नीतीश कुमार 25 बार शपथ ले चुके है

नीतीश कुमार 25 बार शपथ ले चुके है

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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अपने लाजवाब राजनीतिक कौशल से बिहार में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाले नेता बन चुके सीएम नीतीश कुमार ने 1985 से अब तक टोटल 40 साल के राजनीतिक सफर में कुल 25 बार शपथ ली है। पिछले 20 साल में नीतीश 10 बार तो सीएम पद की ही शपथ ले चुके हैं।

बाकी 15 बार शपथ में उनके विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्री और विधान पार्षद पद का ओथ शामिल है। नीतीश कुमार एक बार विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद भी विधायक नहीं बने, नहीं तो टोटल शपथ संख्या 26 हो जाती। आइए एक नजर डालते हैं- शपथ के आइने में नीतीश कुमार के करियर पर।

ये भी मजेदार संयोग है कि नीतीश बिहार के सर्वाधिक अवधि से पद पर बने सीएम हैं, लेकिन वह विधायक सिर्फ एक बार रहे हैं। 1985 में हरनौत सीट से पहली बार विधायक बने नीतीश कुमार ने तब विधानसभा के विधायक पद की शपथ ली थी। इसके बाद वो कभी विधानसभा के सदस्य नहीं बने। 1995 के चुनाव में भी वो हरनौत से जीते, लेकिन राज्य में सरकार गठन के लायक नंबर नहीं आने पर बाढ़ से लोकसभा के सांसद बने रहे। इस तरह उन्होंने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी एमएलए पद की शपथ लेने का एक मौका छोड़ दिया।

नीतीश ने 1989 में पहली बार बाढ़ से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बाढ़ सांसद के तौर पर उन्होंने 1989, 1991, 1996, 1998 और 1999 में कुल 5 बार और नालंदा के सांसद के तौर पर 2004 में 1 बार एमपी पद की शपथ ली। इस दौरान नीतीश को केंद्रीय मंत्री के तौर पर 4 बार पद और गोपनीयता की शपथ लेने के और मौके मिले।

नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री के तौर पर 1990 में पहली बार विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में कृषि राज्यमंत्री के पद की शपथ ली। इसके बाद 1998 में नीतीश ने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेलमंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ली। एक रेल दुर्घटना के बाद नीतीश ने इस्तीफा दे दिया और दो महीने बाद सरकार भी गिर गई।

नीतीश ने तीसरी बार केंद्रीय मंत्री पद की शपथ 1999 में ली। वाजपेयी की तीसरी सरकार में नीतीश को पहले सड़क परिवहन मंत्री और बाद में कृषि मंत्री का चार्ज भी दिया गया। बिहार में 2000 के चुनाव के बाद 7 दिन की सरकार को चलाने के लिए नीतीश ने केंद्र सरकार से इस्तीफा दे दिया। वहां सरकार गिर गई तो वापस केंद्र में मार्च 2000 में रेल मंत्री बने।

बिहार में 2005 में एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने ऊपरी सदन यानी विधान परिषद का रास्ता चुना। 2006 में पहली बार एमएलसी बने नीतीश 2006, 2012 , 2018 और 2024 में कुल चार बार विधान पार्षद पद की शपथ ले चुके हैं। विधान पार्षद के तौर पर यह कार्यकाल 2030 के मई तक चलेगा।

 

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