वाराणसी में पीएम मोदी के दौरे से पहले कांग्रेस और सपा नेताओं पर पुलिस का ‘पहरा’
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक दिवसीय वाराणसी दौरे से पहले पुलिस ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के दर्जनों नेताओं पर शिकंजा कस दिया है। प्रधानमंत्री के खिलाफ वाराणसी में विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रही दोनों ही पार्टियों के दर्जनों नेताओं को पुलिस ने या तो हिरासत में लिया है या घरों में नजरबंद कर दिया है।
कांग्रेस नेताओं पर कार्रवाई पीएम मोदी के विरोध की योजना बना रही कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को पुलिस ने रोका। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल को बीती रात ही हाउस अरेस्ट कर दिया गया। इसी क्रम में कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे को उनके आवास से पुलिस ने हिरासत में लेकर सिगरा थाने भेज दिया। वहीं, युवा कांग्रेस प्रदेश सचिव सुजान ख़ान को भी पुलिस ने घर पर नजरबंद कर दिया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि “पुलिस भेजकर हमें रोकना, कार्यकर्ताओं की आवाज़ दबाना लड़ाई को रोक नहीं पाएगा। कांग्रेस का हर बब्बर शेर गली-गली, गांव-गांव से आवाज़ उठाएगा”
सपा नेताओं को भी घरों में नजरबंद किया गया कांग्रेस के साथ-साथ समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं को भी पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर दिया है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी के आगमन से पहले किसी भी विरोध को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया। सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव उर्फ लक्कड़ पहलवान समेत दर्जनों नेताओं को घरों में नजरबंद किया गया है। अमन यादव को लंका थाना क्षेत्र से हाउस अरेस्ट किया गया, जबकि जितेंद्र मलिक, जो रामनगर सपा बाबा साहब अंबेडकर वाहिनी के जिलाध्यक्ष हैं, उन्हें भी रामनगर पुलिस ने घर पर नजरबंद कर दिया है।
पीएम मोदी का वाराणसी दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (गुरुवार को) वाराणसी के एक दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान वह मॉरीशस के प्रधानमंत्री के साथ होटल ताज गेटवे में द्विपक्षीय बैठक करेंगे। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है और विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं को पहले ही नियंत्रण में ले लिया गया है।
कुल मिलाकर, पीएम मोदी के वाराणसी दौरे से पहले का सियासी माहौल गरमा गया है। एक ओर जहां कांग्रेस और सपा नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई को लोकतंत्र का गला घोंटना बताया, वहीं प्रशासन का कहना है कि यह कदम शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है।