जनसंख्या असंतुलन का मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है- संघ
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने शनिवार, 1 नवंबर को देश में जनसंख्या नीति लाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को भारत की बदलती डेमोग्राफी को ठीक करने के लिए जल्द से जल्द एक जनसंख्या नीति बनानी चाहिए. होसबाले का मानना है कि जितनी जल्दी यह नीति लागू होगी, उतना ही देश को फायदा होगा.
दत्तात्रेय होसबाले का यह बयान मध्यप्रदेश के जबलपुर में RSS की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक के आखिरी दिन आया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर जनसंख्या परिवर्तन के मुद्दे को संबोधित करते हुए इसे एक गंभीर संकट बताया था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी फरवरी 2024 में लोकसभा चुनावों से पहले अपने अंतरिम बजट भाषण में इस पर चर्चा की थी. लेकिन इसके बारे में अभी तक कोई साफ जानकारी नहीं आई है. जुलाई 2024 और फरवरी 2025 की फुल बजट स्पीच में भी इसका कोई जिक्र नहीं हुआ.
RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी हालिया दिनों में लोगों से तीन बच्चे पैदा करने की अपील की है, ताकि देश की जनसंख्या स्थिर रहे. हालांकि, होसबाले ने जबलपुर में इस बारे में कुछ नहीं कहा.
दत्तात्रेय होसबाले ने जनसंख्या असंतुलन के तीन प्रमुख कारण बताए. पहला- घुसपैठ, दूसरा- धर्म परिवर्तन और तीसरा- कुछ समुदायों में जनसंख्या वृद्धि की ज्यादा दर. उन्होंने कहा,
“डेमोग्राफिक इंबैलेंस हो रहा है. इन तीनों कारणों पर ध्यान देना होगा. धर्मांतरण को रोकने के कानून हैं. लेकिन कोशिश सामाजिक दृष्टि वगैरह से होगी. मैंने बताया कि जनसंख्या के नियंत्रण की दृष्टि से पॉपुलेशन पॉलिसी लाना सरकार का काम है. सरकार ने इसे ओपन सभा और संसद में कहा है. पॉपुलेशन पॉलिसी जितनी जल्दी आएगी, उतना इसका लाभ होगा.”
होसबाले ने यह भी कहा कि जब जनसंख्या असंतुलन की बात की जाती है, तो इसे सांप्रदायिक नजरिए से देखा जाता है, लेकिन यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है.
दत्तात्रेय होसबाले ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की RSS पर बैन लगाने की मांग पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा,
“अभी बैन करना चाहिए ऐसा कहने वाले एक प्रमुख नेता, पहले भी उन्होंने तीन बार कोशिश की थी. बैन करने का कोई कारण होना चाहिए. मेरी इच्छा हो गई, इसलिए बैन करना चाहिए, ऐसा थोड़ी होता है. उन्होंने पहले भी किया है. क्या निकला? समाज ने तो संघ को स्वीकार किया है और सरकार की व्यवस्था ने भी सभी बैन को गलत सिद्ध करके फैसला दिया है.”
इसके अलावा होसबाले ने मणिपुर के हालात पर भी बात की. उन्होंने कहा कि मणिपुर में हालात बहुत खराब थे, लेकिन अब सुधार हो रहा है. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं. होसबाले ने यह भी बताया कि मणिपुर में RSS के स्वयंसेवक दो साल से जमीन पर काम कर रहे थे.
दत्तात्रेय होसबाले ने पश्चिम बंगाल में राजनीति पर भी टिप्पणी की. हालांकि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (TMC) या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम नहीं लिया. उन्होंने कहा कि बंगाल की स्थिति चिंताजनक है और वहां के राजनीतिक नेतृत्व ने चुनावों के बाद नफरत फैलाई है, जो देश के लिए अच्छा नहीं है.
होसबाले ने जातिगत जनगणना का समर्थन करते हुए कहा कि यह सिर्फ आंकड़े जुटाने के लिए होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि RSS पिछले 100 सालों से जाति व्यवस्था से पार करने की कोशिश कर रहा है.
ऐसा कानून क्यों जरूरी
दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि घुसपैठ, धार्मिक धर्मांतरण और एक ही समुदाय का दबदबा… ये तीन मुख्य कारण हैं जो लोकतंत्र को अस्थिर कर सकते हैं। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरूरत पर जोर दिया। होसबाले ने कहा, ‘सेवा के नाम पर धर्मांतरण चिंता का विषय है।
वनवासी कल्याण आश्रम और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन इसे रोकने के लिए काम कर रहे हैं। पंजाब में सिखों के बीच भी धर्मांतरण बढ़ रहा है, जिसे जागरूकता और तालमेल के ज़रिए रोका जा सकता है जिससे ‘घर वापसी’ (दूसरे धर्म अपनाने वालों की हिंदू धर्म में वापसी) सुनिश्चित हो सके।’


