गोवा के एक नाइट क्लब में आग लगने की घटना क्यों हुई?

गोवा के एक नाइट क्लब में आग लगने की घटना क्यों हुई?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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उत्तरी गोवा के अरपोरा-नागोआ में अग्निकांड का शिकार बना ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइट क्लब का प्रवेश व निकास द्वार संकरा था। संकरी गलियों की वजह से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां वहां नहीं पहुंच पा रही थीं और उनके टैंकर घटनास्थल से करीब 400 मीटर दूर खड़े करने पड़े।

फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पतली गलियों की वजह से मौके पर पहुंचना मुश्किल हो गया था, जिससे आग पर काबू पाना मुश्किल काम बन गया। यह क्लब अरपोरा नदी के तट पर स्थित है।

क्लब चलाने की नहीं थी अनुमति

अरपोरा-नागोआ पंचायत के सरपंच रोशन रेडकर ने बताया दिन में बताया था कि क्लब सौरभ लूथरा चलाता था, जिसका अपने साझीदार के साथ झगड़ा था। उन्होंने एक-दूसरे के विरुद्ध पंचायत में शिकायत दर्ज कराई थी। हमने जगह का निरीक्षण किया था और पाया कि उनके पास क्लब बनाने की अनुमति नहीं थी।

पंचायत ने गिराने का जारी किया था नोटिस

पंचायत ने उसे गिराने का नोटिस जारी किया था, जिस पर पंचायत निदेशालय के अधिकारियों ने रोक लगा दी थी। एक अधिकारी ने बताया कि क्लब के प्रमोटरों के वागाटोर बीच पर स्थित एक शैक को सील कर दिया गया है। इसे सरकारी जमीन पर गैरकानूनी तरीके से बनाया गया था।

रविवार को पीड़ितों के परेशान रिश्तेदार और दोस्त गोवा मेडिकल कालेज व हास्पिटल के मुर्दाघर के बाहर जमा हो गए और अपने स्वजन के बारे में जानकारी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। उनमें से कुछ झारखंड के एक गांव से थे। उन्होंने कहा कि वे शवों को स्वीकार नहीं करेंगे और नाइट क्लब के मालिक से मांग करेंगे कि शव को घर पहुंचाने का इंतजाम करें।

उन्होंने बताया कि उनके गांव के चार लोग नाइट क्लब में हेल्पर और कुक का काम करते थे। इनमें से 24 वर्षीय प्रदीप और 20 वर्षीय विनोद महतो भाई थे और रांची के नजदीकी लापुंग में फतेहपुर गांव के निवासी थे। जबकि एक अन्य मोहित गोविंदपुर ग्राम का निवासी था। असम के पांच लोगों का एक और ग्रुप भी मुर्दाघर के बाहर बैठा था।

हालांकि उनमें से एक ने दावा किया कि आग में मारे गए कुछ लोग उनके दोस्त थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सभी शवों की पहचान करने और पोस्टमार्टम करने में एक दिन लगेगा, जिसके बाद शव उनके रिश्तेदारों को सौंपे जाएंगे।

विपक्षी दलों ने मांगा मुख्यमंत्री का इस्तीफा

विपक्ष ने इस दुखद घटना को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक्स पर कहा, ”यह सिर्फ एक हादसा नहीं है; यह सुरक्षा और शासन की आपराधिक नाकामी है।” आम आदमी पार्टी की प्रदेश इकाई ने दावा किया कि सावंत सरकार ने सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है।

आप गोवा के अध्यक्ष अमित पालेकर ने एक्स पर पोस्ट में सवाल उठाया कि सरकार ने नाइट क्लब के विरुद्ध कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, जिसने कथित तौर पर राज्य विधानसभा में मुद्दा उठाए जाने के बावजूद नियमों का पालन नहीं किया। गोवा कांग्रेस प्रभारी माणिकराव ठाकरे ने भी सावंत के इस्तीफे की मांग की और दावा किया कि क्लब ने अग्निशमन विभाग से एनओसी नहीं ली थी। गोवा चर्च ने इस घटना में हुई मौतों पर दुख जताया।

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