स्पेशल इंटेंसिव रिविजन प्रक्रिया पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दिया जवाब

स्पेशल इंटेंसिव रिविजन प्रक्रिया पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दिया जवाब

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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बिहार में चुनाव आयोग की स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) प्रक्रिया लगातार विवादों में है। विपक्ष इसपर सवाल खड़े कर रहा है कि इस प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग कई मतदाताओं को सूची से बाहर कर रहा है। वहीं, अब चुनाव आयोग ने इसपर सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया है।

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि बिहार में किसी भी मतदाता से उसका अधिकार नहीं छीना गया है। नोटिस दिए बिना किसी भी मतदाता को वोटर लिस्ट से बाहर नहीं किया जाएगा।

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग ने कहा कि SIR प्रक्रिया के तहत हर मुमकिन प्रयास किए जा रहे हैं कि सभी पात्र मतदाताओं का नाम फाइनल लिस्ट में शामिल रहे। चुनाव आयोग ने सख्त दिशानिर्देश दिए हैं कि किसी भी मतदाता का नाम गलत तरीके से सूची से बाहर न किया जाए।

65 लाख नाम काटने का आरोप

चुनाव आयोग ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दायर करते हुए कहा कि किसी भी SIR प्रक्रिया के दौरान नाम शामिल करने और हटाने में कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। चुनाव आयोग का यह बयान ऐसे समय आया है, जब आयोग पर 65 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाने का आरोप लगा है।

चुनाव आयोग के अनुसार, सभी मतदाताओं को दस्तावेज जमा करने के लिए भरपूर मौके दिए जा रहे हैं। अधिकारी बूथ स्तर पर जाकर राजनीतिक पार्टियों को हिस्सा लेने और लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसके लिए 38 जिला निर्वाचन अधिकारी, 243 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, 2,976 सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, 77,895 बूथ स्तरीय अधिकारी, 2,45,716 स्वयंसेवक और 1,60,813 बूथ स्तरीय एजेंट नियुक्त किए गए हैं।

7.24 करोड़ लोगों ने दिए दस्तावेज

चुनाव आयोग का कहना है कि 1 अगस्त को जारी की गई ड्राफ्ट लिस्ट में 7.89 करोड़ मतदाताओं में से सिर्फ 7.24 करोड़ लोगों ने ही अपने दस्तावेज जमा किए हैं। जिन भी मतदाताओं के दस्तावेज नहीं मिले हैं, उनके नाम सभी राजनीतिक दलों को समय-समय पर दिए जा रहे हैं। बिहार से बाहर रहने वाले मतदाताओं के लिए भी अखबारों में 246 विज्ञापन दिए गए हैं।

 बिहार में विपक्षी नेता जहां मतदाता सूची संशोधन के विस्तृत मसौदे की मांग कर रहे हैं, वहीं भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने पुष्टि की है कि मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के सभी बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) को पहले ही अद्यतन मसौदा सूचियां उपलब्ध करा दी गई हैं। इस मसौदा मतदाता सूची में उन मतदाताओं के नाम भी शामिल हैं जो मृत हैं, स्थानांतरित हो चुके हैं और जिनकी प्रविष्टियां दोहराई गई हैं।

चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि यदि किसी मृत मतदाता के सत्यापन के संबंध में कोई आपत्ति उत्पन्न होती है, तो बीएलए पर्याप्त साक्ष्य के साथ बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) को सूचित करें। स्थानीय निवासियों से दावे और आपत्तियां आमंत्रित करते हुए, सूचियां मतदान केंद्रों के बाहर भी चस्पा की गई हैं।

चुनाव आयोग के अनुसार, विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) 2025 के भाग के रूप में, 1 जुलाई, 2025 की अर्हता तिथि के आधार पर, 25 जून, 2025 को प्रकाशित सूची में सूचीबद्ध सभी मतदाताओं को फॉर्म जारी किए गए थे। बीएलओ, पर्यवेक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों ने क्षेत्र का दौरा किया और घर-घर जाकर सत्यापन किया और मृतक, स्थानांतरित और दोहरी प्रविष्टि वाले लोगों का पता लगाया।

उदाहरण के लिए, बिहार में मतदान केंद्र संख्या 151 में, अधिकारियों ने 746 मृत मतदाताओं, एक स्थानांतरित मतदाता, 13 स्थानांतरित मतदाताओं और तीन दोहरी प्रविष्टियों की पहचान की। इसी तरह, मतदान केंद्र संख्या 153 में, 779 मतदाताओं में से 633 गणना फॉर्म प्राप्त हुए हैं, 40 मतदाता मृत पाए गए हैं।

मधुबनी विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 154 में, 1,424 मतदाताओं में से 1,372 फॉर्म प्राप्त हुए। बाकी में से 17 की मृत्यु हो गई थी, 22 को स्थायी रूप से स्थानांतरित कर दिया गया था, आठ में दोहरी प्रविष्टियाँ थीं, और पांच अनुपस्थित थे। ईसीआई ने बीएलओ को आपत्तियों और सत्यापन के आधार पर रिकॉर्ड में समय पर सुधार सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

पुनर्विचार के लिए फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 1 सितंबर है। चुनाव आयोग के अनुसार, आम आदमी पार्टी के पास दो बीएलए हैं, बहुजन समाज पार्टी के पास 74, भारतीय जनता पार्टी के पास 53,338, सीपीआई (एम) के पास 899, कांग्रेस के पास 17,549, नेशनल पीपुल्स पार्टी के पास सात, सीपीआई (एम-एल) (लिबरेशन) के पास 1,496 बीएलए हैं।

वहीं, जनता दल (यूनाइटेड) के पास 36,550, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के पास 1,210 बीएलए हैं, राष्ट्रीय जनता दल के पास 47,506 बीएलए हैं, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के पास 1,913 और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के पास 270 बीएलए हैं। ये सभी एसआईआर अभ्यास में भाग ले रहे हैं।

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