आईआईटी-बॉम्बे की एक छात्र ने हॉस्टल की 10वीं मंजिल से लगा दी छलांग
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बांबे में पढ़ने वाले 22 वर्षीय दिल्ली के छात्र ने शनिवार तड़के पवई स्थित छात्रावास की इमारत से कूदकर जान दे दी। एक अधिकारी ने बताया कि छात्र रोहित सिन्हा ने सुबह करीब 2:30 बजे छात्रावास की 10वीं मंजिल से छलांग लगा दी।
उसे पास के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दिल्ली का रहने वाला सिन्हा मेटलर्जिकल साइंस का चौथे वर्ष का छात्र था। अधिकारी ने बताया कि दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और जांच शुरू कर दी गई है।
आकस्मिक मृत्यु की रिपोर्ट दर्ज
वर्ष 2025 में देश भर के प्रमुख आईआईटी संस्थानों के छात्रों द्वारा आत्महत्या से संबंधित कई मौतें हुईं। जुलाई में आईआईटी खड़गपुर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के द्वितीय वर्ष के एक छात्र को रहस्यमय परिस्थितियों में परिसर में मृत पाया गया था।
छात्र की पहचान चंद्रदीप पवार के रूप में हुई है। हाल के दिनों में संस्थान के किसी छात्र की परिसर में मौत की यह दूसरी घटना थी। 18 जुलाई को, चौथे वर्ष के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र रितम मंडल का शव उसके छात्रावास के कमरे में रहस्यमय परिस्थितियों में मिला था।
आत्महत्या का पांचवां मामला
आईआईटी-खड़गपुर में परिसर के भीतर आत्महत्या का यह पांचवां मामला था। 4 मई को बिहार के बी.टेक के तीसरे वर्ष के छात्र मोहम्मद आसिफ कमर मदन मोहन मालवीय हॉल स्थित अपने कमरे में मृत पाए गए थे। 20 अप्रैल को महाराष्ट्र के ओशन इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्र अनिकेत वाकर जेसी बोस हॉल में फंदे से लटके पाए गए थे। 12 जनवरी को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के छात्र शॉन मलिक ने आत्महत्या कर ली थी।
सुप्रीम कोर्ट ने भी उठाए थे सवाल
सर्वोच्च न्यायालय ने 28 जुलाई को शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की बढ़ती आत्महत्याओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की और हाल के मामलों से निपटने के तरीके पर आईआईटी खड़गपुर के प्रबंधन से सवाल किए। न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की खंडपीठ ने एक स्वप्रेरित मामले की सुनवाई करते हुए संस्थान से जवाबदेही की मांग की। खंडपीठ ने स्पष्ट रूप से पूछा था कि छात्र आत्महत्या क्यों कर रहे हैं? प्रबंधन क्या कर रहा है?