खुद कालाजार से लड़े, अब समाज को बचा रहे हैं मुबारकपुर के नवीन

खुद कालाजार से लड़े, अब समाज को बचा रहे हैं मुबारकपुर के नवीन
• कालाजार उन्मूलन अभियान के प्रेरक चेहरा बना
• कालाजार से जंग जीतकर अब दूसरों के लिए बने मिसाल
• गांव में फैला रहे जागरूकता की रोशनी

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर,सारण (बिहार):

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छपरा। एक समय था जब सारण जिले के रिविलगंज प्रखंड के मुबारकपुर गांव के नवीन कुमार खुद कालाजार की चपेट में आकर बुरी तरह बीमार पड़े थे। साल 2020 में आई वह बीमारी उनके जीवन की सबसे कठिन घड़ी थी — शरीर कमजोर, आर्थिक हालत डगमगाती और मन में डर कि शायद अब सब खत्म हो गया। लेकिन सरकारी अस्पताल में मुफ्त और समय पर इलाज ने न सिर्फ उन्हें नया जीवन दिया, बल्कि एक नई सोच भी, दूसरों को कालाजार से बचाने की। कभी खुद कालाजार की गंभीर बीमारी से जूझ चुके सारण जिले के रिविलगंज प्रखंड के मुबारकपुर गांव निवासी नवीन कुमार आज कालाजार उन्मूलन अभियान के सक्रिय साथी बन गए हैं।

 

2020 में कालाजार से ग्रसित होने के बाद शारीरिक और आर्थिक कठिनाइयों से गुजरने वाले नवीन अब उसी बीमारी के खिलाफ समाज को जागरूक करने का बीड़ा उठा चुके हैं।
नवीन बताते हैं कि बीमारी के दौरान उन्होंने महसूस किया कि सही जानकारी और समय पर इलाज से कालाजार जैसी खतरनाक बीमारी से पूरी तरह ठीक हुआ जा सकता है। अपने अनुभव से प्रेरित होकर उन्होंने अपने ही मोहल्ले में कालाजार से पीड़ित तीन मरीज—राहुल कुमार मांझी, विकास कुमार और अरविंद मांझी को सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा के बारे में बताया। नवीन की सलाह पर इन तीनों मरीजों ने समय रहते उपचार कराया और आज वे स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।
नवीन कुमार का कहना है कि “जब मैं कालाजार से बीमार था, तब मुझे लगा था कि यह बीमारी जीवन को बर्बाद कर देगी, लेकिन सरकारी अस्पताल में मुफ्त और प्रभावी इलाज से मैं पूरी तरह ठीक हो गया। तभी मैंने निश्चय किया कि अब अपने गांव में कोई भी व्यक्ति अज्ञानता या डर के कारण इलाज से वंचित न रहे।”
स्थानीय प्रेरक के रूप में जाने जाते हैं नवीन

आज नवीन गांव के लोगों के बीच कालाजार उन्मूलन के लिए स्थानीय प्रेरक के रूप में जाने जाते हैं। वे स्वास्थ्य विभाग की बैठकों और टीकाकरण अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं और लोगों को मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के उपाय बताते हैं। उन्होंने अपने गांव में कई बार जागरूकता अभियान और बैठकें आयोजित कर ग्रामीणों को बताया कि कालाजार का इलाज पूरी तरह मुफ्त और प्रभावी है, बस सही समय पर जांच और इलाज जरूरी है।

गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक कर देता है कालाजार से बचाव का संदेश
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नवीन जैसे लोग ही कालाजार उन्मूलन अभियान की असली ताकत हैं। विभाग समय-समय पर ऐसे जागरूक नागरिकों के साथ समन्वय स्थापित करता है ताकि हर गांव कालाजार मुक्त बन सके।
नवीन कुमार की पहल ने न केवल उनके गांव मुबारकपुर में जागरूकता की नई लहर पैदा की है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि जब पीड़ित स्वयं परिवर्तन का वाहक बन जाए, तो बीमारी को जड़ से मिटाना संभव है।

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