सैम पित्रौदा राहुल गांधी की विदेश यात्रा के दौरान मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं-भाजपा

सैम पित्रौदा राहुल गांधी की विदेश यात्रा के दौरान मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं-भाजपा

कांग्रेस में कई ‘बुद्धिजीवी’, फिर राहुल को क्यों बुलावा

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि सैम पित्रोदा विदेश नीति के मामलों में राहुल गांधी का मार्गदर्शन नहीं करते, लेकिन राहुल के कोलंबिया की राजधानी बोगोटा के दौरे के दौरान पित्रोदा की उनकी साथ मौजूदगी चिदंबरम के दावे को खारिज करती है।

राहुल गांधी के साथ सैम पित्रोदा लगातार देखे जा रहे हैं

विश्लेषकों का मानना है कि पित्रोदा की उपस्थिति केवल तस्वीरें खिंचवाने तक सीमित नहीं है बल्कि, यह इस विदेश यात्रा के दौरान राहुल गांधी के एक करीबी मार्गदर्शक और सलाहकार के रूप में उनकी भूमिका का संकेत देती है।

पित्रोदा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं

राहुल गांधी वर्तमान में दक्षिण अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां वे चार देशों में राजनीतिक नेताओं, विश्वविद्यालय के छात्रों और व्यापारिक समुदायों के साथ संवाद कर रहे हैं। 90 वर्षीय पित्रोदा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। उन्होंने राहुल गांधी के लिए कई महत्वपूर्ण विदेश यात्राओं का आयोजन किया है। इसमें अमेरिका और यूरोप की यात्राएं शामिल हैं।

 राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से एक सवाल किया। उन्होंने पूछा कि उनमें ऐसी कौन सी प्रतिभा है जिसके कारण विदेशी विश्वविद्यालय उन्हें आमंत्रित करते हैं। सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के कोलंबिया में दिए बयान पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में एक से एक बुद्धिमान लोग हैं, उन्हें क्यों नहीं बुलाया जाता।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, कांग्रेस में पी. चिदंबरम, अभिषेक मनु सिंघवी, शशि थरूर, मनीष तिवारी जैसे बुद्धिमान और अपने-अपने विषय में विशेषज्ञ लोग मौजूद हैं। न तो जयराम रमेश और न ही सैम पित्रोदा, जो विदेश में रहते हैं और बुद्धिजीवी माने जाते हैं, उनको कभी नहीं बुलाया जाता। विदेशी विश्वविद्यालय सिर्फ राहुल गांधी को ही क्यों आमंत्रित करते हैं।

राहुल गांधी को भारत में किसी भी यूनिवर्सिटी में नहीं बुलाया जाता है। यहां तक कि 2004 से 2014 तक, जब कांग्रेस केंद्र में सत्ता में थी, तब भी उन्हें नहीं बुलाया गया। सवाल ये है कि भारत के बाहर ही उनको क्यों बुलाया जाता है। ये अपने आप में यक्ष प्रश्न है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भारत की छवि को विदेशी मंचों पर खराब करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेशी धरती पर भारत विरोधी बयान दिया है, जिससे भारत की छवि विदेशों में खराब होती है। मैं पूछना चाहता हूं कि विदेश में जाकर बोलने वाले राहुल गांधी को ये चीजें क्यों नजर नहीं आती हैं।

कांग्रेस में पी. चिदंबरम, अभिषेक मनु सिंघवी, शशि थरूर, मनीष तिवारी जैसे बुद्धिमान और अपने-अपने विषय में विशेषज्ञ लोग मौजूद हैं। न तो जयराम रमेश और न ही सैम पित्रोदा, जो विदेश में रहते हैं और बुद्धिजीवी माने जाते हैं, उनको कभी नहीं बुलाया जाता। विदेशी विश्वविद्यालय सिर्फ राहुल गांधी को ही क्यों आमंत्रित करते हैं।

 

 

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