इजरायल और ईरान के बीच युद्ध भयंकर हो रहा है,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की ‘कभी सरेंडर नहीं करेंगे’ वाली दो टूक चेतावनी के बीच इजरायल ने दावा किया है कि वह ईरान के खिलाफ अपने सैन्य अभियानों को अगले एक सप्ताह में पूरा कर लेगा। इजरायल डिफेंस फोर्स ने बताया है कि उसके लड़ाकू विमानों और ड्रोन ने अब तक ईरान के भीतर 1100 से ज्यादा ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह किया है। इनमें परमाणु संवर्धन केंद्र, बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चर, एयर डिफेंस सिस्टम और कमांड हेडक्वार्टर शामिल हैं।
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना का कहना है कि बीते कुछ दिनों में उसके ऑपरेशनों के कारण ईरानी फोर्सेस को पश्चिमी ईरान से पीछे हटकर अब इस्फहान और तेहरान के आसपास सिमटना पड़ा है। सेना के मुताबिक, उनके हमलों में अब तक ईरान के 70 एयर डिफेंस सिस्टम और 200 से अधिक मिसाइल लॉन्चरों को नष्ट किया जा चुका है। इससे ईरान की जवाबी हमले की क्षमता काफी कमजोर पड़ी है।
आईडीएफ प्रमुख जनरल टॉमर बार ने इसे “ऐतिहासिक अभियान” करार देते हुए कहा कि इससे ईरान का परमाणु कार्यक्रम वर्षों पीछे चला जाएगा। वहीं, इजरायली हमलों में अब तक 9 प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों के मारे जाने की भी पुष्टि हुई है।
ईरान के परणाणु ठिकानों पर निशाना
हालांकि, इजरायली सैन्य अफसरों का कहना है कि खतरा अभी टला नहीं है। ईरान की ओर से लगातार मिसाइल दागने की कोशिशें जारी हैं। IDF ने चेतावनी दी है कि वह “परमाणु ईरान” को बर्दाश्त नहीं करेगा और अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक पूरा नेटवर्क खत्म नहीं हो जाता।
इजरायली फोर्स ने तय किए टारगेट
उधर, तेहरान में मंगलवार रात कई जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं। कुछ धमाके शहर के एयर डिफेंस द्वारा दागी गई एंटी-मिसाइलों के थे तो कुछ इजरायली हमलों के। ईरानी मीडिया के अनुसार अब तक इजरायल के हमलों में 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। IDF चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एयाल ज़मीर ने फ्रंटलाइन पर अफसरों से बातचीत में कहा, “हम एक ऐसे युद्ध में हैं जो हमें लड़ना ही है, और इसे हर हाल में पूरा किया जाएगा।”
खामेनेई ने यह भी कहा कि अगर अमेरिका ने इस्लामी गणराज्य के दुश्मनों का साथ दिया तो उसे भी गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। खामेनेई ने कहा, “अमेरिकियों को पता होना चाहिए कि संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किसी भी सैन्य हस्तक्षेप से उसे अपूरणीय क्षति उठानी होगी।”
अमेरिका को होगी अपूरणीय क्षति: खामेनेई
ईरान के सर्वोच्च नेता ने बुधवार को अमेरिका को चेतावनी दी कि इस्लामी गणराज्य को निशाना बनाकर किए जा रहे इजराइली हमलों में शामिल होने से ‘उसे अपूरणीय क्षति होगी।’ खामेनेई की यह टिप्पणी एक सरकारी टेलीविजन के एंकर द्वारा पढ़ी गई जबकि उस दौरान स्क्रीन पर खामेनेई की तस्वीर दिखाई देती रही। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि 86 वर्षीय खामेनेई खुद स्क्रीन पर क्यों नहीं दिखाई दिए क्योंकि शुक्रवार को इजराइली हमले शुरू होने के बाद वह एक बार टीवी स्क्रीन पर दिखाई दिए हैं।
ट्रंप ने कहा था बिना शर्त करें सरेंडर
