सम्राट चौधरी नरसंहार के आरोपी है -जन सुराज
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. पार्टी के अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा है सम्राट चौधरी लौना परसा नरसंहार केस में गलत दस्तावेज पेश कर खुद को नाबालिग बताए और जेल से रिहा हुए, इनका उच्च पद पर बने रहना कानून के राज में जनता का विश्वास कम करेगा.
कई महीनों तक जेल में रहे हैं सम्राट चौधरी: उदय सिंह
उदय सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार सम्राट चौधरी का नाम 28 मार्च 1995 को हुए लौना परसा नरसंहार (केस संख्या 44/1995, थाना तारापुर) में अभियुक्त के रूप में दर्ज है, जिसमें कुशवाहा समुदाय के छह लोगों की हत्या हुई थी. इस मामले में सम्राट चौधरी सहित छह अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. वे कई महीनों तक जेल में रहे, उनकी जमानत दो बार खारिज हुई थी. उन्होंने मैट्रिक के प्रवेश पत्र के आधार पर अपनी उम्र 15 वर्ष साबित की और नाबालिग का दर्जा पाकर रिहा हो गए.
डिप्टी सीएम पर लगाया हेर फेर का आरोप
लेकिन, बाद के चुनावी हलफनामों में उन्होंने अपना जन्मवर्ष 1969 बताया, जिससे 2020 में उनकी उम्र 51 वर्ष हो जाती है. इससे यह स्पष्ट है कि सन 1995 में उनकी उम्र 26 वर्ष थी, यानी वे नाबालिग नहीं थे. यह विरोधाभास इस बात का भी संकेत है कि गलत डॉक्यूमेंट पेश कर उनकी जेल से रिहाई कराई गई और एक गंभीर अपराध से बचने का प्रयास हुआ. इस प्रकार के व्यक्ति का उच्च पद पर बना रहना न केवल शासन की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि कानून के राज और लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का विश्वास भी कम करता है.
मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग
उदय सिंह ने अपने पत्र के आखिरी में लिखा है, इसलिए आपसे विनम्र अनुरोध है कि सम्राट चौधरी को तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त करें और कानून को अपना स्वाभाविक मार्ग अपनाने दें ताकि इस नरसंहार के पीड़ितों को न्याय मिल सके. मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपके नेतृत्व में ऐसे मुद्दों को उचित गंभीरता एवं सत्य, न्याय एवं सार्वजनिक जीवन में जवाबदेही की भावना के साथ सुलझाया जाएगा.
जनसुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने सोमवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे 1995 के तारापुर (मु़ंगेर) हत्याकांड में अभियुक्त हैं और तुरंत बर्खास्त व गिरफ्तार किए जाएं। किशोर ने इस मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो वह राज्यपाल से मिलकर मामला उठाएंगे।
उन्होंने पटना में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘तारापुर में 1995 में छह लोगों की हत्या हुई थी, जो सभी कुशवाहा जाति के थे। यह बिहार में जातीय राजनीति करने वालों के लिए सबक होना चाहिए। सम्राट चौधरी कहते हैं कि मैं कुशवाहा हूं।” किशोर ने आरोप लगाया कि मगर छह लोगों की हत्या से जुड़ा तारापुर मामला संख्या 44/1995 में सम्राट चौधरी अभियुक्त हैं।
सम्राट चौधरी की उम्र में हेर फेर
उन्होंने आरोप लगाया कि सम्राट चौधरी ने अदालत में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का एडमिट कार्ड जमा किया था, जिसमें उनका नाम ‘सम्राट चंद्र मौर्य’, पिता का नाम ‘सकुनी चौधरी’ और जन्मतिथि 01-05-1981 दर्ज है। किशोर ने कहा, ‘‘उस हिसाब से 1995 में उनकी उम्र 14 साल थी और नाबालिग होने के कारण उन्हें राहत मिली।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यदि हम चौधरी का 2020 का हलफनामा देखें, तो उसमें उनकी उम्र 51 वर्ष बताई गई है। इसके हिसाब से 1995 में उनकी उम्र 20-25 साल के आसपास होनी चाहिए थी। यह तथ्य उन्हें अभियोजन के दायरे में लाता है।’’ किशोर ने कहा कि यह ‘‘गंभीर आरोप’’ हैं।
पीके ने कहा कि, ‘तारापुर केस नंबर 44/1995 इनके खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट का डॉक्यूमेंट है, जो सम्राट चौधरी ने दिया है. नाबालिग होने के नाम पर इनको जेल से निकाला गया था. इनका जो इलेक्शन डॉक्यूमेंट है, जो उन्होंने 2020 में दिया है उसके अनुसार इनकी उस समय उम्र 26 साल होनी चाहिए.’इधर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि जिस मामले की बात पीके कर रहे हैं उनमें कोर्ट ने उन्हें 1997-98 में ही बरी कर दिया था.