स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान: आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर विशेष अभियान चलाकर गर्भवती महिलाओं की हुई प्रसव पूर्व जांच
• रविवार को भी नहीं थमी सेहत की सेवा, गर्भवती महिलाओं की हुई विशेष जांच
• एनीमिया से लेकर हाई रिस्क प्रेग्नेंसी तक, एक ही मंच पर हुई व्यापक जांच
• जिले में चल रहा है स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान
• मां और शिशु की सेहत पर खास फोकस, जिले में चला विशेष एएनसी जांच अभियान
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, छपरा (बिहार):
छपरा जिले में स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के तहत महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर व्यापक प्रयास जारी हैं। गर्भवती महिलाओं की देखभाल और गंभीर बीमारियों की पहचान को केंद्र में रखते हुए रविवार को भी विशेष अभियान चलाया गया। जिले के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर प्रसवपूर्व जांच (एएनसी चेकअप) की गई।
रविवार की छुट्टी होने के बावजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने शिविर लगाकर गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन, रक्तचाप, वजन और भ्रूण विकास की जांच की। इस दौरान उच्च जोखिम वाली गर्भवतियों (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) की पहचान सुनिश्चित की गई। साथ ही मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड भी वितरित किए गए और सुरक्षित प्रसव, पोषण व स्वास्थ्य देखभाल संबंधी परामर्श दिया गया।
17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा अभियान
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक जिले में चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को गंभीर बीमारियों से बचाव और समय पर उपचार उपलब्ध कराना है। अभियान के दौरान गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ अन्य महिलाओं को भी गैर-संचारी रोगों (एनसीडी), एनीमिया, तपेदिक (टीबी), सिकल सेल रोग जैसी बीमारियों की जांच और उपचार की सुविधा दी जा रही है।
इसके साथ ही प्रसवपूर्व देखभाल, मासिक धर्म स्वच्छता, मानसिक स्वास्थ्य और टीकाकरण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि समय पर जांच और परामर्श से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिलेगी।
गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ी पहल
डीपीएम अरविन्द कुमार ने कहा कि अभियान के दौरान गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच सुनिश्चित की जा रही है ताकि प्रसव के समय किसी भी तरह की जटिलता को रोका जा सके। हीमोग्लोबिन जांच से एनीमिया की स्थिति स्पष्ट की जा रही है, वहीं रक्तचाप और भ्रूण विकास की निगरानी से गर्भवती और शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मिशन स्वस्थ परिवार की ओर कदम
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि यह अभियान महिलाओं और परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक नई मजबूती देगा। गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व देखभाल और महिलाओं में गंभीर बीमारियों की शीघ्र पहचान सुनिश्चित करने से “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” का लक्ष्य और भी प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सकेगा। यह अभियान जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की नई तस्वीर गढ़ रहा है और ग्रामीण इलाकों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को सुलभ बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।
केवल जांच ही नहीं, परामर्श भी
शिविरों में गर्भवती महिलाओं को मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड दिए गए और सुरक्षित प्रसव के लिए जरूरी परामर्श उपलब्ध कराया गया। महिलाओं को आयरन, फोलिक एसिड और अन्य आवश्यक दवाइयों का वितरण किया गया। इसके साथ ही संतुलित आहार, स्वच्छता और टीकाकरण से जुड़ी जानकारी भी दी गई। खासकर ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर महिलाओं को जागरूक कर रहे हैं।
मानसिक स्वास्थ्य और मासिक धर्म स्वच्छता पर जोर
इस अभियान के दायरे में केवल प्रसवपूर्व देखभाल ही नहीं, बल्कि महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य को शामिल किया गया है। महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य, मासिक धर्म स्वच्छता और पोषण पर विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य महिलाओं को उन समस्याओं के प्रति जागरूक करना है, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
मुख्य बिंदु
• जिले में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान।
• रविवार को भी स्वास्थ्यकर्मी सक्रिय, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच।
• हीमोग्लोबिन, रक्तचाप, वजन और भ्रूण विकास की निगरानी।
• उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान और परामर्श।
• गैर-संचारी रोग, एनीमिया, टीबी और सिकल सेल की भी जांच।
• मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड वितरण और सुरक्षित प्रसव संबंधी परामर्श।
• पोषण, मासिक धर्म स्वच्छता और मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता।
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