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक दिन पहले ही ईरान को ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ करने के लिए कहा था। ट्रंप ने अयातुल्ला अली खामेनेई को चेतावनी दी थी कि वह जानते है कि ईरान के सर्वोच्च नेता कहां छिपे हैं। ट्रंप ने एक ‘पोस्ट’ में ईरान से ‘‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’’ करने का आह्वान किया था। ट्रंप ने कहा कि खामेनेई को मारने की उनकी ‘‘कम से कम फिलहाल कोई योजना’’ नहीं है।
इजरायल ने तेज किए हमले
इसके एक दिन बाद ईरान की तरफ से ये बयान आया है। इस बीच, बुधवार सुबह इजराइल ने ईरान की राजधानी पर हवाई हमले तेज कर दिए। इजरायल ने तेहरान के एक अन्य क्षेत्र पर हमले की चेतावनी जारी की थी, जिसके बाद ये हमले किये गये। क्षेत्र में अनिश्चितता का माहौल है और इजरायल द्वारा ईरान के सैन्य एवं परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर किये जा रहे हवाई हमलों के छठे दिन तेहरान में रह रहे ज्यातार लोग अपने घरों को छोड़कर चले गए हैं। अमेरिका ने पश्चिम एशिया में युद्धक विमान भेजे हैं।
युद्धग्रस्त ईरान में वैसे तो 1500 छात्रों समेत अभी करीब 10 हजार से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने फिलहाल ईरान की उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे 110 छात्रों को आर्मेनिया के रास्ते ईरान से सुरक्षित बाहर निकाला है। ये सभी छात्र आज रात तक दिल्ली पहुंचने वाले हैं। इनमें से 90 कश्मीरी छात्र हैं। भारत सरकार इन छात्रों की सुरक्षित वापसी की सुविधा प्रदान कर रही है। इन सभी को कतर के रास्ते दिल्ली लाया जा रहा है।
इंडिगो का एक विमान आर्मेनिया की राजधानी येरेवन से इन छात्रों को लेकर कतर की राजधानी दोहा के लिए रवाना हो चुका है। दोहा से दूसरी फ्लाइट उन छात्रों को लेकर दिल्ली पहुंचेगी। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि इजराइल और ईरान में बढ़ते तनाव के बीच तेहरान में मौजूद भारतीय छात्रों को सुरक्षा कारणों से बाहर निकाल लिया गया है और उनमें से 110 लोग सीमा पार कर आर्मेनिया में प्रवेश कर गए हैं।
तीन चरणों में हुई निकासी
विदेश मंत्रालय ने इन छात्रों की निकासी का तीन चरणों में प्लान बनाया था। इसके तहत ईरान के अलग-अलग शहरों खासकर तेहरान, इस्फहान, हमदान और तब्रीज में रह रहे छात्र सड़क मार्ग से नॉरदुज बॉर्डर पहुंचे, जहां ईरानी विदेश मंत्रालय ने उनके पासपोर्ट की जांच की। ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि देश के हवाई अड्डे भले ही बंद हैं लेकिन सड़क मार्ग खुले हैं।
दूसरे चरण में इन छात्रों को नॉरदुज बॉर्डर से बसों में चढ़ाकर आर्मेनिया में राजधानी येरेवन के एयरपोर्ट पर ले जाया गया, जहां उन्हें इंडिगो की फ्लाइट में फिर रवाना किया गया। अब तीसरे चरण के तहत इन छात्रों को दोहा के रास्ते नई दिल्ली लाया जा रहा है।
ईरान से मिलती है सात देशों की सीमा, फिर आर्मेनिया ही क्यों?
बता दें कि ईरान की अंतरराष्ट्रीय सीमा कुल सात देशों से लगती है। पूर्वी सीमा अफगानिस्तान और पाकिस्तान से लगती है, जबकि उत्तर -पूर्व में तुर्कमेनिस्तान से इसकी सीमा लगती है। पश्चिम में इराक और तुर्किए से और उत्तर में अजरबैजान और आर्मेनिया से इसकी सीमा लगती है। इन सभी देशों में सबसे नजदीक आर्मेनिया है, जहां पैदल भी सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा उससे भारत के संबंध काफी मधुर हैं। इसलिए सरकार ने छात्रों की निकासी का रास्ता आर्मेनिया के जरिए चुना है। इसके अलावा ईरान और आर्मेनिया के बीच कोई सीमा विवाद भी नहीं है।
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