यूपी की सियासत में ओबीसी दांव, भाजपा ने पंकज चौधरी को सौंपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में संगठनात्मक नेतृत्व एक बार फिर पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता को सौंपते हुए पंकज चौधरी को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। पार्टी के इस फैसले को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले ओबीसी, विशेषकर कुर्मी समाज को साधने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि इस कदम से समाजवादी पार्टी के पारंपरिक ओबीसी वोट बैंक में सेंध लगाने में मदद मिलेगी।
पंकज चौधरी उत्तर प्रदेश भाजपा के पहले कुर्मी समाज से आने वाले प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनकी नियुक्ति को सपा के ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) राजनीतिक प्रयोग के जवाब के तौर पर भी देखा जा रहा है। प्रदेश में कुर्मी समाज की आबादी लगभग डेढ़ करोड़ बताई जाती है, जो कुल जनसंख्या का सात से आठ प्रतिशत है। यह समाज पूर्वांचल के गोरखपुर, देवरिया, बलिया, आजमगढ़ और वाराणसी सहित कई जिलों में प्रभावी उपस्थिति रखता है।
पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से शुरू हुआ। छात्र जीवन में संघ से जुड़े पंकज ने बाद में भाजपा युवा मोर्चा और संगठन के विभिन्न स्तरों पर काम किया। वे सोनभद्र से विधायक रह चुके हैं और चंदौली व महराजगंज से कई बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। संगठनात्मक अनुभव के साथ-साथ वे योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, हाल ही में भोपाल में हुई प्रदेश अध्यक्ष चयन प्रक्रिया के दौरान उनके नाम का प्रस्ताव वरिष्ठ नेताओं लक्ष्मीकांत वाजपेयी और राधा मोहन सिंह ने रखा। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि पंकज चौधरी का संघ पृष्ठभूमि और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से निकट संबंध संगठन को मजबूती देंगे।
2024 के लोकसभा चुनावों में पूर्वांचल के कुछ कुर्मी बहुल क्षेत्रों में भाजपा के प्रदर्शन को लेकर पार्टी के भीतर मंथन जारी था। ऐसे में पंकज चौधरी की नियुक्ति से कुर्मी समाज में संदेश देने की कोशिश की गई है। पार्टी का फोकस किसान योजनाओं, डेयरी विकास और ग्रामीण क्षेत्रों में संगठन विस्तार पर रहेगा।
भाजपा नेतृत्व को उम्मीद है कि पंकज चौधरी के नेतृत्व में बूथ स्तर तक संगठन को सक्रिय किया जाएगा और ओबीसी वर्ग में पार्टी की स्वीकार्यता बढ़ेगी। साथ ही, यह नियुक्ति उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातीय संतुलन साधने की भाजपा की रणनीति का अहम हिस्सा मानी जा रही है।
यह भी पढ़ें
नितिन नबीन भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गये
बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन बने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष


