प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित किया

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर उन्हें याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर 140 करोड़ भारतीयों को बधाई देता हूं। आजादी के बाद सरदार पटेल ने 550 से ज्यादा रियासतों को भारतीय संघ में मिलाने का नामुमकिन सा काम पूरा किया।

राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज करोड़ों लोगों ने एकता की शपथ ली। हमने तय किया है कि हम ऐसे कामों को बढ़ावा देंगे जो देश की एकता को मजबूत करें। हर वो सोच या काम जो हमारे देश की एकता को कमजोर करता है, उसे हर नागरिक को छोड़ना होगा। यह हमारे देश के लिए समय की जरूरत है।”

‘एकता दिवस प्रेरणा और गर्व का पल’

उन्होंने कहा कि जिस तरह हम 140 करोड़ देशवासी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं, वैसे ही एकता दिवस का महत्व हमारे लिए प्रेरणा और गर्व का पल है। यहां एकता नगर में ही एकता मॉल, एकता गार्डन, एकता के सूत्र को सशक्त करते हुए दिखते हैं। देशभर में हो रही एकता दौड़ RunForUnity, कोटि-कोटि भारतीयों का उत्साह, हम नए भारत की संकल्प शक्ति को साक्षात महसूस कर रहे हैं।

‘हमें इतिहास बनाने के लिए मेहनत करनी चाहिए’

पीएम मोदी ने कहा कि अभी यहां जो कार्यक्रम हुए, कल शाम जो अद्भुत प्रस्तुति हुई, उनमें भी अतीत की परंपरा थी, वर्तमान का श्रम और शौर्य था, और भविष्य की सिद्धि की झलक भी थी। सरदार पटेल मानते थे कि इतिहास लिखने में समय नहीं गंवाना चाहिए, हमें तो इतिहास बनाने के लिए मेहनत करनी चाहिए। उनकी ये भावना हमें उनकी जीवनगाथा में दिखाई देती है। सरदार साहब ने जो नीतियां बनाई, जो निर्णय लिए, उन्होंने नया इतिहास रचा।

उन्होंने कहा, “एक भारत, श्रेष्ठ भारत का विचार उनके लिए सर्वोपरी था. इसलिए आज सरदार पटेल की जयंती का दिन स्वाभाविक रूप से राष्ट्रीय एकता का महापर्व बन गया है. जिस तरह 140 करोड़ देशवासी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं, वैसे ही एकता दिवस का महत्व हमारे लिए प्रेरणा का पल है, गर्व का पल है.

आज करोड़ों लोगों ने एकता की शपथ ली है. हमने संकल्प लिया है कि हम ऐसे कार्यों को बढ़ावा देंगे जो देश की एकता को मजबूती दें. यहां एकतानगर में ही एकता मॉल, एकता गार्डन – एकता के सूत्र को सशक्त करते दिखाई देते हैं.

हर वह बात जो देश की एकता को कमजोर करती है, उससे हर देशवासी को दूर रहना चाहिए. यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है, यही सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि है. यही आज देश की ज़रूरत है, और यही आज एकता दिवस का हर भारतीय के लिए संदेश भी है और संकल्प भी.”

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार साहब ने देश की संप्रभुता को सबसे ऊपर रखा. लेकिन दुर्भाग्य से सरदार साहब के निधन के बाद के वर्षों में देश की संप्रभुता को लेकर तब की सरकारों में उतनी गंभीरता नहीं रही. एक ओर कश्मीर में हुई गलतियां, दूसरी ओर पूर्वोत्तर में पैदा हुई समस्याएं और देशभर में जगह-जगह पनपा नक्सलवाद, माओवादी आतंक – ये देश के लिए सीधी चुनौतियां थीं.”

लेकिन उस दौर की सरकारों ने सरदार साहब की नीतियों पर चलने के बजाय रीढ़विहीन रवैया अपनाया. इसका परिणाम देश ने हिंसा और रक्तपात के रूप में झेला.

उन्होंने कहा, जब तक देश नक्सलवाद, माओवादी आतंक और इस तरह के आतंक से पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाता, हम रुकने वाले नहीं हैं, चैन से बैठने वाले नहीं हैं. जब तक देश नक्सलवाद, माओवादी आतंक और इस तरह के आतंक से पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाता, हम रुकने वाले नहीं हैं, चैन से बैठने वाले नहीं हैं.

पुरानी सरकारें इस इतनी बड़ी समस्या पर आंखें बंद करके रहीं – वोट बैंक की राजनीति के कारण राष्ट्र की सुरक्षा को जानबूझकर खतरे में डाला गया. अब पहली बार देश ने इस बड़े खतरे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की ठानी है. लाल किले से मैंने डेमोग्राफ़ी मिशन का ऐलान किया है. लेकिन जब हम इस विषय को गंभीरता से उठा रहे हैं, तब कुछ लोग देशहित से ज़्यादा अपने स्वार्थ को ऊपर रख रहे हैं.

ये लोग घुसपैठियों को अधिकार दिलाने के लिए राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं; इनको लगता है कि देश एक बार टूटा तो आगे भी टूटता रहेगा – इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. जबकि सच्चाई यह है कि अगर देश की सुरक्षा और पहचान खतरे में आई, तो हर व्यक्ति खतरे में आएगा. इसलिए हमें आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर फिर से संकल्प लेना है कि हम भारत में रह रहे हर घुसपैठिये को बाहर निकालकर ही रहेंगे.

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