बिहार बनेगा मिसाल, देशभर में लागू होंगे बदलाव-मुख्य चुनाव आयुक्त
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाते हुए 17 नई बदलाव की घोषणा की है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि ये सभी सुधार सबसे पहले बिहार चुनाव में लागू किए जाएंगे और इसके बाद इन्हें पूरे देश में लागू करने की योजना है.
इन बदलावों का मकसद है—मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना, मतदाताओं की सुविधा बढ़ाना और प्रशासनिक दक्षता में सुधार लाना. रंगीन तस्वीरों वाली ईवीएम से लेकर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति तक, इस बार बिहार में कई नई परंपराएं स्थापित होने जा रही हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि ये 17 बदलाव केवल बिहार तक सीमित नहीं रहेंगे. बिहार में इनका सफलतापूर्वक क्रियान्वयन होने के बाद इन्हें पूरे देश में लागू किया जाएगा. आयोग का दावा है कि इन पहलों से भारतीय लोकतंत्र में पारदर्शिता, तकनीक और सुविधा—तीनों का एक नया अध्याय शुरू होगा.
ईवीएम पर अब उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें
पिछले चुनावों में ईवीएम पर ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरों को लेकर शिकायतें आई थीं. कई मतदाताओं को उम्मीदवारों की पहचान करने में कठिनाई होती थी. इस बार निर्वाचन आयोग ने यह कमी दूर करते हुए ईवीएम पर उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें लगाने का निर्णय लिया है. साथ ही क्रम संख्या का फॉन्ट भी बड़ा किया जाएगा ताकि पहचान में कोई भ्रम न हो। यह कदम मतदान की पारदर्शिता और मतदाताओं के अनुभव—दोनों को बेहतर बनाएगा.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने ज्ञानेश कुमार कहा- बिहार चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ होंगे. इस बार बिहार चुनाव मतदाताओं के लिए सरल, सुगम होंगे, पूरी लॉबी मतदाताओं की मदद के लिए खड़ी रहेगी, बिहार चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ होंगे,
यह हैं सभी 17 बदलाव
- मतदान केंद्रों पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा .
- सभी पोलिंग बूथों पर 100% वेबकास्टिंग.
- मतदाताओं के मोबाइल फोन जमा करने के काउंटर .
- ईवीएम बैलेट पेपर पर उम्मीदवारों की रंगीन फोटो .
- बूथ लेवल अधिकारियों (BLOS) और पर्यवेक्षकों का प्रशिक्षण.
- विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का सफल समापन.
- डिजिटल इंडेक्स कार्ड का शीघ्र वितरण .
- वन स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म .
- वोटर आईडी कार्ड का 15 दिनों में वितरण .
- बूथ लेवल अधिकारियों के लिए पहचान पत्र .
- फॉर्म 17C और ईवीएम में विसंगति पर VVPAT काउंटिंग.
- पोस्टल बैलोट की प्रारंभिक गणना .
- हाई-राइज सोसाइटियों में अतिरिक्त बूथ .
- 100 मीटर से बाहर अनौपचारिक आईडी स्लिप बूथ .
- राजनीतिक दलों के BLA का उपयोग.
- पुलिस अधिकारियों का विशेष प्रशिक्षण.
- पोलिंग और काउंटिंग स्टाफ का पारिश्रमिक दोगुना
बिहार चुनाव को लेकर क्या-क्या नया
- वोटर बूथ के अंदर मोबाइल फोन ले जा सकेंगे, लेकिन मतदान कक्ष में जाने से पहले जमा करना होगा.
- एक बूथ पर अधिकतम 1200 वोटर होंगे. इस पहल से वोट के लिए लोगों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
- 100 प्रतिशत बूथ पर वेब कास्टिंग. पहले 50 से 60 प्रतिशत बूथ पर ही वोटिंग प्रक्रिया की लाइव विडियो स्ट्रीमिंग होती थी.
- EVM में उम्मीदवारों की कलर फोटो होगी. पहले ब्लैक एंड वाइट फोटो से उम्मीदवारों की पहचान में दिक्कत होती थी.
- इस बार बड़े अक्षरों में वोटर स्लिप होगी. पोलिंग बूथ का नाम और पता भी बोल्ड फॉन्ट में लिखा होगा.
- पोलिंग बूथ से 100 मीटर की दूरी पर हर उम्मीदवार अपने एजेंट को लगा सकते हैं.
- बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) जब आए तो वोटर पहचान पाएं, इसके लिए उनके भी ID कार्ड शुरू किए गए हैं.
- पोस्टल बैलेट की गिनती EVM के आखिरी दो राउंड से पहले पूरी होगी.
- चुनाव समाप्त होने के तुरंत बाद कुल वोटर्स की संख्या और वोटिंग टर्नआउट की आधिकारिक घोषणा की जाएगी.
- पोस्टल बैलेट की गिनती प्रक्रिया को सरल किया
- डिजिटल इंडेक्स कार्ड एवं रिपोर्ट
- 15 दिनों में ईपिक नंबर मिलेगा
1350 मॉडल वोटिंग सेंटर बनाये जायेंगे
CEC ने बताया कि बिहार में कुल 90712 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं. हर केंद्र पर औसतन 818 मतदाता पंजीकृत हैं. इनमें से 76801 केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में और 13911 केंद्र शहरी इलाकों में है. सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है ताकि मतदान प्रक्रिया पर पूरी निगरानी रखी जा सके. इसके अलावा, मतदाताओं को बेहतर अनुभव देने के लिए 1350 मॉडल मतदान केंद्र भी बनाए जायेंगे.