बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा की वजह भारत-दिग्विजय सिंह
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बांग्लादेश में हो रही हिंसा में निशाने पर हिंदू सहित वहां का अन्य अल्पसंख्यक समुदाय है। इसे लेकर भारत में कड़ी नाराजगी के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने विवादित बयान दिया है।
उन्होंने नई दिल्ली में एक न्यूज एजेंसी को दिए बयान में कहा कि जब से बांग्लादेश में सरकार बदली है, तब से वहां वे सारे तत्व सक्रिय हो गए हैं, जो धार्मिक उन्माद फैलाकर राजनीति करते हैं। ये हालात हमारे देश में हैं, यहां वही धर्मांधता फैलाने वाली कट्टरपंथी ताकतें जिस प्रकार से अल्पसंख्यक समुदाय के विरुद्ध कार्रवाई कर रही हैं, वही प्रतिक्रिया वहां बांग्लादेश में उसी प्रकार से हो रही है।
भाजपा की ओर से आपत्ति जताई गई
दिग्विजय के इस बयान पर भाजपा की ओर से आपत्ति जताते हुए सवाल उठाया गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके पीछे भारत में कौन सी ऐसी घटना है, जिसकी प्रतिक्रिया उन्हें (दिग्विजय सिंह को) वहां दिख रही है। भाजपा की ओर से कहा गया है कि दिग्विजय तय नहीं कर पा रहे हैं कि वह भारत के नागरिक हैं या फिर पाकिस्तान की आईएसआई के एजेंट हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य सभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा है कि जब से बांग्लादेश में सरकार बदली है, तब से वहां वे सारे तत्व सक्रिय हो गए हैं, जो धार्मिक उन्माद फैलाकर राजनीति करते हैं। इनका विरोध शेख हसीना और शेख मुजीब ने किया। बांग्लादेश में जो हिंदू भाइयों, ईसाइयों के साथ रहा है, उसकी घोर निंदा करते हैं। वहां के अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद युनूस को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
उनके इस बयान पर भोपाल से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि चाहे इंस्पेक्टर मोहन शर्मा का कांड हो या मुंबई में हुए बम धमाके, इन्होंने (दिग्विजय सिंह ने) आतंकवादियों का साथ दिया था। आतंकवादियों को ‘जी’ कहकर संबोधित करते हैं। आज भी बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो नरसंहार हो रहा है,
मंदिर-गुरुद्वारा जलाए जा रहे हैं, निर्दोष हिंदुओं को आग लगाई जा रही है, तब भी ये पीड़ितों के समर्थन में बोलने के बजाय आतंकवादियों और कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादियों को सहारा दे रहे हैं। यह दिखाता है कि जो कांग्रेस कल तक जिन्ना के साथ थी, आज वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्लामिक आतंकवाद के साथ खड़ी है।
विवादों से रहा है नाता
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है। वह ऐसे बयान कई बार दे चुके हैं, जिनके कारण न केवल विवाद की स्थिति बनी बल्कि कांग्रेस को भी असहज होना पड़ा। पुलवामा हमले को लेकर सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए और साक्ष्य मांग लिए थे।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने, वीर सावरकर का उल्लेख करते हुए उन्हें गो मांस खाने का पक्षधर बताने, आतंकी ओसामा बिन लादेन के लिए ओसामाजी संबोधन, दिल्ली के बाटला हाउस मुठभेड़ सहित कई विषय हैं, जिसको लेकर दिए पर उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा है।
बांग्लादेश में हिंदू युवक की बर्बर हत्या से देशभर में फैले आक्रोश के बीच बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष और भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को घोषणा की कि पड़ोसी देश के मैमनसिंह में भीड़ द्वारा हिंसा का शिकार युवक दीपू चंद्र दास के परिवार को आर्थिक मदद दी जाएगी।
मीडिया से बात करते हुए सुवेंदु ने कहा कि वह दास के परिवार के संपर्क में हैं और नियमित मासिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए बुधवार को उनसे बात करेंगे। सुवेंदु ने कहा कि परिवार से बातचीत कर हम हर महीने उन्हें आर्थिक मदद देने के तरीके तय करेंगे। उन्होंने साफ किया कि यह मदद मानवीय आधार पर की जाएगी।
इससे पहले सोमवार को इस घटना के विरोध में सुवेंदु के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में बांग्लादेश उप उच्चायोग के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। मालूम हो कि बांग्लादेश में 18 दिसंबर की रात कपड़े की एक फैक्ट्री में काम करने वाले 25 वर्षीय दीपू चंद्र दास को मैमनसिंह जिले के बालुका में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था और फिर शव को पेड़ से लटकाकर जला दिया गया था।
बांग्लादेश में हुई इस बर्बर हत्या की संयुक्त राष्ट्र समेत पूरी दुनिया में घोर निंदा हो रही है और मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली वहां की अंतरिम सरकार के खिलाफ लोग रोष जता रहे हैं।
ममता और यूनुस में कोई फर्क नहीं: सुवेंदु
इस बीच बंगलादेश में हिंदू युवक की बर्बर हत्या के विरोध में मंगलवार को विभिन्न हिंदू संगठनों द्वारा कोलकाता में बंगलादेश उप उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करते हुए सुवेंदु ने ममता सरकार पर जोरदार हमला बोला।
बांग्लादेश सरकार की तुलना बंगाल सरकार से करते हुए उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कोलकाता पुलिस की इस कार्रवाई से साबित होता है कि ममता बनर्जी और बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस में कोई फर्क नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस बर्बर घटना के खिलाफ दुनिया भर के लोग और हिंदू समुदाय विरोध कर रहे हैं, और बांग्लादेश के आम लोग भी इस घटना के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
सुवेंदु ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे संतों और युवाओं पर लाठियों का प्रयोग किया, खासकर उन लोगों पर जो केसरिया झंडा लेकर रैली निकाल रहे थे।
शांतिपूर्ण भीड़ को पानी की बौछारों (वाटर कैनन) से हटाया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह संदेश दे रही है कि यहां कोई भी केसरिया झंडा लिए आंदोलन नहीं कर सकता। उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ यूनुस सरकार कर रही है, वही ममता बनर्जी की सरकार यहां कर रही है।


