नहरों में पानी नहीं, नलकूप बंद, खेती बन रहा घाटे का सौदा , किसानों में रोष
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
मशरक प्रखंड के बहरौली और दुरगौली पंचायत के बीचोंबीच गुज़र रहीं नहर में पानी नहीं रहने से किसानों में रोष व्याप्त है। किसानों ने अपनी समस्याएं खुलकर रखीं और सिंचाई संसाधनों की बदहाल स्थिति पर गहरी नाराजगी जताई। किसानों ने कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी, खाद, बीज और अनुदान योजनाओं के बावजूद यदि खेतों तक पानी नहीं पहुंचता, तो खेती फायदे का नहीं, बल्कि घाटे का सौदा बनकर रह जाती है।
किसानों का आरोप था कि क्षेत्र में उप वितरणी नहर अब किसानों के लिए किसी काम की नहीं रही। वर्षों पूर्व तक जो नहरें क्षेत्र की कृषि रीढ़ थीं, वे आज सूख चुकी हैं। बीडीओ पंकज कुमार ने बताया कि नहरों में पानी छोड़े जाने और राजकीय नलकूपों को चालू कराने के लिए विभागीय वरीय अधिकारियों से पत्राचार किया जा रहा है। जल्द ही व्यवस्था में सुधार का प्रयास किया जाएगा।
प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि जब नहर बना तो एक बार पानी छोड़ा गया , अब यह सिर्फ नाम का रह गया है। सरकार द्वारा नई योजनाओं के तहत बिजली कनेक्शन और पंप तो लगाए गए, पर वे भी बेकार साबित हो रहे हैं।
किसानों ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारें खेती को बढ़ावा देने के दावे तो करती हैं, लेकिन असल जमीनी हकीकत यह है कि सिंचाई जैसी मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी है। खेतों में पानी न होने के कारण खाद, बीज और दवा पर किया गया सारा खर्च बेकार चला जाता है।
परिणामस्वरूप उत्पादन घट रहा है और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों ने कहां कि जब तक सिंचाई की उचित व्यवस्था नहीं होगी, तब तक कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाना मुश्किल है।
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