सारण जिले में अन्तरा इंजेक्शन सेवा सशक्त, एक दिन में 2,055 महिलाओं को मिला अन्तरा इंजेक्शन

सारण जिले में अन्तरा इंजेक्शन सेवा सशक्त, एक दिन में 2,055 महिलाओं को मिला अन्तरा इंजेक्शन
• आशा-एएनएम की मेहनत रंग लाई, सारण में मेगा अन्तरा कैंप बना सफलता की मिसाल
• गर्भनिरोधक दिवस पर सारण का अनोखा प्रयास
• महिलाओं को मिला सुरक्षित विकल्प

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):

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परिवार नियोजन केवल जनसंख्या नियंत्रण का माध्यम नहीं, बल्कि मातृ-शिशु स्वास्थ्य और महिलाओं के सशक्तिकरण का भी आधार है। यही कारण है कि राज्य और जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग लगातार नई पहल कर रहा है। इसी क्रम में विश्व गर्भनिरोधक दिवस के अवसर पर सारण जिले में विश्व गर्भनिरोधक दिवस अभियान आयोजित किया गया, जिसने परिवार नियोजन सेवाओं को नई ऊंचाई दी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अन्तरा इंजेक्शन सेवा वितरण को सुदृढ़ करना और अधिकाधिक दंपतियों तक सुरक्षित व भरोसेमंद गर्भनिरोधक साधन पहुंचाना था।विश्व गर्भनिरोधक दिवस पर जिला अस्पताल से लेकर प्रत्येक वीएचएसएनडी स्तर तक एक साथ अन्तरा मेगा कैंप आयोजित किया गया।
ऐतिहासिक उपलब्धि
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि इस अभियान ने कम समय में बड़ी सफलता अर्जित की। केवल एक दिन में सारण जिले के 20 प्रखंडों में 2,055 महिलाओं को अन्तरा इंजेक्शन की खुराक दी गई। यह उपलब्धि जिले में परिवार नियोजन सेवाओं की व्यापक स्वीकार्यता और स्वास्थ्यकर्मियों के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है।

• प्रथम डोज : 1,049
• द्वितीय डोज : 529
• तृतीय डोज : 306
• चतुर्थ एवं उससे अधिक डोज : 171

अग्रिम पंक्ति की कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने कहा कि अभियान में सबसे अहम भूमिका आशा, एएनएम और स्टाफ नर्स जैसी अग्रिम पंक्ति की कार्यकर्ताओं ने निभाई। उनके निरंतर संपर्क, जागरूकता और समुदाय-आधारित प्रयासों से लाभार्थियों तक सेवाएं प्रभावी ढंग से पहुंचीं। पीएसआई इंडिया के एमपीआई मुरलीधर और वरिष्ठ एफपीसी राजीव कुमार एवं जिला स्वास्थ्य समिति का संयुक्त समन्वय उल्लेखनीय रहा।

परिवार नियोजन का महत्व
सिविल सर्जन के अनुसार, गर्भनिरोधक साधनों का नियमित उपयोग मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में सहायक होता है। अन्तरा इंजेक्शन जैसी सेवाएं महिलाओं को सुरक्षित विकल्प प्रदान करती हैं, जिससे उन्हें अनचाहे गर्भ से बचाव के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी मिलते हैं। यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और परिवार की जीवन गुणवत्ता सुधारने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।

अभियान की सफलता पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने सभी कार्यकर्ताओं की सराहना की। सिविल सर्जन, डीपीएम और डीसीएम के मार्गदर्शन के साथ स्वास्थ्यकर्मियों का समर्पित नेतृत्व इस ऐतिहासिक उपलब्धि का आधार रहा। जब रणनीति, प्रशिक्षण और समन्वय एक साथ काम करते हैं, तो परिवार नियोजन जैसी सेवाएं अंतिम छोर तक पहुंचकर समुदाय में विश्वास और बदलाव दोनों स्थापित करती हैं। सारण जिले का यह मॉडल राज्य के अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणादायी साबित हो सकता है।

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