गोदामों में चावल 48.2 और गेहूं 33.3 मिलियन टन के रिकॉर्ड स्तर पर है,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत के सरकारी गोदामों में चावल और गेहूं का स्टॉक इस समय मजबूत स्तर पर है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 1 सितंबर तक चावल का भंडार 14% बढ़कर 48.2 मिलियन टन पर पहुंच गया है, जो अब तक का रिकॉर्ड है. बता दें कि पाकिस्तान-बांग्लादेश मिलाकर भी पूरे साल में इतना चावल नहीं उगा पाते. गेहूं का स्टॉक भी चार साल के उच्च स्तर 33.3 मिलियन टन पर दर्ज किया गया है. ये दोनों ही आंकड़े सरकार के तय लक्ष्य से काफी ज्यादा हैं.
गेहूं का भंडार और त्योहारी सीजन
सितंबर की शुरुआत में सरकारी गोदामों में गेहूं और चावल का भंडार रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। बुधवार को जारी सरकारी डाटा के अनुसार, एक सितंबर को गोदामों में 4.82 करोड़ मीट्रिक टन धान का भंडार था। यह एक जुलाई को निर्धारित किए गए सरकारी लक्ष्य 1.35 मीट्रिक टन का करीब चार गुना और पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 14 प्रतिशत ज्यादा है।
गेहूं का भंडार चार वर्ष के उच्च स्तर पर पहुंचा
इसी प्रकार गेहूं का भंडार चार वर्ष के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। डाटा के अनुसार, एक सितंबर को 3.33 करोड़ टन गेहूं सरकारी गोदामों में उपलब्ध था। यह सरकारी लक्ष्य 2.76 करोड़ टन के मुकाबले काफी ज्यादा है।
चावल के रिकॉर्ड भंडार से भारत ज्यादा मात्रा में इसका निर्यात कर सकेगा। वहीं, बेहतर गेहूं भंडार सरकार को इस वर्ष के अंत में खुले बाजार में बिक्री के माध्यम से संभावित मूल्य वृद्धि को रोकने की गुंजाइश देगा।
चावल का निर्यात बढ़ रहा है
एक वैश्विक ट्रेडिंग फर्म के दिल्ली स्थित डीलर के मुताबिक, चावल का निर्यात बढ़ रहा है। भारत इस साल रिकॉर्ड मात्रा में निर्यात करने के लिए तैयार है, लेकिन पिछले साल की रिकार्ड फसल के कारण स्टाक अभी भी ज्यादा है।
वैश्विक चावल निर्यात में करीब 40 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले भारत ने इसी वर्ष मार्च में निर्यात प्रतिबंध हटाए थे। राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन को उम्मीद है कि इस वर्ष भारत के चावल निर्यात में 25 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
सिर्फ ट्रेन से ही पूरी नहीं हो सकती दिल्ली में सेब की मांग
दिल्ली-एनसीआर की सबसे बड़ी आजादपुर फल-सब्जी मंडी में प्रतिदिन तीन से साढ़े तीन हजार टन सेब की प्रतिदिन की मांग है। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से सामान्यत: प्रतिदिन लगभग 300 ट्रक सेब लेकर आजादपुर मंडी पहुंचते हैं। एक ट्रक में औसतन 10 से 14 टन सेब लाने की क्षमता है।
आपूर्ति पूरी करने में रहीं मुश्किलें
पार्सल ट्रेन में पहले दिन सात बोगी में 161 टन व दूसरे दिन आठ बोगी में 184 टन सेब बड़गाम से दिल्ली पहुंच पाया है। जाहिर है कि इतनी भारी मांग की आपूर्ति केवल ट्रेन से संभव नहीं है। ट्रेन और बोगियां बढ़ाने के बावजूद इतनी बड़ी मांग की पूर्ति मुश्किल कार्य है।