पीएम मोदी ने संघ के शताब्दी समारोह पर विशेष डाक टिकट और सिक्का जारी किया

पीएम मोदी ने संघ के शताब्दी समारोह पर विशेष डाक टिकट और सिक्का जारी किया

संघ में कटुता की कोई जगह नहीं- पीएम मोदी 

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह की धूम पूरे देश में देखने को मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी RSS के 100 साल पूरे होने पर खास प्रकार का डाक टिकट और सिक्का जारी किया है। यह सिक्का और टिकट काफी सूर्खियां बटोर रहा है। आजादी के बाद इतिहास में पहली बार संघ के लिए डाक टिकट और सिक्का जारी किया गया है।

राजधानी दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में RSS के शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें पीएम मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने RSS को खास सौगात दी है।

RSS के 100 साल पर खास डाक टिकट

पीएम मोदी के द्वारा RSS के शताब्दी समारोह पर जारी डाक टिकट कई मायनों में खास है। इसपर RSS कार्यकर्ताओं की परेड करते हुए तस्वीर छपी है। यह तस्वीर 1963 परेड की है।

दरअसल 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान RSS ने अहम रोल निभाया था। ऐसे में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने RSS से 26 जनवरी की परेड में हिस्सा लेने का अनुरोध किया था और 26 जनवरी 1963 को राजपथ (अब कर्तव्यपथ) पर RSS के कार्यकर्ताओं की ऐतिहासिक परेड देखने को मिली थी।

सिक्के पर भारत माता और RSS की झलक

RSS के 100 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मारक सिक्का भी जारी किया है। इस सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह है और दूसरी ओर सिंह के साथ वरद-मुद्रा में भारत माता की भव्य छवि है। यह स्मारक सिक्का शुद्ध चांदी का है, जिसकी कीमत 100 रुपये है।

इस खास सिक्के के आगे अशोक स्तंभ का चिह्न बना है। वहीं, सिक्के के पिछले हिस्से में भारत माता की पारंपरिक छवि देखी जा सकती है। इसके साथ RSS के कार्यकर्ताओं की छवि भी मौजूद है। इस सिक्के के ऊपर संघ का बोध वाक्य भी अंकित है- ‘राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम।’

100 साल पहले बना ‘संघ परिवार’

आज से 100 साल पहले 27 सितंबर 1925 को डॉ.केशव बलिराम हेडगेवार ने RSS की नींव रखी थी। महाराष्ट्र के नागपुर में इस संगठन की स्थापना की गई थी, जिसकी शाखाएं अब पूरे देश में मौजूद हैं। वहीं, RSS से जुड़े लोगों को ‘संघ परिवार’ के नाम से जाना जाता है।

पीएम मोदी ने संघ के शताब्दी वर्ष का गवाह बनने को गौरव का पल बताया और कहा कि आज जो सिक्का जारी हुआ है, उस पर पहली बार भारत माता की तस्वीर अंकित हुई है. इस पर संघ का बोधवाक्य भी लिखा हुआ है.

उन्होंने यह भी कहा कि संघ के स्वयंसेवक 1963 में 26 जनवरी की परेड में भी शामिल हुए थे और आन-बान-शान के साथ देशभक्ति की धुन पर कदमताल किया था. इसकी झलक भी डाक टिकट में है. पीएम मोदी ने कहा कि स्वयंसेवक जिस तरह राष्ट्र निर्माण के काम में जुटे हुए हैं, उसकी झलक भी टिकट में है. उन्होंने स्मारक सिक्कों और डाक टिकट के लिए देशवासियों को बधाई भी दी.

पीएम मोदी ने कहा कि संघ ने समाज के हर आयाम को छुआ है. संघ के स्वयंसेवक समाज को समृद्ध करने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि यह अविरल तप का फल है, यह राष्ट्र प्रवाह प्रबल है. पीएम ने कहा कि आदिवासी कल्याण से लेकर विविध क्षेत्रों में संघ के स्वयंसेवक काम कर रहे हैं. धाराएं बढ़ीं, लेकिन विरोधाभास नहीं. विचार एक ही है- राष्ट्र निर्माण. संघ ने राष्ट्र निर्माण के लिए व्यक्ति निर्माण की राह चुनी. इसके लिए शाखाएं शुरू हुईं.

उन्होंने कहा कि संघ की शाखाएं व्यक्ति निर्माण की वेदी हैं. इन शाखाओं में त्याग पनपता रहता है. पीएम ने कहा कि अहं से वयम तक की यात्रा शाखाओं में पूरी होती है. शाखा जैसी सरल जीवन पद्धति ही संघ के सौ वर्षों के सफर का आधार बने. उन्होंने कहा कि समर्पण, सेवा और राष्ट्र निर्माण की साधना से. संघ ने जिस कालखंड में जो चुनौती आई, उसमें संघ ने खुद को झोंक दिया.

आजादी के आंदोलन में संघ का बहुत योगदान- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आजादी के आंदोलन में डॉक्टर हेडगेवार की सक्रिय भागीदारी से लेकर हैदराबाद के निजाम और दादरा नगर हवेली तक, संघ का बहुत योगदान रहा. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी संघ को कुचलने का प्रयास हुआ. संघ को मुख्य धारा में नहीं आने देने के लिए अनगिनत साजिशें हुईं. पीएम मोदी ने कहा कि गुरु जी जब जेल से बाहर आए, तब उन्होंने बहुत सहजता से कहा था कि कभी कभी जीभ दांतों के बीच में आ जाती है, लेकिन हम दांत नहीं तोड़ दिया करते. जीभ भी हमारी है, दांत भी.

उन्होंने कहा कि जेल में तरह-तरह की यातनाएं दी गईं, अत्याचार हुए लेकिन गुरु जी के मन में कोई भेद नहीं था. उनका व्यक्तित्व ऋषितुल्य था. पीएम मोदी ने कहा कि संघ पर चाहे प्रतिबंध लगे, लेकिन स्वयंसेवकों ने मन में कटुता को कभी स्थान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्वयंसेवक के लोकतंत्र पर अडिग विश्वास ने मन में कटुता को जन्म नहीं लेने दिया.

अनेक थपेड़े सहते हुए भी अडिग खड़ा है संघ- पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि समाज के अनेक थपेड़े सहते हुए भी संघ विराट वृक्ष की तरह अडिग खड़ा है. उन्होंने कहा कि अभी एक स्वयंसेवक ने कितनी सुंदर प्रस्तुति दी- हमने देश को ही देव माना है और देह को ही दीप बनाकर जलना सीखा है. पीएम मोदी ने कहा कि शुरू से ही संघ राष्ट्रभक्ति का पर्याय रहा है. जब विभाजन की पीड़ा ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया, तब संघ के स्वयंसेवक शरणार्थियों की सेवा में अपने सीमित संसाधनों के साथ सबसे आगे खड़े थे.

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