अद्भुत अविश्वसनीय अकल्पनीय भारतीय टीम!

अद्भुत अविश्वसनीय अकल्पनीय भारतीय टीम!

✍🏻 राजेश पाण्डेय

WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
01
previous arrow
next arrow
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
01
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

हमारे देश के मीडिया में तीन ‘सी’ खूब देखी-सुनी और पढ़ी जाती है। यह है- क्रिकेट, क्राइम और सिनेमा। भारत में क्रिकेट धर्म की तरह है। जो हमारे भावनाएं, उत्साह, जोश को मूर्त रूप प्रदान करते हैं।

एशिया कप में नौवीं बार विजय हुई भारतीय टीम के लिए यह‌ जीत अद्भुत है क्योंकि पाकिस्तान को उन्होंने फाइनल में हराया है।
भारतीय टीम ने नवरात्र पर देशवासियों को एक अद्भुत अमूल्य उपहार दिया है क्योंकि प्रधानमंत्री ने अपने बधाई संदेश में कहा कि सभी देशवासी गर्व का अनुभव कर रहे हैं।

नवीं बार भारत में एशिया कप को जीता है। आप सभी को 1986 के शारजाह का मैच याद होगा। जिसका बदला भारत ने लिया है।
भारत ने क्रिकेट के साथ मैदान पर ऑपरेशन सिंदूर खेला है जो खिलाड़ियों के हृदय में धधक रहा था। बांकुरों ने इसका भरपूर साथ दिया और सिंदूर की लाज तिलक लगाकर रखा।

तिलक वर्मा देश के माथे के तिलक हैं। भारत मैच नहीं जीता है बल्कि उस परंपरा, विचारधारा और वसुधैव कुटुंबकम को भी जीता है जिसके लिए वह पूरे विश्व में अपनी सांस्कृतिक वैभव के लिए जाना जाता है।

अपने चिर प्रतिद्वंद्वी देश के नेता से ट्रॉफी ना लेकर भारत ने संदेश दिया है कि हमारे देश की भावनाओं से खेल अलग नहीं है। देश के भीतर भी उन शक्तियों को इन खिलाड़ियों ने परास्त किया है जिन्होंने कहा कि हमें दुश्मन देश से क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए और यह पैसे के लिए खेल रहे हैं, अब उनकी बोलती बंद हो गई है।

भारतीय टीम के साथ हमें उन विदेशी टीमों का भी अभिनंदन करना चाहिए जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को आक्रामक खेल प्रक्रिया को बनाए रखा। खासकर श्रीलंका की टीम के सदस्यों ने जिस प्रकार भारत के खिलाड़ियों के जुनून की प्रसंशा की, वह अपने आप में एक उदाहरण है।

श्रीलंका के खिलाड़ी पाथुम निसांका ने मैन ऑफ द मैच पुरस्कार को अभिषेक शर्मा को लौटा देना अपने आप में बहुत बड़ी बात है जो खेल के माध्यम से दोनों देशों के परंपरागत मैत्रीपूर्ण संबंध को दर्शाता है। क्योंकि क्रिकेट केवल व्यक्तिगत उपलब्धियां का खेल नहीं है वरन यह देश और उसकी भावनाओं का भी खेल है इस खेल में पुरस्कार केवल आंकड़े और रन से नहीं बल्कि उस प्रभाव से भी जुड़े हैं जो खिलाड़ी अपने खेल भावना से मैच पर डालता है।

बहरहाल देश में क्रिकेट हमारी मूर्त भावना का प्रतीक बन चुका है। जीत के बाद भारतीय क्रिकेट को विश्व एक नए अवसर के रूप में देख रहा है क्योंकि खेल के मूल्यों का उत्कृष्ट उदाहरण भारत ने प्रस्तुत किया है। इसके माध्यम से हम कई प्रकार के आयाम को सृजित कर रहे हैं परन्तु हम सभी को अपने दोस्त और दुश्मन में बोध अवश्य होना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!