लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर सिताबदियारा पहुंचे उपराष्ट्रपति, बोले– जेपी सदैव रहेंगे प्रेरणा स्रोत

लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर सिताबदियारा पहुंचे उपराष्ट्रपति, बोले– जेपी सदैव रहेंगे प्रेरणा स्रोत

सारण आयुक्त, डीएम व एसएसपी ने किया स्वागत, उपराष्ट्रपति ने देखे जेपी के दुर्लभ चित्र

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लोकतंत्र के पुरोधा को उपराष्ट्रपति का नमन: सिताबदियारा पहुंचे डॉ. सी. पी. राधाकृष्णन

लोकनायक की धरती पर उपराष्ट्रपति का आगमन, जयप्रकाश नारायण को दी श्रद्धांजलि

श्रीनारद मीडिया, के के सिंह सेंगर, छपरा/सिताबदियारा (सारण)

संपूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 123वीं जयंती पर शनिवार को उपराष्ट्रपति डॉ. सी. पी. राधाकृष्णन यूपी के बलिया जिले की सीमा पर स्थित सारण जिले के ऐतिहासिक गांव सिताबदियारा पहुंचे। उन्होंने यहां लोकनायक की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि जयप्रकाश नारायण का जीवन देश की लोकतांत्रिक चेतना का प्रतीक है।

इस दौरान उपराष्ट्रपति ने जेपी के पैतृक आवास का अवलोकन किया तथा वहां प्रदर्शित उनके जीवन से जुड़े दुर्लभ चित्रों और दस्तावेजों को देखा। उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने लोकतंत्र की रक्षा और जनता की आवाज को सशक्त बनाने में जो योगदान दिया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए अमर प्रेरणा रहेगा।

 

देश के उपराष्ट्रपति का सिताबदियारा में ऐतिहासिक आगमन:

यह अवसर इसलिए भी विशेष रहा क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी और ‘संपूर्ण क्रांति’ के जनक लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि पर देश के उपराष्ट्रपति का आगमन पहली बार हुआ।
उपराष्ट्रपति का स्वागत सारण प्रमंडल के आयुक्त राजीव रौशन, डीआईजी नीलेश कुमार, जिलाधिकारी अमन समीर व वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष सहित कई वरीय अधिकारियों ने किया।

 

ग्रामीणों ने उत्साह से किया स्वागत, मोबाइल कैमरों में कैद हुए पल:

सुबह से ही उपराष्ट्रपति के आगमन की खबर सुनकर सैकड़ों लोग सिताबदियारा पहुंच गए थे। सुरक्षा कारणों से बेरिकेटिंग की व्यवस्था की गई थी, जिसके बाहर ग्रामीण उनकी एक झलक पाने के लिए घंटों खड़े रहे।
जब उपराष्ट्रपति ने प्रतिमा स्थल से लौटते हुए हाथ हिलाकर अभिवादन किया, तो लोगों ने भी जोश के साथ हाथ लहराकर उनका स्वागत किया। यह दृश्य बड़ी संख्या में लोगों ने अपने मोबाइल कैमरों में कैद किया।

 

भाषण न होने से रही हल्की निराशा:

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर लागू आदर्श आचार संहिता के कारण इस बार जयंती समारोह में किसी भी जनप्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया गया था। इसी वजह से लाला टोला में कोई सभा या भाषण नहीं हुआ।
स्थानीय लोगों को इस बात का मलाल रहा कि वे उपराष्ट्रपति का संबोधन नहीं सुन सके। हालांकि, उपराष्ट्रपति ने अपने निर्धारित कार्यक्रम से इतर कई ग्रामीणों और जेपी सेनानियों से अनौपचारिक रूप से भेंट की।

भोजनालयों व ठेलों पर उमड़ी भीड़, जलेबी और गन्ने के रस की रही मांग:

कार्यक्रम स्थल के पास स्थित अस्थायी भोजनालय और ठेलों पर सुबह से ही भीड़ लगी रही। आम लोगों के साथ पुलिस बल के जवानों और अधिकारियों ने भी पूड़ी-सब्जी, जलेबी, भात-दाल, सब्जी और पापड़ का स्वाद लिया।
इसके अलावा गन्ने के रस और गोलगप्पे के ठेलों पर भी खरीदारों की भारी भीड़ रही, जिससे सिताबदियारा का माहौल एक लोकमेला जैसा बन गया।

 

चप्पे-चप्पे पर रही पुलिस की तैनाती:

उपराष्ट्रपति के दौरे को लेकर बिहार और उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुरक्षा की कमान संभाल रखी थी। मांझी के मझनपुरा से लेकर सिताबदियारा के लाला टोला तक हर प्रवेश द्वार पर पुलिस बल तैनात था।
जयप्रभा सेतु स्थित चेकपोस्ट पर भी सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक दोनों राज्यों की पुलिस ने संयुक्त रूप से निगरानी की। सुरक्षा कारणों से सुबह 9 बजे से जयप्रभा मार्ग पर वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई थी।

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