बिहार में चुनाव से पहले अति पिछड़ा आयोग बनाया गया है

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के नेता सभी वर्गों के मतदाताओं को अपने पाले में करना चाहते हैं। राज्य में एक के बाद एक वर्गों के उत्थान के लिए आयोगों का गठन किया जा रहा है और पार्टी में शामिल जाति विशेष के नेताओं को सेट किया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को अति पिछड़ा आयोग का गठन किया गया। इससे पहले खाद्य संरक्षण आयोग और बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग की अधिसूचना जारी की गयी।

अति पिछड़ा आयोग में प्रो. नवीन कुमार आर्य को अध्यक्ष बनाया गया है। नवीन आर्या पटना विशवविद्यालय में प्रोफेसर रह चुके हैं। वे जदयू में नीतीश कुमार के बेहद खास माने जाते हैं। यही वजह है कि नवीन कुमार को दूसरी बार इस आयोग का अध्यक्ष बनाया है। वे पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। पिछले कार्यकाल के परफॉर्मेंस को देखते हुए उन्हें दोबारा यह पद दिया गया है। इनके साथ मधुबनी के रहने वाले केदारनाथ भंडारी को सदस्य बनाया गया है जबकि, गया के अमित कुमार को सदस्य के पद पर नियुक्ति की गई है। यह नियुक्ति 3 वर्षों के लिए है। आयोग में चार सदस्य हो सकते हैं लेकिन, दो सदस्य ही बनाए गए हैं।

दरअसल बिहार में अति पिछड़ा वर्ग की आबादी सबसे ज्यादा 36 प्रतिशत तो पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 से अधिक है। इन दोनों को मिलाकर 63 प्रतिशत होता है। इस वजह से सभी सियासी दलों की नजर ईबीसी-ओबीसी वोट बैंक पर है। नीतीश कुमार ने चुनाव के मद्देनजर मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है।

इसे पहले शनिवार को ही खाद्य संरक्षण आयोग का नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसमें जदयू के प्रदेश महासचिव प्रह्लाद कुमार को अध्यक्ष बनाया गया। आयोग के सदस्यों के पद पर भभुआ के रिंकी रानी पाण्डेय, पटना के मोकामा के मनोज कुमार, खगड़िया के गोगरी के अंगद कुमार कुशवाहा और सुपौल के त्रिवेणीगंज के नरेंद्र कुमार ऋषि को सदस्य बनाया गया है। सदस्य बनाए गए मनोज कुमार बीजेपी प्रोटोकॉल के संयोजक हैं। वे मूल मूल रूप से पटना के मोकामा के मोर के रहने वाले हैं। वहीं अंगद कुमार कुशवाहा उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम के नेता हैं।

वहीं राज्य सरकार ने बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग का गठन कर दिया गया है। अशोक कुमार को अध्यक्ष जबकि अरविन्द कुमार सिंह को उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं विधानसभा सदस्य श्रेयसी सिंह, रामविलास कामत, विजय कुमार विधानपार्षद अनिल कुमार और रवींद्र प्रसाद सिंह को सदस्य बनाया गया है। इसके अलावा सुनील कुमार और शौकत अली को भी आयोग का सदस्य बनाया गया है।

नवीन कुमार आर्या को फिर से अध्यक्ष बनाया
राज्य सरकार ने अति पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष के रूप में पटना निवासी नवीन कुमार आर्या को फिर से अध्यक्ष बनाया है। वहीं मधुबनी निवासी केदारनाथ भंडारी को सदस्य बनाया गया है। गया के अमित कुमार की नियुक्ति सदस्य के रूप में हुई है। इन सभी को आगामी तीन वर्ष के लिए नियुक्त किया गया हे। हालांकि सरकार अति पिछड़ा आयोग में चार सदस्य नियुक्ति कर सकती है। लेकिन, सरकार ने सिर्फ दो सदस्यों की नियुक्ति की है।

हाल ही में बना था सवर्ण आयोग 
यह फैसला आगामी अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. नीतीश सरकार पिछले कुछ हफ्तों से लगातार ऐसे फैसले ले रही है, जिनसे विभिन्न सामाजिक वर्गों को साधा जा सके. इससे पहले सरकार ने सवर्ण आयोग के गठन की घोषणा की थी, जिसे राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

सिर्फ अति पिछड़ा आयोग ही नहीं, बिहार सरकार ने हाल ही में महादलित, अनुसूचित जाति-जनजाति (SC-ST) आयोग और मछुआरा आयोग के गठन की भी अधिसूचना जारी की है. ये सभी आयोग सामाजिक न्याय, कल्याण और प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं.

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