुरुक्षेत्र के लिए रवाना किया।
बस रवाना से पूर्व भगवान के पावन जयकारों के साथ नवनिर्वाचित पार्षद सजंय डालमिया ने श्रद्धालुओं की बस को झंडी दिखाई।
नवनिर्वाचित पार्षद सजंय डालमिया ने बताया कि महिला श्रद्धालुओं का जत्था ब्रह्मसरोवर स्नान के उपरांत वहीं पर मंदिरों के दर्शनों के लिए जाएंगे। इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए जलपान के अलावा दोपहर के भोजन की व्यवस्था की गई है। इस मौके पर अग्रवाल सेवा समिति अर्बन स्टेट-2 के सदस्य व वार्ड 13 के निवासी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
रोगी की सेवा में जो प्रेम, सहानुभूति और धैर्य नर्स दिखाती हैं, वह चिकित्सा प्रक्रिया का अभिन्न अंग : प्रो. करतार सिंह धीमान
आयुर्वेदिक अस्पताल में अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस मनाया गया
श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के आयुर्वेदिक अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के अस्पताल परिसर में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस दिवस मनाया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने शिरकत की। इस मौके पर कुलपति प्रो.धीमान ने नर्सिंग स्टाफ के योगदान की सराहना करते हुए फूल देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो.धीमान ने नर्सिंग पेशे में सेवा, समर्पण और स्वच्छता के महत्व पर बल देते हुए चरक संहिता का प्रसिद्ध श्लोक उद्धृत किया। “उपचारज्ञता दाक्ष्यमनुरागश्च भर्तरि। शौचं चेति चतुष्कोऽयं गुणः परिचरे जने।।”
कुलपति प्रो.धीमान ने कहा कि यह श्लोक आज की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में भी पूर्णतः प्रासंगिक है। एक परिचारक (स्टाफ नर्स) में उपचार का ज्ञान (योग्यता),कार्यकुशलता, सेवा भाव और आंतरिक-बाह्य शुद्धता जैसे चारों गुण अनिवार्य हैं।यही गुण किसी नर्स को एक आदर्श सेवा प्रदाता और समाज में सम्मानित व्यक्ति बनाते हैं।
कुलपति ने कहा कि “नर्सिंग केवल पेशा नहीं,बल्कि एक तपस्या है। रोगी की सेवा में जो प्रेम, सहानुभूति और धैर्य नर्स दिखाती हैं, वह चिकित्सा प्रक्रिया का अभिन्न अंग है। आयुर्वेद में ‘परिचारक’ को उतना ही महत्वपूर्ण माना गया है, जितना वैद्य को। इससे पहले अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. वैद्य राजेंद्र सिंह चौधरी ने कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान का कार्यक्रम में पहुंचने पर स्वागत किया।
इस अवसर पर प्रो. वैद्य सुरेंद्र सिंह सहरावत, नर्सिंग मैटर्स सुपरिटेंडेंट सुमन खन्ना, लत्ता रानी, लीना, हरप्रीत कौर, कुसुम लत्ता, कल्पना, सपना सैनी, रजनीश, सर्वजीत, पूजा, मधुबाला, मंजूबाला, सपना रानी, अनीता सिंह, भूमिका, बनीता और पुरुष नर्सिंग ऑफिसर अमन कुमार समेत अन्य मौजूद रहे।
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