क्या तेजी से बढ़ने वाली इकॉनमी बना रहेगा भारत ?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

इन्वेस्को स्ट्रैटेजी एंड इनसाइट्स की एक रिपोर्ट में इस बात की उम्मीद जताई गई है कि नए साल में भी भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनमी बना रहेगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आरबीआइ द्वारा रेपो रेट में और कटौती से विकास दर को बढ़ावा मिलेगा।
रिपोर्ट के अनुसार वृद्धि को बढ़ाने और लंबे समय तक आत्मनिर्भर बनने के लिए अर्थव्यवस्था में सुधार बहुत जरूरी है। हालांकि, राजनीतिक विवशताओं के चलते धीरे-धीरे तरक्की की उम्मीद है। उभरते बाजारों के संदर्भ में इन्वेस्को की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैल्यूएशन के मुकाबले यहां के बाजार दूसरे इलाकों के मुकाबले आकर्षक हैं, लेकिन, विभिन्न उभरते बाजारों में स्थितियां एक जैसी नहीं हैं।
2026 में भी शानदार प्रदर्शन करेंगे
रिपोर्ट में कहा गया, ‘हमें उम्मीद है कि चीनी स्टाक बेहतर परफॉर्म करते रहेंगे, जबकि भारत को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।’ रिपोर्ट में बताया गया है कि निजी क्षेत्र की मजबूत बैलेंस शीट के चलते वैश्विक वित्तीय बाजार 2026 में भी शानदार प्रदर्शन करेंगे।
रिपोर्ट निवेश के मौकों के दोबारा संतुलन की ओर इशारा करता है। यूएस इक्विटी, खासकर बड़ी टेक्नोलाजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) से जुड़े स्टाक महंगे बने हुए हैं, लेकिन इन्वेस्को को गैर अमेरिकी बाजार, छोटे कैपिटल वाले स्टाक और साइक्लिकल सेक्टर में ज्यादा आकर्षक वैल्यूएशन दिख रहे हैं। वैश्विक गतिविधि में वृद्धि से बाजार में हिस्सेदारी को बढ़ावा मिलेगा।
भारत ने 4.18 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ जापान को पछाड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल कर लिया है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत अगले 2.5 से 3 वर्षों में जर्मनी को भी पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2030 तक इसकी जीडीपी 7.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर छह तिमाहियों के उच्चतम स्तर पर
भारतीय अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर छह तिमाहियों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, जो यह दर्शाती है कि वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल
बयान में कहा गया कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और इस विकास गति को बनाए रखने की मजबूत स्थिति में है। 2047 तक, यानी आजादी के 100वें वर्ष तक, उच्च मध्यम-आय वाला देश बनने के लक्ष्य के साथ भारत आर्थिक विकास, संरचनात्मक सुधारों और सामाजिक प्रगति की सुदृढ़ नींव पर आगे बढ़ रहा है।
जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को पहले के 6.8% से बढ़ाकर 7.3% कर दिया है
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को पहले के 6.8% से बढ़ाकर 7.3% कर दिया है। घरेलू स्तर पर मजबूत मांग, इनकम टैक्स और गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) प्रणाली का सरलीकरण, कच्चे तेल की अपेक्षाकृत कम कीमतें, सरकारी पूंजीगत खर्च, अनुकूल मौद्रिक और वित्तीय स्थितियां तथा नियंत्रित महंगाई भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार के प्रमुख कारण माने जा रहे हैं।
आर्थिक गति को बनाए रखने में निजी क्षेत्र की भूमिका लगातार मजबूत
बयान में यह भी कहा गया कि आर्थिक गति को बनाए रखने में निजी क्षेत्र की भूमिका लगातार मजबूत होती जा रही है। इसके साथ ही, सरकार निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के साथ व्यापारिक समझौते कर रही है। वर्ष 2025 में भारत ने यूके, ओमान और न्यूजीलैंड के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) किए हैं।
भारत के सामान और सेवाओं का कुल निर्यात बढ़कर रिकॉर्ड 418.91 अरब डॉलर तक पंहुचा
चालू वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान भारत के सामान और सेवाओं का कुल निर्यात बढ़कर रिकॉर्ड 418.91 अरब डॉलर तक पहुंच गया। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 5.86% की वृद्धि को दर्शाता है।


