अवैध खनन पर क्या कहते हैं आंकड़े?

राज्यसभा में साल 2020 में अवैध खनन को लेकर एक विस्तृत डेटा पेश किया गया था। नीचे दी गई तालिका से यह समझने की कोशिश की जाएगी कि किस राज्य में अवैध खनन के कितने मामले दर्ज हुए, कितने मामलों में एफआईआर लिखी गई, कितने केस अदालत तक पहुंचे और राज्य सरकारों ने अवैध खनन करने वाली कंपनियों से कितना जुर्माना वसूला।

क्रम संख्या राज्य अवैध खनन के मामले (2022–23) दर्ज की गई एफआईआर (संख्या) अदालत में दायर मामले (संख्या) जब्त किए गए वाहन (संख्या) राज्य सरकार द्वारा वसूला गया जुर्माना (₹ लाख)
1 आंध्र प्रदेश 4296 0 0 232 7312.55
2 गोवा 1 0 0 0 0
3 गुजरात 4886 28 13 3551 7656.69
4 हिमाचल प्रदेश 1934 0 189 3 50.08
5 जम्मू और कश्मीर 2667 235 8 2828 620.01
6 झारखंड 1626 569 253 1187 312.15
7 कर्नाटक 2960 384 150 340 1546.18
8 केरल 3671 0 0 0 6840.16
9 मध्य प्रदेश 3901 4 1584 0 27343.25
10 महाराष्ट्र 3607 190 0 483 4323.98
11 ओडिशा 7 0 0 1 7.75
12 राजस्थान 7645 856 39 5511 8147.56
13 सिक्किम 28 1245 21 1017 22.4
14 तमिलनाडु 4495 0 0 0 743.12
15 तेलंगाना 17938 175 674 0 7221.83
16 उत्तर प्रदेश 757 0 0 0 256.26
सोर्स: राज्यसभा डेटा (1 अप्रैल 2022 से 30 सितंबर 2022 की अवधि)

अब ऊपर दी गई टेबल से पता चलता है कि अवैध खनन के सबसे ज्यादा मामले तेलंगना में सामने आए हैं, वहीं सबसे कम केस गोवा में दर्ज किए गए हैं। सीएजी की रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों को इस अवैध खनन की वजह से राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। यहां भी उत्तर प्रदेश सरकार को तो सीधे-सीधे 408.68 करोड़ रुपये की चपत लगी है। कर्नाटक का हाल तो और बुरा चल रहा है। कर्नाटक सरकार की ही एक कमेटी ने इस साल बताया है कि राज्य ने 78 हजार 245 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा रहा है।

अरावली के अलावा और कौन से पहाड़ खतरे में?

अब ऐसा नहीं है कि सिर्फ अरावली के पहाड़ ही बड़े संकट में हैं, देश में कुछ और ऐसी प्रमुख पर्वत श्रृंखलाएं जहां अवैध खनन का काम चल रहा है। पश्चिमी घाट इसका एक बड़ा उदाहरण है, महाराष्ट्र से लेकर कर्नाटक, गोवा, तमिलनाडु और केरल तक इसकी चोटियां मौजूद हैं। आयरन, मैंगनीज़, लाइमस्टोन, और बालू का सबसे ज्यादा खनन इन्हीं पश्चिमी घाटों में किया जाता है। नियमगिरि पहाड़ियों का भी शोषण कई सालों से चल रहा है, ओडिशा के दक्षिण-पश्चिम में स्थित यहां सबसे ज्यादा बॉक्साइट का खनन होता है। ओडिशा में स्थित निशिंता हिल्स भी अवैध खनन का शिकार है।