बिहार में गंगा पर जल्द दौड़ेगी वाटर मेट्रो
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के पटना में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को नई दिशा देने वाली वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है. गंगा नदी में केरल के कोच्चि मॉडल पर वाटर मेट्रो चलाने की तैयारी की जा रही है. इसके तहत करीब 12 करोड़ रुपये की लागत से तैयार विशेष बोट एमवी-गोमधर कुंवर को गंगा में उतारकर ट्रायल किया गया है. अधिकारियों के अनुसार वाटर मेट्रो का संचालन चार्जिंग स्टेशन के पूरी तरह से तैयार होने के बाद ही शुरू किया जाएगा.
कंघन घाट से दीघा घाट के बीच चलेगी वाटर मेट्रो
सूत्रों के अनुसार 3 जनवरी 2026 को कोलकाता से विशेषज्ञों की एक टीम पटना पहुंचेगी, जो बोट, रूट और सुरक्षा मानकों का विस्तृत निरीक्षण करेगी. निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर यात्री सेवा शुरू करने की हरी झंडी दी जाएगी. पहले चरण में वाटर मेट्रो कंघन घाट से दीघा घाट के बीच चलाने की योजना है. यह रूट लगभग 10.5 किलोमीटर लंबा होगा और बीच के प्रमुख घाटों पर इसके स्टॉपेज निर्धारित किए जाएंगे.
80 से 100 रुपए तक होगा किराया
वाटर मेट्रो पूरी तरह एयर कंडीशन होगी, जिसमें करीब 48 यात्रियों के बैठने की सुविधा और खड़े होने के लिए अलग से स्पेस दिया गया है. बोट के भीतर एसी, टीवी, अग्निशमन यंत्र और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जबकि बड़े शीशे वाली खिड़कियों से यात्री गंगा का खूबसूरत नजारा देख सकेंगे. किराया 80 से 100 रुपये के बीच प्रस्तावित बताया जा रहा है, हालांकि अंतिम निर्णय अभी होना बाकी है.
900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत का प्रोजेक्ट
करीब 900 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले पटना वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत आगे चलकर कई इलेक्ट्रिक बोट्स शामिल की जाएंगी और विभिन्न घाटों पर चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर चालू होने के बाद ही सेवा आम यात्रियों के लिए शुरू की.
बिहार की राजधानी पटना में नए साल से वाटर मेट्रो दौड़ने लगेगी। केरल के कोच्चि की तर्ज पर गंगा नदी में वाटर मेट्रो चलाई जाएगी। इसके लिए लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से तैयार एक बोट (नाव) गंगा नदी में उतार दी गई है। बताया जा रहा है कि 3 जनवरी 2026 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता से विशेषज्ञों की टीम इसका निरीक्षण करेगी। इसके बाद इसे आम लोगों के लिए शुरू कर दिया जाएगा। पहले चरण में पटना के कंघन घाट से दीघा घाट तक वाटर मेट्रो चलाने की योजना है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, वाटर मेट्रो में लगभग 48 लोगों के बैठने की सुविधा है। इसके अलावा, बड़ी संख्या में यात्रियों के खड़े रहने की भी जगह दी गई है। वाटर मेट्रो पूरी तरह वातानुकूलित है। इसमें एसी और टीवी की सुविधा रहेगी। सुरक्षा के लिए अग्निशमन यंत्र और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वाटर मेट्रो के अंदर से यात्रियों को गंगा नदी का खूबसूरत नजारा भी देखने को मिलेगा।
शुरुआत में वाटर मेट्रो कंघन घाट से दीघा घाट तक चलाई जाएगी। इसकी दूरी लगभग साढ़े 10 किलोमीटर है। बीच में प्रमुख घाटों पर भी इसके स्टोपेज भी होंगे। रिपोर्ट्स में वाटर मेट्रो का किराया 80 से 100 रुपये बताया जा रहा है। हालांकि अभी आधिकारिक रूप से किराया तय नहीं किया गया है।
900 करोड़ रुपये का पटना वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट
बताया जा रहा है कि पटना वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट 900 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। 12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित विशेष ‘एमवी-गोमधर कुंवर’ बोट को पटना लाया गया और इसका ट्रायल किया गया। ऐसी और भी बोट चलाई जाएंगी। ये पूरी तरह इलेक्ट्रिक बोट होंगी। इसके लिए अलग-अलग घाटों पर चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जा रहे हैं।
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