सीवान के लाल मनोज भावुक ने OTT पर रिलीज हुई भोजपुरी फिल्म के गीत लिखे है

सीवान के लाल मनोज भावुक ने OTT पर रिलीज हुई भोजपुरी फिल्म के गीत लिखे है

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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 भोजपुरी फिल्म ‘आपन कहाये वाला के बा’ में कहानी और गीत-संगीत इतने शानदार हैं कि दर्शक न सिर्फ देखते-सुनते हैं, बल्कि खुद से जुड़ाव भी महसूस करते हैं। दरअसल यह घर-घर की कहानी और कमोबेस हर आदमी का देखा-भोगा यथार्थ है।

इतिहास साक्षी है कि जब-जब भोजपुरी सिनेमा में किसी साहित्यकार ने गीत लिखा है, उस फिल्म के गाने और उन गानों की वजह से फिल्में भी सुपरहिट रही हैं। शैलेन्द्र, मजरूह, अंजान, तीनों भोजपुरिया, हिंदी के दिग्गज गीतकार जब भोजपुरी फिल्मों में गीत लिखे, फिल्में सुपर-डुपर हिट हुईं। मोती बीए, लक्ष्मण शाहाबादी, भोलानाथ गहमरी, उमाकांत वर्मा, रामनाथ पाठक प्रणयी, ब्रजकिशोर दुबे ने जिन भोजपुरी फिल्मों में गीत लिखा, फिल्में सुपर-डुपर हिट हुईं।

उसी कड़ी में बहुत सालों के बाद एक नया नाम जुड़ा है- मनोज भावुक। भोजपुरी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार व जाने-माने शायर मनोज भावुक ने भोजपुरी सिनेमा के इतिहास पर भी पुस्तक लिखी है। इन्हें भोजपुरी सिनेमा का इनसाइक्लोपीडिया और सिनेमा व साहित्य के बीच की एक मजबूत कड़ी भी कहा जाता है। शारदा सिन्हा, भरत शर्मा, मालिनी अवस्थी, कल्पना पटवारी, मनोज तिवारी और रवि किशन जैसे दिग्गज इनके कलम के प्रशंसक रहे हैं। फिल्मफेयर व फेमिना जैसी संस्थाओं ने मनोज को सम्मानित किया है। दिल्ली प्रेस ने बेस्ट राइटर के खिताब से नवाजा है।

ओटीटी पर रिलीज हुई ‘ आपन कहाये वाला के बा ‘

27 सितम्बर को ओटीटी प्लेटफॉर्म भोजपुरी सिनेमा और दंगल ऐप पर एक फिल्म रिलीज हुई है- ‘आपन कहाये वाला के बा’। इस फिल्म के सभी गीत मनोज भावुक ने लिखे हैं, जबकि आजकल की अधिकांश फिल्मों में कई गीतकार होते हैं। फिल्म के निर्देशक व संगीतकार हैं रजनीश मिश्रा। रजनीश दर्जनों ब्लॉकबस्टर फिल्में दे चुके हैं। भोजपुरी मिट्टी, तेवर व संस्कार की जबदस्त समझ है रजनीश मिश्रा में, इसलिए मनोज व रजनीश की जोड़ी बनी है।

इस जोड़ी ने मिलकर ‘मेंहदी लगा के रखना’ फिल्म में एक कमाल का गीत दिया- ” तोर बउरहवा रे माई’ और अब रजनीश मिश्रा ने ‘आपन कहाये वाला के बा’ के टाइटल ट्रैक से लेकर सभी रंग के गाने मनोज भावुक से ही लिखवाया है। यह फिल्म एक फैमिली ड्रामा है, टूटते-बिखरते रिश्तों को बचाने की रोचक-रोमांचक कहानी है, जाहिर है गीत भी इन्हीं सब मुद्दों को लेकर है। गीत-संगीत इस फिल्म की जान है।

केंद्रीय भूमिका में अवधेश मिश्रा

केंद्रीय भूमिका में भोजपुरी सिनेमा के सबसे बड़े विलेन अवधेश मिश्रा हैं, लेकिन इस फिल्म में वह विलेन नहीं है। अंजना सिंह, देव सिंह, माया यादव, प्रीति मौर्या, संयुक्ता राय, रिंकू भारती , राघव पाण्डेय, अमरीश सिंह, राम सूजन सिंह आदि के सशक्त अभिनय ने कहानी को जीवंत कर दिया है।

सिनेमैटोग्राफी सुनील अहीरे, कोरियोग्राफी विवेक थापा, एक्शन दिनेश यादव, कला नौशाद अंसारी और कॉस्ट्यूम विद्या-विष्णु का है। फिल्म के निर्माता रजनीश मिश्रा व विनय सिंह हैं। फिल्म देखने के बाद इसके लेखन, निर्देशन और गीत-संगीत की खूब चर्चा हो रही है और कहा जा रहा है कि कंटेंट के स्तर पर भोजपुरी फिल्में फिर अपने सुनहले दौर में लौट रही हैं।

गीतों की बात करें तो प्रियंका सिंह की खनकदार आवाज में ” भउजी जब खिसियाली बड़ी काड़ा लागेली / बाकिर हंस के छोहाली त छोहाड़ा लागेली ” रिश्तों के मर्म व नोंक-झोंक को लेकर एक कर्णप्रिय व मधुर गीत है। उसी तरह से ”धान कुटाये लागल, हरदी कुंचाये लागल / लगनौती बबुनी के मन कसमसाये लागल ” एक बेहतरीन रिचुअल सांग है। भावी पति की तस्वीर पर दुल्हन के अंतर्मन का गीत ‘ फोटउआ में बानी लुकाइल का निकलीं / बहुत बात रउरा से बोले के बाटे” हर कांच-कुंआर कन्या जिसकी शादी तय हो गई है, के जुबान पर थिरकने वाला गीत है।

फिल्म के टाइटल सांग ” आपन कहाये वाला के बा ” को संगीतकार रजनीश मिश्रा ने खुद गाया है, जिस पर अवधेश मिश्रा, माया यादव, देव सिंह और अंजना सिंह का एक्सप्रेशन देखने लायक है। इस गीत में दरकते रिश्तों को देखकर सबकी आंखों में आंसू आ जाते है। शादी की पूर्व संध्या पर संगीत कार्यक्रम में एक मस्ती-मजाक वाला गीत भी है, जिसमें भाभियां ननद को एक संदेश भी दे देती हैं कि ‘ अइसे मुस्का के कनखी से देखबू तब त परिवार बढ़हीं के बाटे” … कुल मिलाकर यह एक ऐसा फैमिली ड्रामा है, जिसमें एंटरटेनमेंट का फुल डोज है।

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