चक्रवात ‘मोंथा’ जल्द ही भारत के तटीय राज्यों में दस्तक देने वाला है

चक्रवात ‘मोंथा’ जल्द ही भारत के तटीय राज्यों में दस्तक देने वाला है

साइक्लोन मोंथा का कैसे पड़ा नाम

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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चक्रवात मोंथा तेजी से खतरनाक होता जा रहा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि यह आज शाम या रात में आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम और कालिंगपट्टनम के बीच काकिनाडा के पास तट से टकराएगा।

किनारों पर टकराने से हवाओं की रफ्तार 90-100 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। आंध्र और ओडिशा में भारी बारिश की आशंका है। आंध्र के ज्यादातर जिलों में तेज हवाएं और मूसलाधार बारिश होगी।

आंध्र प्रदेश में ऑरेंज और यलो अलर्ट

आईएमडी हैदराबाद के जीएनआरएस श्रीनिवास राव ने बताया कि तीन जिलों पेद्दापल्ली, जयशंकर भूपालपल्ली और मुलुगु में ऑरेंज अलर्ट है। बाकी उत्तर-पूर्वी जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं ओडिशा में भी दो-तीन दिन भारी बारिश का अनुमान है। भुवनेश्वर आईएमडी की मनोरमा मोहंती ने कहा कि चक्रवात सुबह तक और तीव्र हो जाएगा।

तटीय इलाकों से फौरन खाली कराएं: सीएम नायडू

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मोंथा चक्रवात को लेकर अफसरों को सख्त हिदायत दी है। कमजोर तटीय इलाकों के लोगों को तुरंत राहत केंद्रों में पहुंचाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके अलावा राहत केंद्रों में अच्छा खाना और साफ पानी मुहैया कराने । विशेष अफसर तैनात किए जाएं। पानी की गंदगी रोकने के इंतजाम करें। जिला कलेक्टर टैंक और नहरों की निगरानी करेंगे।

ओडिशा में रेस्क्यू की पूरी तैयारी

ओडिशा ने 123 फायर यूनिट तैनात की हैं। आठ जिलों को रेड जोन घोषित किया गया। ओड्राफ की टीमें बोट, राफ्ट और जनरेटर के साथ तैयार हैं। भूस्खलन के डर से गजपति और गंजम में अतिरिक्त टीमें भेजी गईं। मछलीपट्टनम से आई 30 नावों को गोपालपुर बंदरगाह में सुरक्षित रखा गया है।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ अलर्ट पर

आंध्र में 11 एनडीआरएफ और 12 एसडीआरएफ टीमें तैनात हैं। फायर सर्विस, स्विमर और एम्बुलेंस तैयार हैं। राहत के लिए फंड जारी कर दिए गए हैं। राज्य सरकार ने जीवन बचाने और नुकसान कम करने का पूरा प्लान बना लिया है।

साइक्लोन मोंथा का कैसे पड़ा नाम

अरब सागर के ऊपर एक नया साइक्लोनिक तूफान चक्रवात मोंथा का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, इसके 28 अक्टूबर तक आंध्र प्रदेश के तट से टकराने की संभावना जताई जा रही है। इसका असर कई राज्यों पर पड़ सकता है।

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है और अगले कुछ दिनों में इसके और मजबूत होने की संभावना है। ऐसे में जानते हैं कि साइक्लोन मोंथा का नाम कैसे पड़ा और इसका क्या मतलब होता है?

कैसे पड़ा इस चक्रवात का नाम मोंथा?

उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में आने वाले चक्रवातों को उस क्षेत्र के देशों की ओर से दी गई पहले से तय लिस्ट से नाम दिए जाते हैं। मोंथा नाम का सुझाव थाईलैंड ने दिया था, जो उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नाम रखने में योगदान देने वाले 13 सदस्य देशों में से एक है।

उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों का नाम भारत क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्र (आरएसएमसी), नई दिल्ली की ओर से रखा जाता है, जिसे विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO)एशिया और प्रशांत के लिए यूएन आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCAP) की देखरेख में मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) चलाता है।

कौन-कौन देश देते हैं चक्रवातों के नाम?

इस क्षेत्र में चक्रवातों के नाम देने वाले देश हैं बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड, यमन, ईरान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)। हर देश 13 नामों की लिस्ट देता है। इन सभी को मिलाकर 169 नाम बनते हैं। जब कोई नया चक्रवात बनता है, तो आईएमडी लिस्ट में से अगला नाम चुनता है।

क्या होता है इसका मतलब?

थाई भाषा में मोन्था का मतलब खुशबूदार फूल या सुंदर फूल होता है।

साइक्लोन मोंथा कब और कहां आएगा?

मौसम विभाग ने आंध्र प्रदेश के 26 में से 23 जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किए हैं। साइक्लोन मोंथा उत्तर-पश्चिम की ओर आंध्र तट की ओर बढ़ रहा है और 28 अक्टूबर को काकीनाडा के पास मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच लैंडफॉल कर सकता है।

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चक्रवात के करीब आने पर आईएमडी ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी समेत कई राज्यों के लिए भारी बारिश की एडवाइजरी जारी की है। ओडिशा में भी 28 और 29 अक्टूबर को भारी बारिश होने की उम्मीद है और गंजम, गजपति, रायगढ़, कोरापुट और मलकानगिरी जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।

 

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