अल फलाह यूनिवर्सिटी कैरियर बनाने के जगह कैसे बन गई टेरर मॉड्यूल सेंटर? पढ़े खबर

  अल फलाह यूनिवर्सिटी कैरियर बनाने के जगह कैसे बन गई टेरर मॉड्यूल सेंटर? पढ़े खबर

श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

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दिल्ली ब्लास्ट के बाद से फरीदाबाद का निजी विश्वविद्यालय अल-फलाह यूनिवर्सिटी चर्चा में है। 10 नवंबर को फरीदाबाद के धौज इलाके में लगभग 2,900 किलोग्राम विस्फोटक और ज्वलनशील पदार्थ जब्त किए गए थे। इस बरामदगी का सीधा संबंध दिल्ली में लाल किला के बाहर हुए ब्लास्ट से है। अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले कश्मीरी मेडिकल प्रोफेसर डॉ. मुजामिल शकील की गिरफ्तारी के बाद यूनिवर्सिटी में चल रहे व्हाइट कॉलर टेरेरिस्ट ग्रुप का खुलासा हुआ था।

डॉ. मुजामिल के यूनिवर्सिटी परिसर के निकट स्थित किराए के आवास से विस्फोटक, डेटोनेटर, बैटरी, टाइमर और हथियार मिले थे, जिनमें एक एके-56 राइफल और एक क्रिनकोव भी शामिल था। आज इस यूनिवर्सिटी के 52 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है। 6 लोगों को हिरासत में लेकर फरीदाबाद पुलिस टेरर मॉड्यूल के बारे में पूछताछ कर रही है। अल फलाह यूनिवर्सिटी में 40 फीसदी डॉक्टर्स कश्मीर से हैं।

टेरर मॉड्यूल का सेंटर बनी

यह अल फलाह यूनिवर्सिटी साल 2014 में हरियाणा विधानसभा के एक विशेष अधिनियम के तहत बनाई गई थी और 2015 में इसे यूजीसी की मान्यता मिली। 70 एकड़ में फैला इसका परिसर हरियाणा के नूंह बॉर्डर के पास स्थित है। यहां भारत के साथ-साथ दूसरे देशों के छात्र पढ़ते हैं। एक ही परिसर में अल फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, ब्राउन हिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी और अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग का संचालन होता है।

अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट करता है संचालन

अल-फलाह यूनिवर्सिटी का संचालन अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट करता है। यह ट्रस्ट इसके साथ अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग, अल-फलाह स्कूल ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज और अल-फलाह स्कूल ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट जैसे यूनिवर्सिटी के साथ कई अन्य संस्थान भी चलाता है। अल-फलाह विश्वविद्यालय में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग हॉस्टल, शिक्षकों के लिए आवासीय क्वार्टर्स, और डॉक्टरों के लिए एक रेजिडेंशियल ब्लॉक है। परिसर में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, कंप्यूटर सेंटर और एक बड़ा लाइब्रेरी कॉम्प्लेक्स भी मौजूद है।

एमबीबीएस की 200, एमडी की 38 सीटें

यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी जैसे कई कोर्स चलाए जाते हैं। इसका मेडिकल कॉलेज भी काफी प्रसिद्ध है, जहां एमबीबीएस की 200 सीटें और एमडी की 38 सीटें हैं। यहां एमबीबीएस की कुल फीस लगभग 80 लाख रुपये तक है।

अल-फलाह अस्पताल 650 बिस्तरों वाला एक धर्मार्थ अस्पताल है। अल फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर को 2019 में एमबीबीएस के पहले बैच में प्रवेश के लिए एनएमसी से मंजूरी मिली थी।

शिक्षा की आड़ में किसी बड़ी साजिश को तो नहीं दिया जा रहा था अंजाम ?

फरीदाबाद पुलिस ने इस मामले की तह तक जाने के लिए एक बड़ा अभियान छेड़ रखा है। बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी में काम करने वाले एक फैकल्टी मेंबर डॉक्टर मुजम्मिल के सहयोगी, छात्रों और यहां तक कि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से भी घंटों पूछताछ की गई है। अब तक, 52 से अधिक लोगों से सवाल-जवाब किए जा चुके हैं। शिक्षा के इतने बड़े प्रतिष्ठित संस्थान में आतंकवादी मॉड्यूल से जुड़े संदिग्धों की मौजूदगी का गंभीर सवाल पैदा करता है। पुलिस और खुफिया एजेंसियों की गहन जांच अब इस बात का खुलासा करेगी कि क्या यह सिर्फ कुछ भटके हुए लोगों का मामला था या शिक्षा की आड़ में किसी बड़ी साजिश को अंजाम दिया जा रहा था।

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