देश भर में 7.75 लाख से अधिक यात्री प्रभावित हुए हैं

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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एयरलाइन इंडिगो का घरेलू एविएशन बाजार में करीब 65% हिस्सा है। 2 दिसंबर से अब तक, एयरलाइन ने 5,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी हैं देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की उड़ान सेवाएं सोमवार को भी पटरी पर नहीं लौट सकीं हैं। दिल्ली, श्रीनगर, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद एयरपोर्ट से अब तक 500 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल हो चुकी हैं। वहीं एयरलाइन ने दावा किया कि उनका 100% नेटवर्क रीस्टोर हो गया है। फ्लाइट ऑपरेशंस 91% ऑन टाइम चल रहा है जो कि रविवार से 75% ज्यादा है।

एक दिन पहले भी एयरलाइन ने 650 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी थीं। इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स ने कहा- हालात रोज बेहतर हो रहे हैं। 10 दिसंबर तक ऑपरेशन नॉर्मल होने की उम्मीद है।

वहीं, CEO और COO इसिड्रे पोरक्वेरस ने DGCA की नोटिस का जवाब दे दिया है। DGCA ने सोमवार शाम 6 बजे तक फ्लाइट ऑपरेशंस में गड़बड़ी को लेकर शो-कॉज नोटिस दिया था।

उधर, राज्यसभा में सिविल एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि इंडिगो संकट उसके क्रू रोस्टरिंग और इंटरनल प्लानिंग सिस्टम में समस्याओं के कारण हुआ। इससे यात्रियों को काफी दिक्कतें हुईं। हम इसे हल्के में नहीं लेंगे। जांच जारी है। हम ऐसा एक्शन लेंगे जो दूसरों के लिए मिसाल बने।

कंपनी का दावा- पायलट पर्याप्त, बफर कम

इंडिगो ने कहा- मौजूदा संकट की वजह जानने के लिए ‘रूट कॉज एनालिसिस’ होगा। एक अधिकारी ने बताया, नई एफडीटीएल व्यवस्था लागू होने के चलते क्रू प्लानिंग में बफर की कमी संकट का प्रमुख कारण रही। हमारे पास पायलटों की कमी नहीं। बस दूसरी एयरलाइन जितना ‘बफर’ स्टाफ नहीं था। संसद की परिवहन, पर्यटन और संस्कृति मामलों की समिति भी इंडिगो और डीजीसीए के अधिकारियों को तलब कर सकती है।

एयरलाइन ने एक बयान जारी कर ये भी बताया कि कंपनी ने 4 दिसंबर को ही क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप (CMG) बनाया था जो रोज समस्या को हल करने के लिए मीटिंग्स कर रहा है। इंडिगो ने कहा कि 5 से 15 दिसंबर तक की गई बुकिंग कै पूरा रिफंड कर दिया गया है।

डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ को 24 घंटे और दिए

डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ और अकाउंटेबल मैनेजर को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए 24 घंटे और दे दिए। दोनों सोमवार शाम 6 बजे तक जवाब दे सकेंगे। कंपनी प्रबंधन ने समय बढ़ाने का आग्रह किया था।

इसके अलावा इंडिगो ने हालिया उड़ान संकट के दौरान अब तक ₹827 करोड़ के रिफंड प्रोसेस किए हैं। इसके साथ ही 4500 यात्रियों का बैगेज वापस पहुंचा दिया है।

भारत का एविएशन सेक्टर अचानक बेदम दिखने लगा है। इंडिगो की वजह से फ्लाइट्स कैंसिलेशन ने हजारों यात्रियों को मुश्किल में डाल दिया। इस घटना ने देश में दोबारा एक बहस छिड़ गई है। यह है मोनोपोली और डुओपोली का। यानी बाजार में एक या दो कंपिनियों का वर्चस्‍व। इंडिगो संकट दिखाता है कि बाजार में जब कुछ ही कंपनियों का दबदबा होता है तो कितना खतरा पैदा हो सकता है। इंडिगो और टाटा के मालिकाना हक वाली एयर इंडिया ग्रुप मिलकर घरेलू बाजार का 90% से ज्‍यादा हिस्सा कंट्रोल करते हैं।

7 दिन में 5.5 लाख से अधिक टिकट कैंसिल

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया है कि 1 से 7 दिसंबर 2025 के बीच 5,86,705 टिकट रद्द हुए और उनका पैसा वापस किया गया। टिकट कैंसिल होने के कारण यात्रियों को 569.65 करोड़ रुपये का रिफंड किया गया। 21 नवंबर से 7 दिसंबर 2025 के बीच 9,55,591 टिकट रद्द हुए और इससे कुल 827 करोड़ रुपये रिफंड दिया गया।

संकट का कारण: पायलटों की कमी

इंडिगो ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को स्वीकार किया कि उसने इन नियमों से पैदा होने वाली कर्मचारियों की कमी को कम करके आंका और अचानक खुद को लगभग 300 पायलटों की कमी में पाया। इसके चलते बड़े पैमाने पर उड़ान रद्द हुईं, विमान अपनी निर्धारित रोटेशन से बाहर हो गए और इसके नेटवर्क में लहरदार व्यवधान पैदा हो गए।

पायलट यूनियनों का आरोप: यह संकट टाला जा सकता था

पायलट यूनियनों का कहना है कि यह संकट टाला जा सकता था। उनका तर्क है कि नए मानदंड जनवरी 2024 में पेश किए गए थे, जिससे एयरलाइनों को तैयारी के लिए लगभग दो साल का समय मिला। उन्होंने इंडिगो पर एक ‘असामान्य कम कर्मचारी रणनीति’ लागू करने, भर्ती में देरी करने, पायलटों की छुट्टी रोकने और यह जानते हुए भी सख्त आराम के नियम आने वाले हैं, विंटर शेड्यूल बढ़ाने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि आराम के नियमों को निलंबित या कमजोर करने से उड़ान सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।

सुरक्षा नियमों की जरूरत पर बहस

इस घटना ने पायलट थकान, नियामक स्वतंत्रता और ऐसे एविएशन सुरक्षा नियमों की जरूरत पर बहस को फिर से शुरू कर दिया है जिनसे व्यावसायिक सुविधा के लिए समझौता न किया जा सके। फिलहाल, इंडिगो डीजीसीए द्वारा मांगे गए विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट जमा करेगी और सरकार सख्त निगरानी बनाए रखेगी। लेकिन यह व्यवधान एक याद दिलाता है कि तेजी से बढ़ते एविएशन बाजार में, एक ही खिलाड़ी की परिचालन गलत गणना लाखों यात्रियों की यात्राओं और जिंदगियों को प्रभावित करने के लिए फैल सकती है।

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