40 लाख की रिश्वत मांगने वाले इंजीनियर को 4 साल की सजा, निगरानी कोर्ट ने सुनाया फैसला

40 लाख की रिश्वत मांगने वाले इंजीनियर को 4 साल की सजा, निगरानी कोर्ट ने सुनाया फैसला

श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

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निगरानी की विशेष कोर्ट ने सोमवार को रिश्वत से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता सुरेश प्रसाद सिंह और कैशियर शशि भूषण कुमार को चार-चार वर्ष की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों आरोपितों में इंजीनियर पर पांच लाख और कैशियर पर तीन लाख का जुर्माना भी लगाया है।मामला करीब छह वर्ष पुराना है।

सरकार ने इंफ्राकॉन प्रोजेक्ट इंडिया लि. को पथ निर्माण से जुड़ा 40 करोड़ का एक काम सौंपा। परियोजना के तहत गोनवा मोड़ से अम्हारा तक सड़क का निर्माण किया जाना था। परियोजना लागत करीब 40 करोड़ रुपये की थी।पहले तो कार्यपालक अभियंता सुरेश प्रसाद सिंह निर्माण कंपनी के मालिक अखिलेश कुमार जायसवाल को एकरारनामे के लिए दौड़ाते रहे। विभाग से शिकायत के बाद परियोजना का एकरारनामा हुआ।

 

कंपनी ने सात किमी सड़क बना ली। इसके बाद सिक्योर एडवांस के लिए सुरेश प्रसाद सिंह से मुलाकात की। तब सुरेश प्रसाद ने परियोजना लागत का एक प्रतिशत 40 लाख रुपये रिश्वत के रूप में मांगे। बहुत आग्रह के बाद 32 लाख में सौदा हुआस परंतु सौदा करने के बाद कंपनी मालिक अखिलेश कुमार जायसवाल ने निगरानी में इसकी शिकायत दर्ज कराई।

 

आठ जून की सुबह साढ़े 10 बजे रिश्वत के 14 लाख लेकर शिकायतकर्ता इंजीनियर सुरेश प्रसाद के पास गए। जिसमें से दो हजार के दो बंडल गिनने के लिए कैशियर शशि भूषण कुमार को दिए गए बाकी रुपये का मिलान होने लगा। इसी दौरान निगरानी ने दोनों को रिश्वत के 14 लाख रुपयों के साथ पकड़ लिया। बाद में तलाशी के दौरान इंजीनियर के घर से 2.36 करोड़, कई बैंक पासबुक, चेक बुक, जीवन बीमा दस्तावेज, जमीन में निवेश से संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए।

 

निगरानी के विशेष लोक अभियोजक और प्रभारी निगरानी ट्रैप केस किशोर कुमार सिंह ने बताया कि अब इसी मामले में निगरानी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मो. रुस्तम ने कार्यपालक अभियंता सुरेश प्रसाद सिंह को चार वर्ष की सजा और पांच लाख का जुर्माना लगाया।

 

जुर्माना राशि नहीं चुकाने पर एक महीने की अतिरिक्त सजा दी गई। जबकि शशि भूषण कुमार को दो धाराओं में एक में तीन वर्ष और एक में एक वर्ष की सजा और एक धारा में दो लाख और अन्य धारा में एक लाख का जुर्माना लगाया। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

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