मंगल बाबा की चुनावी रणनीति और जीत
✍🏻 राजेश पाण्डेय
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

समय बलवान होता है। बिहार चुनाव में अप्रत्याशित ढंग से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की जीत हो रही है। सबसे बढ़कर सीवान सदर सीट-105 पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राष्ट्रीय जनता दल व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को 10000 मतों से पछाड़ रहे हैं।
विडम्बना है कि अवध बिहारी चौधरी ने 1985 में एक ब्राह्मण को ही हराकर विधानसभा में प्रवेश किया था और अब छह बार विधानसभा जीतने के बाद भी एक ब्राह्मण से हार कर राजनीति से बाहर हो जाएंगे।
मंगल बाबा के चुनावी रणनीति के आगे अनुभवी अवध बिहारी चौधरी की रणनीति मात खा गई। एक खास वर्ग और अपने जाति के भरोसे चुनाव में उतरने वाले चौधरी जी पिछले चुनाव 2020 में मात्र 1561 मतों से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के ओमप्रकाश यादव को हराया था।
लेकिन उस चुनाव में भाजपा के ही कुछ कार्यकर्ता पार्टी का विरोध करते हुए चुनाव में खड़े हो गए और लगभग दस हजार वोटों को काट दिया जिसकी वजह से ओम प्रकाश यादव की हार हो गई। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि अवध बिहारी चौधरी के सुदृढ़ नींव में ओमप्रकाश यादव ने मट्ठा डाल श दिया था।
बिहार 2025 के चुनाव में भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर मंगल बाबा का साथ दिया और एक कद्दावर नेता के रूप में बाबा का अवतरण हुआ है। इस चुनाव में मंगल बाबा को बार-बार बाहरी कहकर संबोधित किया गया जबकि मंगल बाबा सीवान जिले के ही रहने वाले है।मंगल बाबा की छवि का लाभ सीवान नगर व सदर एवं जिले को मिलेगा, जनता ऐसी अपेक्षा कर रही है।
अध्यक्ष राहुल तिवारी के नायकत्व में सीवान ने 8 में से 7 विधानसभाओं में जीत हासिल किया है। 2010 विधानसभा चुनाव के परिणामों की पुनरावृति कर दी है, उस समय अध्यक्ष प्रो. अभिमन्यु सिंह के काल में पार्टी गठबंधन ने आठों विधानसभा में जीत हासिल किया था।
सबसे बढ़कर दरौली, बड़हरिया और सर्वोत्तम सीवान विधानसभा को जीतकर पार्टी ने इतिहास रच दिया है। ध्यातव्य हो कि एक ब्राह्मण को हराकर सीट लूटा गया था और आज एक ब्राह्मण ने ही चौधरी जी को राजनीति से विदा कर दिया।


